Shaheedi Sabha 2025 Transport Arrangements – फतेहगढ़ साहब की पवित्र धरती पर छोटे साहिबजादों और माता गुजर कौर जी की लासानी शहादत को नमन करने पहुंचे लाखों श्रद्धालुओं के लिए इस बार का अनुभव बेहद खास और सुगम रहा। पंजाब सरकार द्वारा वार्षिक ‘शहीदी सभा-2025’ के दौरान किए गए विशेष परिवहन इंतजाम श्रद्धालुओं के लिए किसी वरदान से कम साबित नहीं हुए हैं।
‘वरदान साबित हुई मुफ्त सेवा’
मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के सीधे दिशा-निर्देशों पर अमल करते हुए, प्रशासन ने इस बार ऐतिहासिक कदम उठाए। शहीदी सभा के दौरान चलाई गई मुफ्त शटल बस सेवाओं को पंजाब के गांवों से लेकर शहरों तक जबरदस्त प्रतिसाद मिला। देश-विदेश से लाखों की तादाद में संगत फतेहगढ़ साहब पहुंची, लेकिन हैरानी की बात रही कि इतनी भारी भीड़ के बावजूद किसी को भी आने-जाने में कोई दिक्कत नहीं हुई।
दूर-दराज से आने वालों को बड़ी राहत
डिप्टी कमिश्नर डॉ. सोना थिंद के नेतृत्व और रीजनल ट्रांसपोर्ट ऑफिसर चेतन बंगड़ की निगरानी में एक व्यापक प्लान तैयार किया गया था। संगत की जरूरत को देखते हुए विभिन्न विधानसभा हलकों और दूर-दराज के इलाकों से बड़ी संख्या में मुफ्त शटल बसें चलाई गईं। इससे लंबी दूरी तय करके आने वाले श्रद्धालुओं को बहुत बड़ी राहत मिली और उनका सफर आसान हो गया।
बुजुर्गों और महिलाओं के लिए 100 ई-रिक्शा
सिर्फ बसें ही नहीं, शहर के अंदरूनी और भीड़भाड़ वाले इलाकों के लिए भी खास इंतजाम थे। बच्चों, बुजुर्गों, महिलाओं और दिव्यांगों की सुविधा का विशेष ध्यान रखते हुए 100 मुफ्त ई-रिक्शा चलाए गए। इन ई-रिक्शों ने दिन-रात सेवाएं प्रदान कीं। इस पहल ने भीड़ के बीच गुरुद्वारा साहिब तक पहुंचने में आने वाली दिक्कतों को लगभग खत्म कर दिया।
आम आदमी पर असर (Human Impact)
जिला प्रशासन और पुलिस के इन बेहतरीन इंतजामों के चलते ग्रामीण इलाकों से बड़ी संख्या में श्रद्धालु इन बसों के जरिए आसानी से नतमस्तक होने पहुंच सके। लोगों का कहना है कि यह सुविधा विशेष रूप से आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों और बुजुर्गों के लिए बहुत मददगार साबित हुई है, जिन्हें पहले किराए और भीड़ की चिंता सताती थी।
‘5 दिन तक निर्बाध चली सेवा’
प्रशासन ने संगत की सुविधा के लिए इन सेवाओं का दायरा मुख्य दिनों से आगे भी बढ़ाया। डिप्टी कमिश्नर डॉ. सोना थिंद ने बताया कि उनका मकसद संगत की सेवा करना था। इसलिए 25, 26 और 27 दिसंबर के अलावा, 24 दिसंबर और 28 दिसंबर को भी ये मुफ्त बस सेवाएं निर्बाध रूप से जारी रखी गईं। संगत की जरूरत के मुताबिक ये सेवाएं सुबह 8 बजे से रात 10 बजे तक चलती रहीं, जिससे श्रद्धालुओं ने बड़ी राहत महसूस की।
संगत ने जताया सीएम का आभार
शहीदी सभा में पहुंची संगत ने मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान का विशेष तौर पर धन्यवाद किया। श्रद्धालुओं का कहना था कि यह पहली बार है जब इतने बड़े स्तर पर उनकी सुविधा के लिए सर्वोत्तम और मुफ्त आवाजाही के प्रबंध किए गए हैं। सरकार के इस कदम की हर तरफ सराहना हो रही है।
विश्लेषण: सुशासन और संवेदनशीलता का मेल (Expert Analysis)
शहीदी सभा जैसे विशाल और भावनात्मक आयोजन में लॉजिस्टिक्स और भीड़ प्रबंधन एक बहुत बड़ी चुनौती होती है। पंजाब सरकार का यह कदम केवल परिवहन सुविधा देने तक सीमित नहीं था, बल्कि यह सुशासन और संवेदनशीलता का एक बेहतरीन उदाहरण है। दूर-दराज के गांवों से श्रद्धालुओं को मुफ्त में लाना और भीड़भाड़ में बुजुर्गों के लिए ई-रिक्शा चलाना दर्शाता है कि प्रशासन ने जमीनी स्तर की जरूरतों को समझा और एक माइक्रो-प्लानिंग के तहत काम किया। यह एक ऐसा मॉडल है जो न केवल श्रद्धालुओं की सुविधा सुनिश्चित करता है, बल्कि सरकार और आम जनता के बीच भरोसे को भी मजबूत करता है।
जानें पूरा मामला (Background)
यह पूरा घटनाक्रम फतेहगढ़ साहब में आयोजित वार्षिक ‘शहीदी सभा’ से जुड़ा है। यह सभा सिखों के दसवें गुरु, श्री गुरु गोबिंद सिंह जी के छोटे साहिबजादों—बाबा जोरावर सिंह और बाबा फतेह सिंह—और माता गुजरी जी की अद्वितीय शहादत को समर्पित होती है। हर साल दिसंबर के अंत में लाखों श्रद्धालु इस पवित्र स्थान पर नतमस्तक होने आते हैं। इस साल, 2025 में, पंजाब सरकार ने श्रद्धालुओं की भारी आमद को देखते हुए ये विशेष मुफ्त यात्रा प्रबंध किए थे।
मुख्य बातें (Key Points)
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सीएम भगवंत मान के निर्देश पर ‘शहीदी सभा-2025’ में विशेष परिवहन इंतजाम किए गए।
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श्रद्धालुओं के लिए 5 दिनों (24-28 दिसंबर) तक मुफ्त शटल बसें चलाई गईं।
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शहर के अंदरूनी हिस्सों के लिए 100 मुफ्त ई-रिक्शा दिन-रात सेवा में रहे।
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बुजुर्गों, महिलाओं, दिव्यांगों और आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों को विशेष लाभ हुआ।
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संगत ने इन बेहतरीन इंतजामों के लिए पंजाब सरकार का विशेष आभार जताया।






