CJI Suryakant Oath Ceremony: आज जस्टिस सूर्यकांत ने भारत के 53वें मुख्य न्यायाधीश (CJI) के रूप में शपथ ली है, लेकिन इस दौरान लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी के अनुपस्थित रहने पर भाजपा ने बड़ा राजनीतिक विवाद खड़ा कर दिया है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने जस्टिस सूर्यकांत को भारत के 53वें मुख्य न्यायाधीश के तौर पर पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई।
जस्टिस सूर्यकांत का कार्यकाल 14 महीनों का होगा और उन्होंने CJI भूषण आर. गवई का स्थान लिया है। भाजपा ने राहुल गांधी की गैरमौजूदगी को संवैधानिक परंपराओं और प्रक्रियाओं में उनके अविश्वास से जोड़ते हुए निशाना साधा है। यह खबर आम पाठक के लिए इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि यह देश के सबसे बड़े संवैधानिक पद और विपक्ष के नेता के बीच लोकतांत्रिक जुड़ाव को प्रभावित करती है।
‘संवैधानिक प्रक्रिया पर क्यों उठा सवाल’
दरअसल, जस्टिस सूर्यकांत के शपथ ग्रहण समारोह में कई महत्वपूर्ण हस्तियाँ मौजूद रहीं, लेकिन नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी नज़र नहीं आए। इस बात को लेकर भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता सीआर केशवन ने ‘एक्स’ पर पोस्ट करते हुए राहुल गांधी पर हमला बोला। उन्होंने साफ तौर पर कहा कि यह पहली बार नहीं है जब राहुल गांधी ने इस तरह के किसी महत्वपूर्ण संवैधानिक कार्यक्रम से दूरी बनाई हो।
केशवन ने उपराष्ट्रपति के शपथ ग्रहण और स्वतंत्रता दिवस समारोह का भी ज़िक्र किया। उनका आरोप है कि इस तरह की हरकतों से यह साबित होता है कि राहुल गांधी को देश की संवैधानिक प्रक्रियाओं पर यकीन नहीं है। इतना ही नहीं, उन्होंने कहा कि यह बाबा अंबेडकर जी के संविधान के प्रति उनकी नापसंद को भी जाहिर करता है।
‘इमरजेंसी लगाकर कांग्रेस ने की संविधान की हत्या’
भाजपा प्रवक्ता ने अपने पोस्ट में कांग्रेस के इतिहास को भी जोड़ा। उन्होंने लिखा कि कांग्रेस ने आपातकाल (इमरजेंसी) लगाकर संविधान की हत्या की थी और वह खुद लोकतांत्रिक परंपराओं में विश्वास नहीं करती। उन्होंने चेतावनी दी कि इस तरह की हरकतें लोगों की नज़रों से बच नहीं पाएंगी।
एक अन्य बीजेपी नेता प्रदीप भंडारी ने भी ‘एक्स’ पर पोस्ट के जरिए राहुल गांधी पर निशाना साधा। उन्होंने सीधे सवाल किया कि बतौर लोकसभा में विपक्ष के नेता, राहुल ने कार्यवाही में बाधा पहुँचाने और संवैधानिक शपथ ग्रहण समारोहों से दूर रहने के अलावा कौन सा महत्वपूर्ण काम किया है।
‘विपक्ष की पिछली पंक्ति पर हुआ था बवाल’
याद दिला दें कि स्वतंत्रता दिवस समारोह में भी कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और राहुल गांधी शामिल नहीं हुए थे, जिस पर उस वक्त भी बीजेपी ने सवाल उठाया था। उस समय कांग्रेस ने जवाब दिया था कि विपक्ष के नेता को अग्रिम पंक्ति में बिठाया जाता है, लेकिन पिछली बार राहुल गांधी को पिछली पंक्ति में बिठाया गया था, इसलिए वह इस साल समारोह में नहीं गए थे।
हालांकि, मुख्य न्यायाधीश के शपथ ग्रहण समारोह से अनुपस्थित रहने को लेकर कांग्रेस या खुद राहुल गांधी की तरफ से अभी तक कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है।
‘क्या है पृष्ठभूमि’
निवर्तमान CJI बी. आर. गवई के 65 साल पूरे होने के कारण सेवानिवृत्त होने के बाद, नए मुख्य न्यायाधीश की नियुक्ति की गई है। गवई ने सुप्रीम कोर्ट के सबसे वरिष्ठ जज को अगला CJI बनाने की परंपरा को कायम रखते हुए जस्टिस सूर्यकांत को अपना उत्तराधिकारी चुना था। जस्टिस सूर्यकांत कई अहम फैसलों में सुप्रीम कोर्ट की बेंच का हिस्सा रह चुके हैं, जिनमें अनुच्छेद 370 को रद्द करने से संबंधित सुनवाई और बिहार में ‘एसआईआर’ पर सुनवाई शामिल है। उन्होंने चुनाव आयोग को ‘एसआईआर’ के दौरान हटाए गए 65 लाख वोटरों की सूची जारी करने का आदेश भी दिया था।
मुख्य बातें (Key Points)
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जस्टिस सूर्यकांत ने आज भारत के 53वें मुख्य न्यायाधीश के रूप में शपथ ली है, जिनका कार्यकाल 14 महीने का होगा।
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राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने उन्हें पद की शपथ दिलाई, लेकिन लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी समारोह से अनुपस्थित रहे।
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भाजपा ने राहुल गांधी की गैरमौजूदगी पर सवाल उठाते हुए इसे संवैधानिक प्रक्रिया और लोकतांत्रिक परंपराओं में अविश्वास बताया है।
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कांग्रेस ने CJI के शपथ ग्रहण से अनुपस्थिति पर अभी तक कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया जारी नहीं की है।






