The News Air- (चंडीगढ़) सिख फॉर जस्टिस (SFJ) के मेंबर अवतार पन्नू के भाई बलविंदर पन्नू कोटलाबामा की पंजाब एनर्जी डेवलपमेंट एजेंसी से जुड़े जेनको के चेयरमैन पद से छुट्टी हो गई है। आतंकी के भाई को कमान सौंपने पर पंजाब की CM चरणजीत चन्नी सरकार विवादों में घिरी हुई थी।
अब धनजीत सिंह विर्क को जेनको का नया चेयरमैन नियुक्त किया गया है। बलविंदर पन्नू पंजाब के वरिष्ठ मंत्री तृप्त राजिंदर बाजवा के क़रीबी हैं] जिसकी वजह से उन्हें चेयरमैन की कुर्सी मिली थी। हालांकि उसके बाद कांग्रेस नेता अश्वनी शेखड़ी के साथ विधायक फ़तेह ज़ंग बाजवा ने भी सवाल उठा दिए थे।
यह था विवाद
बलविंदर सिंह पन्नू (कोटलाबामा) SFJ के वर्ल्ड वाइड सेक्रेटरी जनरल अवतार सिंह पन्नू के भाई हैं, जिनकी संगठन में नंबर टू की पोजिशन है। SFJ को राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) आतंकी संगठन घोषित कर प्रतिबंध लगा चुकी है। इसके मेंबरों की तलाश में NIA ने कनाडा जाकर जांच भी की थी, जिसके बाद यह मुद्दा गरमाया था कि जिस संगठन को भारत सरकार आतंकी घोषित कर चुकी है, उसके सेक्रेटरी जनरल के भाई को पंजाब की चन्नी सरकार इनाम दे रही है।
कांग्रेसियों ने ही खोल दिया था मोर्चा
चन्नी सरकार ने गुपचुप तरीक़े से ही बलविंदर पन्नू की नियुक्ति कर दी थी। हालांकि जब पार्टी के भीतर ही गुटबाज़ी शुरू हुई तो सबसे पहले कादियां से कांग्रेस MLA फ़तेह ज़ंग बाजवा ने मोर्चा खोला। बाजवा ने कहा कि सरकार ने SFJ मेंबर के भाई को चेयरमैन बना दिया। इस खालिस्तानी ऑर्गेनाइजेशन पर बैन लगा हुआ है। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) कनाडा में जाकर उन पर कार्रवाई कर रही है। उनके भाई को पंजाब जेनको का चेयरमैन बनाकर सरकार क्या साबित करना चाहती है। कांग्रेस नेता अश्विनी शेखड़ी ने भी इस मामले की NIA से जांच की मांग की। उन्होंने कहा कि मंत्री तृप्त राजिंदर बाजवा पर गंभीर आरोप लगे हैं। SFJ को भारत सरकार ने बैन किया है। अगर मंत्री के उनसे संबंध हैं तो इसकी जांच होनी चाहिए। उन्होंने NIA जांच की मांग करते हुए मंत्री तृप्त राजिंदर बाजवा का इस्तीफ़ा तक मांग लिया था।
क्या है सिख फॉर जस्टिस?
सिख फॉर जस्टिस खालिस्तानी संगठन है, जिसका हेडक्वार्टर US में है। काफ़ी समय पहले भारत सरकार इस संगठन को ग़ैरक़ानूनी क़रार दे चुकी है। इस संगठन के मेंबर भारतीय जांच एजेंसी के रडार पर हैं। नवंबर के पहले हफ़्ते में NIA आतंक की जांच के लिए कनाडा गई थी। इस संगठन का मुखी गुरपतवंत सिंह पन्नू भारत में नेताओं को धमकाने के साथ लाल क़िला पर तिरंगा लगाने जैसी कई घोषणाओं को लेकर विवादों में रह चुका है।
भाई से मेरा कोई लिंक नहीं, कभी फ़ोन पर भी बात नहीं की
बलविंदर पन्नू ने इस मामले में आरोप नकारते हुए कहा था कि अवतार पन्नू उनका भाई जरुर है, लेकिन अब उससे कोई संबंध नहीं है। अवतार पन्नू 1981 में अमेरिका गया था। उसके बाद 2007 में भारत आया। उसके बाद न कभी भारत आया और न ही मेरा उससे कोई लिंक है। मेरी उससे कभी फ़ोन पर भी बात नहीं हुई। मैं कट्टर कांग्रेसी हूं। मंत्री तृप्त राजिंदर बाजवा का भी SFJ से कोई लिंक नहीं है।