India-China-Pakistan Espionage : भारत, चीन और पाकिस्तान (India, China and Pakistan) के बीच चल रहे हालिया संघर्ष के बीच एक चौंकाने वाली रिपोर्ट सामने आई है, जिसमें दावा किया गया है कि जंग के दौरान चीन (China) ने पाकिस्तान (Pakistan) के लिए भारत (India) की जासूसी की थी। यह रिपोर्ट रक्षा मंत्रालय से संबद्ध थिंक टैंक ‘सेंटर फॉर जॉइंट वॉरफेयर स्टडीज (Centre for Joint Warfare Studies – CJWS)’ द्वारा जारी की गई है, जिसमें दो बड़े खुलासे सामने आए हैं। यह खुलासे ऐसे समय आए हैं जब भारत और पाकिस्तान के बीच तनावपूर्ण हालात थोड़े शांत हैं, लेकिन अब इस पूरे घटनाक्रम में चीन की भूमिका पर गंभीर सवाल उठ रहे हैं।
CJWS की रिपोर्ट के अनुसार, ऑपरेशन सिंदूर (Operation Sindoor) के दौरान भारत ने पाकिस्तान को करारा जवाब दिया, लेकिन इस बीच चीन ने पाकिस्तान की पूरी तरह से खुफिया और तकनीकी मदद की। रिपोर्ट के अनुसार, चीन ने पाकिस्तान की एयर डिफेंस और रडार सिस्टम को फिर से व्यवस्थित किया, जिससे भारत की सैन्य गतिविधियों की निगरानी आसान हो सके।
22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर (Jammu & Kashmir) के पहलगाम (Pahalgam) में हुए आतंकी हमले के बाद शुरू हुए संघर्ष में चीन ने पाकिस्तान की सैटेलाइट निगरानी प्रणाली को भारत पर केंद्रित करने में मदद की। मेजर जनरल (सेवानिवृत्त) अशोक कुमार (Maj. Gen. (Retd.) Ashok Kumar), जो CJWS के महानिदेशक हैं, उन्होंने बताया कि चीन ने पाकिस्तान की रडार तैनाती इस प्रकार से करवाई ताकि यदि भारत कोई हवाई हमला करे, तो पाकिस्तान को इसकी पूर्व सूचना मिल सके।
हालांकि पाकिस्तान ने इस आरोप से इनकार करते हुए दावा किया है कि उसने सिर्फ चीन से प्राप्त हथियारों का उपयोग किया, लेकिन रिपोर्ट के अनुसार चीन ने न केवल रणनीतिक बल्कि खुफिया और तकनीकी मदद भी दी। यह भी उल्लेख किया गया कि चीन ने इस पूरे संघर्ष को अपने रक्षा उपकरणों की ‘लाइव फायर टेस्टिंग’ के रूप में देखा, लेकिन कई उपकरण असफल साबित हुए।
इस रिपोर्ट के अनुसार भारत का रक्षा नेटवर्क इतना मज़बूत था कि उसने पाकिस्तान के ड्रोन हमलों को प्रभावी ढंग से निष्क्रिय कर दिया। विश्लेषकों का मानना है कि भारत की सामरिक तैयारी ने न केवल पाकिस्तान बल्कि चीन की योजनाओं को भी विफल कर दिया।
ऑपरेशन सिंदूर के अंतर्गत भारतीय सेना ने 6 और 7 मई को पाकिस्तान में घुसकर जैश-ए-मोहम्मद (Jaish-e-Mohammed), लश्कर-ए-तैयबा (Lashkar-e-Taiba) और हिजबुल मुजाहिदीन (Hizbul Mujahideen) के आतंकी ठिकानों पर सटीक हमले किए। इसमें 100 से अधिक आतंकवादी मारे गए और कई पाकिस्तानी सैनिक भी मारे गए। इस मिशन में भारतीय सेना ने ऐसा साहस और पराक्रम दिखाया जिसने पाकिस्तान के साथ-साथ चीन की उम्मीदों पर भी पानी फेर दिया।
यह रिपोर्ट भारत की सैन्य और खुफिया तैयारियों की पुष्टि करती है और इस बात का प्रमाण देती है कि बाहरी साजिशें भारतीय सेना के हौसले को नहीं डिगा सकतीं।






