Punjab Haryana Water Dispute 2025 : पंजाब (Punjab) और हरियाणा (Haryana) के बीच पानी को लेकर चल रहा विवाद शनिवार को और गहरा गया जब हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सैनी (Nayab Saini) ने चंडीगढ़ स्थित हरियाणा निवास में ऑल पार्टी मीटिंग बुलाई। इस मीटिंग के बाद उन्होंने जॉइंट प्रेस कॉन्फ्रेंस में सीधे तौर पर पंजाब सरकार और मुख्यमंत्री भगवंत मान (Bhagwant Mann) पर आरोप लगाए कि उन्होंने असंवैधानिक रूप से हरियाणा का पानी रोका है। सैनी ने इसे दिल्ली में AAP की हार का बदला बताया और चेतावनी दी कि “उन्हें पानी देना ही पड़ेगा।”
सैनी ने कहा कि हरियाणा के 7 ज़िलों – सिरसा (Sirsa), फतेहाबाद (Fatehabad), हिसार (Hisar), कैथल (Kaithal), कुरुक्षेत्र (Kurukshetra), जींद (Jind) और भिवानी (Bhiwani) – में पीने के पानी की गंभीर समस्या है। 614 जलघरों में से 156 जलघर पूरी तरह सूख चुके हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि पंजाब अपने हिस्से से 17% ज्यादा पानी ले रहा है, जबकि हरियाणा को आवंटित हिस्से से कम पानी मिल रहा है।
दूसरी तरफ जालंधर (Jalandhar) में CM भगवंत मान (Bhagwant Mann) ने जवाबी हमला करते हुए कहा कि “पानी के लिए पंजाब में कत्ल हो जाते हैं, इसलिए हम एक भी बूंद नहीं देंगे।” साथ ही उन्होंने भाखड़ा ब्यास मैनेजमेंट बोर्ड (BBMB) की मीटिंग को गैरकानूनी बताकर उसका बायकॉट कर दिया। पंजाब सरकार ने कहा कि मीटिंग के लिए 7 दिन पहले नोटिस देना जरूरी होता है, जो नहीं दिया गया।
सैनी ने दावा किया कि साल 2016 से 2018 तक डैम का जल स्तर सबसे कम था, लेकिन अब यह स्तर काफी ऊपर है और अतिरिक्त पानी पाकिस्तान (Pakistan) तक बह जाता है। उन्होंने कहा कि BBMB की टेक्निकल कमेटी हर 15 दिन में पानी की जरूरतों का आकलन करती है और उसी आधार पर पानी छोड़ने का फैसला होता है।
उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि पंजाब हर साल अपने हिस्से से अधिक पानी लेता है। SYL नहर (Satluj Yamuna Link Canal) का निर्माण न होने के कारण हरियाणा अपने 3.5 MAF में से केवल 1.62 MAF पानी का ही इस्तेमाल कर पा रहा है।
26 अप्रैल को सैनी ने फोन पर CM मान को BBMB की कमेटी के फैसले की जानकारी दी थी, जिस पर कार्रवाई का आश्वासन मिला था। लेकिन 48 घंटे बीतने के बाद भी कोई जवाब नहीं मिला। इसके उलट, मान ने एक वीडियो जारी किया जिसमें तथ्यों के बिना जनता को गुमराह किया गया।
हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू (Sukhvinder Singh Sukhu) ने भी विवाद में अपना पक्ष रखा और कहा कि हिमाचल के पानी से ही पंजाब और हरियाणा लड़ाई कर रहे हैं, जबकि जमीन उनकी गई है। हिमाचल को 12% रॉयल्टी मिलनी चाहिए।
इस विवाद के बीच हरियाणा हाईकोर्ट (Punjab & Haryana High Court) में एडवोकेट रविंद्र सिंह ढुल ने भाखड़ा डैम से पंजाब पुलिस को हटाने की याचिका दायर की है। साथ ही हरियाणा सरकार अब सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) का रुख कर रही है।
सूत्रों के अनुसार, हरियाणा के 9 जिलों में पानी का संकट बढ़ रहा है और यदि स्थिति में सुधार नहीं हुआ तो दिल्ली (Delhi) और राजस्थान (Rajasthan) को मिलने वाले पानी में कटौती की जा सकती है।