The News Air: प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने राज्य में कथित कोयला के कमिश्नबाजी के घोटाले (coal levy scam) से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग (Money Laundering) मामले में बुधवार को छत्तीसगढ़ सरकार (Chhattisgarh government) के तीन विभागों से जुड़े दफ्तरों पर छापा मारा। छत्तीसगढ़ पुलिस के अधिकारियों ने बताया कि ED के अधिकारी नवा रायपुर के इंद्रावती भवन में दफ्तरों में पहुंच गए हैं और इन कार्यालयों में तलाशी चल रही है।
Hindustan Times के मुताबिक, एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा, “ED नया रायपुर में श्रम, सिंचाई और पर्यावरण विभाग के कार्यालयों की तलाशी ले रही है। ज्यादा जानकारी आना अभी बाकी है।”
इससे पहले सोमवार को ED ने कांग्रेस (Congress) के आठ नेताओं से जुड़े परिसरों पर छापा मारा था, जिसके बाद पार्टी ने विरोध प्रदर्शन शुरू किया था।
छापे कांग्रेस के केंद्रीय निर्णय लेने वाले निकाय की 85वीं बैठक से कुछ दिन पहले पड़े थे। ये बैठक 24 फरवरी से 26 फरवरी तक रायपुर में आयोजित होने वाली है।
राजनीतिक स्थिति, अर्थव्यवस्था, विदेश नीति, कृषि, रोजगार, सामाजिक न्याय आदि पर चर्चा करने के लिए 15,000 से ज्यादा प्रतिनिधि इस बैठक में शामिल होंगे। ये लोग कांग्रेस के 2024 के राष्ट्रीय चुनाव अभियान के लिए रणनीति भी बनाएंगे।
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने छापेमारी को राजनीति से प्रेरित करार देते हुए दावा किया कि भारतीय जनता पार्टी (BJP) राजनीतिक विरोधियों की आवाज को कुचलने के लिए केंद्रीय एजेंसियों का दुरुपयोग कर रही है।
इससे पहले, ED की चार्जशीट में बताया गया था कि वरिष्ठ नौकरशाहों, व्यापारियों, राजनेताओं और बिचौलियों से जुड़े कार्टेल की तरफ से राज्य में लाए गए हर एक टन कोयले के लिए प्रति टन 25 रुपए की अवैध उगाही की जा रही थी।
ED ने सबसे पहले IAS अधिकारी समीर विश्नोई, इंद्रमणि ग्रुप के मालिक बिजनेसमैन सुनील अग्रवाल और “फरार” बिजनेसमैन के चाचा लक्ष्मीकांत तिवारी और सरगना सूर्यकांत तिवारी को 11 अक्टूबर में राज्य में कई शहरों में छापे मारने के बाद गिरफ्तार किया था। तीनों को PMLA की आपराधिक धाराओं के तहत गिरफ्तार किया गया है।