इसके साथ ही बद्रीनाथ धाम (Badrinath Dham temple) के कपाट आगामी 27 अप्रैल की सुबह 7.10 बजे खोल दिए जाएंगे। वहीं मंदिर के कपाट खोलने से पहले गाड़ू घड़ा तेल कलश की यात्रा आगामी 12 अप्रैल से शुरू होगी।
कब बंद हो जाते हैं चारों धाम के मंदिर
जानकारी हो कि, बद्रीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री, चारों धाम के मंदिर शीतकाल में भक्तों के लिए बंद कर दिए जाते हैं, क्योंकि यहां बर्फबारी के चलते ठंड काफी ज्यादा हो जाती है। ठंड का मौसम बीतने पर इन चारों मंदिरों के कपाट भक्तों के लिए खोल दिए जाते हैं।
जहां ‘नारद’ लेते हैं पूजन दायित्व
ऐसी मान्यता है कि जब धाम के कपाट खुले रहते हैं, तब यहां नर यानी रावल पूजा करते हैं और वहीं इनके बंद होने के बाद यहां नारद मुनि शिव पूजा-पाठ का पूरा दायित्व संभालते हैं। वहीं इस मंदिर के पास ही लीलाढुंगी में नारद जी का प्राचीन मंदिर है। माना जाता है भगवान विष्णु ने भी यहां तपस्या की थी। उस समय महालक्ष्मी ने बदरी यानी बेर का पेड़ बनकर विष्णुजी को छाया प्रदान की थी। लक्ष्मीजी के इस त्याग और सर्मपण से भगवान अति प्रसन्न हुए थे और इस जगह को तब बद्रीनाथ नाम मिला था।