लेह, 29 मई
लद्दाख में भले स्थिति सामान्य हो रही है लेकिन दुश्मन पर भारत की नजर लगातार बनी हुई है। ऐसे में भविष्य की तैयारियों में भी भारतीय सेना पीछे नहीं है। ऐसे में चीन के साथ चल रही तनातनी के बीच वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर भारत ने पूर्वी लद्दाख में अपनी के-9 वज्र तोपों को तैनात कर दिया है। खुद आर्मी की उधमपुर (जम्मू-कश्मीर) स्थित उत्तरी कमान ने सह-सेना प्रमुख के साथ इन तस्वीरों को शेयर किया। बता दें कि सह-सेना प्रमुख, लेफ्टिनेंट जनरल सी पी मोहंती इन दिनों तीन दिनों के लिए लद्दाख में हैं।
इस दौरान वे लेह स्थित फायर एंड फ्यूरी (14वीं) कोर के हेडक्वार्टर का भी दौरा कर रहे हैं और चीन से सटी LAC पर तैनात सैनिकों की ऑपरेशन्ल तैयारियों की समीक्षा ले रहे हैं। इसी दौरान LAC की एक फॉरवर्ड लोकेशन पर सह-सेना प्रमुख को के-9 तोपों की तैनाती के संबंध में भी जानकारी दी गई। ये पहली बार है कि के-9 तोपों को LAC पर तैनात किया गया है। बता दें कि वर्ष 2017 में भारत ने दक्षिण कोरिया से 100 के-9 तोपों की डील की थी। इस तोपों में से कुछ सीधे दक्षिण कोरिया से खरीदी गई थीं और बाकी गुजरात के हजीरा में एलएंडटी कंपनी ने कोरिया की सहायता से बनाकर आर्मी को सौंपी थीं।
इसी साल फरवरी के महीने में एलएंडटी ने इंडियन आर्मी चीफ, जनरल एमएम नरवणें को 100वीं तोप सौंपी थी। खास बात ये है कि ये सेल्फ-प्रोपेल्ड आर्टेलेरी गन हैं यानि इन तोपों को किसी ट्रक या किसी दूसरी प्रकार से खींचने की आवश्यकता नहीं होती है, बल्कि इनमें टैंक की तरह व्हील लगे होतें हैं और खुद रेगिस्तान और पहाड़ों तक में दौड़ सकती हैं।
K9 वज्र तोपों की खूबियां
इससे पहले K9 वज्र को मैदानी और रेगिस्तानी इलाकों में तैनात करके देखा जा चुका है। इन्हें पाकिस्तान से सटी अपनी पश्चिमी सीमा पर तैनात करके देख चुका है। K9 के वार करने की मैक्सिमम रेंज 28 से 38 किलोमीटर है। K9 वज्र में तीन तरह के फायरिंग मोड हैं। पहला बर्स्ट मोड, जिसमें 30 सेकेंड के अंदर तीन राउंड फायर हो सकते हैं। दूसरा मोड है इन्टेंस मोड, जिसमें ताबड़तोड़ फायरिंग होगी। इसमें तीन मिनट के अंदर 15 राउंड तक फायरिंग होती है। तीसरे मोड का नाम है सस्टेन्ड। इसमें एक घंटे के अंदर 60 राउंड फायरिंग हो पाएगी। यानी, एक मिनट में एक राउंड फायरिंग हो सकती है।