The News Air- (चंडीगढ़) सिद्धार्थ चट्टोपाध्याय पंजाब के कार्यकारी डीजीपी बने रहेंगे। पंजाब सरकार ने मंगलवार को रखी UPSC की मीटिंग से दूरी बना ली। इस मीटिंग में चीफ़ सेक्रेटरी और एडिशनल चीफ़ सेक्रेटरी (गृह विभाग) को शामिल होना था, लेकिन वह नहीं गए। जिस वजह से मीटिंग मुल्तवी करना पड़ा।
पंजाब सरकार ने कहा कि वह पिछले पैनल के हिसाब से ही डीजीपी के नाम भेजें, जिसमें सिद्धार्थ चट्टोपाध्याय का नाम भी शामिल है। सरकार चाहती है कि विस चुनाव के लिए आचार संहिता लगने तक डीजीपी को नहीं बदला जाएगा। इसके बाद अधिकार चुनाव आयोग के हाथ में आ जाएगा तो वह जो चाहे फ़ैसला करें।
यह फंसा हुआ है पेंच
पंजाब में कैप्टन अमरिंदर सिंह की जगह चरणजीत चन्नी को CM बनाने के बाद DGP दिनकर गुप्ता छुट्टी पर चले गए। पंजाब सरकार ने उन्हें पद से नहीं हटाया, लेकिन 30 सितंबर को UPSC को 10 अफ़सरों की लिस्ट भेज दी। हालांकि इस पर UPSC ने ऑब्जेक्शन लगा दिया कि जब डीजीपी का पद ख़ाली नहीं था तो वह उस आधार पर पैनल नहीं भेज सकते। दिनकर को 5 अक्टूबर को हटाया गया। इसलिए उसी तारीख़ से डीजीपी की नियुक्ति का फ़ैसला होगा।
अगर ऐसा होता है तो फिर सिद्धार्थ चट्टोपाध्याय डीजीपी की रेस से बाहर हो जाएंगे, क्योंकि वह 31 मार्च 2022 को सेवामुक्त हो रहे हैं। ऐसे में 5 अक्टूबर के हिसाब से उनका नियमों के मुताबिक़, 6 महीने का कार्यकाल नहीं बचा हुआ है। हालांकि अगर 30 सितंबर के हिसाब से आकलन करें तो वह इस शर्त को पूरी कर सकते हैं। इसी वजह से पंजाब सरकार इसे लटका रही है।
5 दिन पहले ही कार्यकारी डीजीपी बने चट्टोपाध्याय
सिद्धार्थ चट्टोपाध्याय को 5 दिन पहले ही कार्यकारी डीजीपी बनाया गया है। इससे पहले सीएम चरणजीत चन्नी ने इक़बाल प्रीत सहोता को डीजीपी का चार्ज सौंपा था। हालांकि जब ड्रग केस में पूर्व अकाली मंत्री बिक्रम मजीठिया पर कार्रवाई की बारी आई तो फिर चट्टोपाध्याय को ज़िम्मा सौंप दिया गया। अब सरकार नया डीजीपी लगाकर चुनाव के अंतिम वक़्त में किसी तरह के कामकाज को प्रभावित नहीं करना चाहती। जिसकी वजह से UPSC की मीटिंग को लटकाने की कोशिश की जा रही है।