Chandigarh Missing Children News : चंडीगढ़ के रायपुर खुर्द से अचानक लापता हुए दो बच्चों की कहानी में एक नाटकीय मोड़ आया है। घर के बाहर खेल रहे 8 और 12 साल के ये बच्चे रहस्यमय तरीके से गायब हो गए थे, लेकिन अब राहत की खबर यह है कि दोनों को उत्तर प्रदेश (UP) में सुरक्षित खोज निकाला गया है। इस घटना ने हर किसी को चौंका दिया है कि आखिर बच्चे इतनी दूर पहुंचे कैसे?
चंडीगढ़ में अपने घर के बाहर खेलते-खेलते गायब हुए आयुष (12 वर्ष) और इशांत (8 वर्ष) के मामले ने पुलिस और परिजनों की नींद उड़ा दी थी। लेकिन, जीआरपी (GRP) पुलिस की मुस्तैदी ने एक बड़ा हादसा होने से बचा लिया। जानकारी के मुताबिक, दोनों बच्चे चंडीगढ़ से बस पकड़कर पहले अंबाला पहुंचे और वहां से गोरखपुर-लखनऊ जाने वाली ट्रेन में सवार हो गए। वे बिना किसी टिकट और अभिभावक के सफर कर रहे थे, जो अपने आप में एक बड़ा खतरा था।
जीआरपी की नजर और सुरक्षित रेस्क्यू
यूपी के रेलवे स्टेशन पर जब जीआरपी पुलिस ने इन दोनों बच्चों को अकेले भटकते देखा, तो उन्हें शक हुआ। पुलिस ने जब उनसे पूछताछ की, तो बच्चे घबराए हुए थे और कुछ भी स्पष्ट नहीं बता सके। स्थिति की गंभीरता को समझते हुए जीआरपी ने बच्चों को अपने संरक्षण में ले लिया और तुरंत चंडीगढ़ पुलिस से संपर्क किया। सूचना मिलते ही चंडीगढ़ पुलिस की एक टीम बच्चों को वापस लाने के लिए रवाना हो चुकी है।
पिता ने लिया बेटे को साथ
इस घटनाक्रम में एक अहम जानकारी यह भी सामने आई है कि लापता बच्चे आयुष के पिता उस समय लखनऊ में ही मौजूद थे। सूचना मिलने पर वह मौके पर पहुंचे और अपने बच्चे ‘पीयूष’ (जैसा कि स्रोत में उल्लेखित है) को अपने साथ ले गए। वहीं, दूसरे बच्चे को पुलिस अभिरक्षा में सुरक्षित रखा गया है। दोनों बच्चों का किसी के साथ कोई झगड़ा नहीं हुआ था, वे अपनी मर्जी से ही निकले थे।
CCTV में कैद हुई आखिरी झलक
पुलिस जांच में एक सीसीटीवी (CCTV) फुटेज भी सामने आया है, जिसने इस मामले की गुत्थी सुलझाने में मदद की। फुटेज में आयुष लाल रंग की शर्ट और इशांत काले कपड़ों में जाते हुए दिखाई दे रहे हैं। फुटेज में साफ दिख रहा है कि एक बच्चे ने दूसरे के कंधे पर हाथ रखा हुआ है, जिससे यह अंदाजा लगाया जा सकता है कि वे किसी डर में नहीं बल्कि अपनी धुन में कहीं जा रहे थे। यह फुटेज उसी मोहल्ले का है जहां वे रहते थे।
परिजनों का बुरा हाल
इशांत की मां का कहना है कि वह अस्पताल गई थीं और जब शाम 4:30 बजे लौटीं, तो लगा बेटा ट्यूशन गया है, लेकिन वह वहां नहीं था। वहीं, आयुष की मां ने बताया कि वे काम पर गए थे और लंच में लौटे तो बच्चा गायब मिला। यह परिवार करीब एक साल पहले ही चंडीगढ़ आया था, इसलिए बच्चों को शहर के रास्तों की ज्यादा जानकारी भी नहीं थी।
विश्लेषण: बाल सुरक्षा और निगरानी की कमी
यह घटना एक गंभीर सवाल खड़ा करती है कि आखिर इतने छोटे बच्चे बिना किसी रोक-टोक के बस और ट्रेन में कैसे सफर करते रहे? यह व्यवस्था में बड़ी चूक और आम लोगों की अनदेखी को दर्शाता है। अक्सर हम अकेले सफर कर रहे बच्चों को देखकर नजरअंदाज कर देते हैं, जबकि एक छोटी सी पहल उन्हें गलत हाथों में पड़ने से बचा सकती है। इसके अलावा, प्रवासी मजदूरों के बच्चों के लिए डे-केयर या सुरक्षित सामुदायिक स्थानों की कमी भी उन्हें असुरक्षित बनाती है, जिस पर प्रशासन को ध्यान देने की सख्त जरूरत है।
जानें पूरा मामला
मामला चंडीगढ़ के रायपुर खुर्द इलाके का है, जहां प्रवासी मजदूर परिवार रहते हैं। यहां के दो बच्चे आयुष और इशांत घर के बाहर खेलते वक्त लापता हो गए थे। परिजनों की शिकायत के बाद मौली जागरां थाना प्रभारी इंस्पेक्टर हरिओम ने जांच शुरू की थी। शुरुआत में अपहरण की आशंका जताई जा रही थी, लेकिन सीसीटीवी फुटेज और जीआरपी की सूचना ने स्थिति साफ कर दी कि बच्चे खुद ही घर से निकले थे।
मुख्य बातें (Key Points)
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Chandigarh Missing Children News: दोनों बच्चे यूपी के रेलवे स्टेशन पर जीआरपी को मिले।
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CCTV Footage: बच्चे एक-दूसरे के कंधे पर हाथ रखकर जाते हुए सीसीटीवी में कैद हुए थे।
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Travel Route: बच्चों ने पहले अंबाला की बस ली और फिर गोरखपुर-लखनऊ ट्रेन पकड़ी।
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Recovery: आयुष के पिता लखनऊ में थे और बच्चे को अपने साथ ले गए, पुलिस टीम दूसरे बच्चे को लेने गई है।






