The News Air- पंजाब में CM चरणजीत चन्नी के भाई डॉ. मनोहर सिंह ने बग़ावत कर दी है। उन्होंने शुक्रवार को बस्सी पठाना सीट से निर्दलीय नामांकन भर दिया है। इससे पहले सीएम चन्नी ने कहा था कि वह भाई को समझा लेंगे लेकिन वह नहीं मना सके। डॉ. मनोहर बस्सी पठाना सीट से कांग्रेस की टिकट पर दावेदारी जता रहे थे। हालांकि कांग्रेस ने मौजूदा विधायक गुरप्रीत जीपी को ही टिकट दे दी। जीपी को पंजाब कांग्रेस चीफ़ नवजोत सिद्धू का समर्थन मिला। जिसके बाद डॉ. मनोहर का पत्ता कट गया।
चुनाव लड़ने के लिए छोड़ी नौकरी
डॉ. मनोहर पंजाब सेहत विभाग में कार्यरत थे। उनकी तैनाती खरड़ में सीनियर मेडिकल अफ़सर के पद पर थी। हालांकि भाई के मुख्यमंत्री बनने के बाद वह भी राजनीति में कूद पड़े। उन्होंने पद से इस्तीफ़ा देकर चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया।जिसके बाद वह बस्सी पठाना में जाकर राजनीतिक कार्यक्रम करने लगे।
विधायक ने ट्रांसफर करवा दी थी, इसलिए मैदान में
सीएम चन्नी के भाई के चुनाव लड़ने के पीछे की वजह भी दिलचस्प है। कोरोना काल में डॉ. मनोहर की तैनाती बस्सी पठाना में थी। तब वह लोगों से मिल रहे थे। इसके बाद उनकी राजनीतिक महत्वकांक्षा भी जागने लगी। इसका पता बस्सी पठाना से कांग्रेस के विधायक गुरप्रीत जीपी को मिली तो उन्होंने डॉ. मनोहर का ट्रांसफर करा दिया। उस वक़्त कैप्टन अमरिंदर सिंह पंजाब के मुख्यमंत्री थे।अब चन्नी सीएम बने तो भाई चुनाव मैदान में उतर गए। ख़ुद सीएम चन्नी ने भी यह बात कही कि विधायक गुरप्रीत जीपी ने उनका ट्रांसफर कराया था, इसी नाराज़गी की वजह से वह मनोहर चुनाव लड़ना चाहते हैं।
वन फैमिली-वन टिकट पॉलिसी बनी बाधा
कांग्रेस ने पंजाब में टिकट के लिए वन फैमिली-वन टिकट की पॉलिसी लागू कर दी। जिसके बाद सीएम चन्नी भाई को टिकट नहीं दिला सके। हालांकि इसके उलट पूर्व सीएम राजिंदर कौर भट्ठल के दामाद बिक्रम बाजवा, नवजोत सिद्धू के भतीजे स्मित सिंह, सांसद चौधरी संतोख सिंह के बेटे विक्रम चौधरी, सांसद अमर सिंह के बेटे कामिल अमर सिंह को टिकट दी गई। जिसके बाद आम आदमी पार्टी ने भी निशाना साधा कि कांग्रेस ने सीएम चन्नी के साथ धक्केशाही की।
कोई केस नहीं, करोड़पति हैं सीएम के भाई लेकिन उन पर क़र्ज़ा भी है
नामांकन में डॉ. मनोहर सिंह ने बताया कि उनके ख़िलाफ़ कोई क्रिमिनल केस नहीं है। उनकी प्रॉपर्टी क़रीब 4 करोड़ है। जिसमें 1.34 करोड़ चल और 2.60 करोड़ की अचल संपत्ति है। इसमें 90 लाख की विरासती प्रॉपर्टी शामिल है। इसके अलावा उन पर 39.20 लाख का क़र्ज़ा भी है।