Alok Singh ED Raid: एक सिपाही जिसकी सैलरी महज 30 से 40 हजार रुपये हो, लेकिन वह महलों जैसी कोठी में रहता हो और महंगी Luxury Cars में घूमता हो, तो शक होना लाजमी है। यूपी पुलिस के बर्खास्त सिपाही आलोक सिंह की कहानी कुछ ऐसी ही है, जिसके घर की तलाशी लेते वक्त Enforcement Directorate (ED) के अधिकारी भी दंग रह गए। यह मामला सिर्फ आय से अधिक संपत्ति का नहीं, बल्कि नशीली दवाओं के एक ऐसे काले साम्राज्य का है, जिसके तार कई राज्यों से जुड़े हैं।
आलीशान कोठी का गेट खोलने में लगे 30 मिनट
ईडी ने 12 दिसंबर 2025 को लखनऊ के सुशांत गोल्फ सिटी स्थित ‘स्वास्तिक सिटी’ में आलोक सिंह के घर पर छापा मारा। रिपोर्ट के मुताबिक, ED के करीब 20 सदस्य सुबह 7:30 बजे आलोक सिंह की कोठी पर पहुंचे। कोठी बाहर से ही किसी महल जैसी दिखती थी, जो उसकी काली कमाई की गवाही दे रही थी। जब टीम ने दरवाजा खटखटाया, तो घर में मौजूद महिलाओं ने गेट नहीं खोला। करीब आधे घंटे की कड़ी मशक्कत और प्रयास के बाद कोठी का गेट खोला गया, जिसके बाद टीम अंदर दाखिल हो सकी।
घर का कोना-कोना खंगाला गया
कोठी के अंदर दाखिल होते ही ED की टीम ने घर का कोना-कोना खंगाला। जांच एजेंसी ने तीन अलमारियां खुलवाईं, जिनमें रखे महत्वपूर्ण दस्तावेज, तीन Mobile Phones और कुछ फाइलें अपने कब्जे में ले लीं। यह कार्रवाई उन 30 से ज्यादा FIR के आधार पर की गई है जो पिछले दो महीनों में लखनऊ, वाराणसी, सोनभद्र, सहारनपुर और गाजियाबाद में दर्ज हुई थीं। यह जांच बताती है कि आलोक सिंह का नेटवर्क सिर्फ एक शहर तक सीमित नहीं था।
1000 करोड़ से ज्यादा की मनी लॉन्ड्रिंग
जांच में जो खुलासा हुआ है वह होश उड़ाने वाला है। यह गिरोह कोडीन (Codeine) युक्त नशीली कफ सिरप तैयार कर उसे अवैध रूप से बेचता था। इसके बाद Shell Companies (फर्जी कंपनियों) के जरिए काले धन को सफेद किया जाता था। एजेंसी को शक है कि इस पूरे Racket में 1,000 करोड़ रुपये से अधिक की Money Laundering हुई है। इस धंधे में कफ सिरप का अवैध स्टॉक, Transportation, बिजनेस और Cross Border तस्करी का पूरा नेटवर्क सक्रिय था।
25 ठिकानों पर एक साथ रेड
ईडी ने इस सिंडिकेट को तोड़ने के लिए लखनऊ, रांची और अहमदाबाद समेत देश भर में 25 ठिकानों पर छापेमारी की। इस कार्रवाई की जद में मुख्य आरोपी शुभम जायसवाल, अमित सिंह, अवैध सप्लाई देने वाले कई अफसर, निर्माता और Chartered Accountant विष्णु अग्रवाल जैसे लोग आए हैं। आलोक सिंह, शुभम जायसवाल का ही साथी बताया जा रहा है। कोर्ट ने आलोक सिंह और उसके साथी अमित सिंह ‘आटा’ को 14 दिसंबर की शाम 5 बजे तक के लिए Police Remand पर भेज दिया है।
जानें पूरा मामला
कोडीन (Codeine) एक ऐसी दवा है जो नशीली होती है और इसका गलत इस्तेमाल गंभीर स्वास्थ्य खतरा पैदा करता है। नशे की लत, लिवर पर बुरा असर और सांस लेने में दिक्कत जैसी समस्याएं इससे होती हैं, यहां तक कि Overdose से मौत भी हो सकती है। यूपी में कोडीन युक्त हर्बल और एलोपैथिक कफ सिरप, इंजेक्शन और नशीली दवाओं की अवैध खरीद-फरोख्त का यह नेटवर्क तेजी से फैल रहा था। कृष्णा नगर में हुई बड़ी बरामदगी के बाद यह साफ हो गया था कि यह एक संगठित Syndicate है, जिसे अब ईडी ने ध्वस्त करना शुरू कर दिया है।
मुख्य बातें (Key Points)
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बर्खास्त सिपाही आलोक सिंह के पास करोड़ों की संपत्ति और लग्जरी कोठी का खुलासा।
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ईडी को शक है कि इस रैकेट में 1000 करोड़ रुपये से ज्यादा की हेराफेरी हुई है।
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कोडीन कफ सिरप की अवैध तस्करी और शेल कंपनियों के जरिए मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप।
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आलोक सिंह और अमित सिंह को 14 दिसंबर तक पुलिस रिमांड पर भेजा गया।






