बठिंडा (Bathinda), 25 जनवरी (The News Air): कबड्डी का खेल, जिसे परंपरागत रूप से अनुशासन और जोश के साथ खेला जाता है, बठिंडा में एक भयंकर जंग में बदल गया। नॉर्थ जोन इंटर यूनिवर्सिटी एंड ऑल इंडिया इंटर यूनिवर्सिटी कबड्डी चैंपियनशिप 2024-2025 के दौरान, तमिलनाडु (Tamil Nadu) की महिला खिलाड़ियों पर हमला हुआ, जिसके बाद मैदान जंग का अखाड़ा बन गया। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है।
यह विवाद तब शुरू हुआ जब मैच रेफरी के एक फैसले ने माहौल को भड़का दिया। उसके बाद न केवल खिलाड़ी, बल्कि दर्शक और आयोजक भी इस झगड़े में शामिल हो गए। कुर्सियां तोड़ी गईं, और दोनों तरफ से लात-घूंसे बरसाए गए।
घटना का पूरा विवरण
यह मामला बठिंडा (Bathinda) के एक खेल आयोजन का है, जिसमें मदर टेरेसा यूनिवर्सिटी (Mother Teresa University), पेरियार यूनिवर्सिटी (Periyar University), अलगप्पा यूनिवर्सिटी (Alagappa University) और भारथिअर यूनिवर्सिटी (Bharathiar University) जैसे कई बड़े संस्थानों की टीमें भाग ले रही थीं।
मैच के दौरान, मदर टेरेसा यूनिवर्सिटी और दरभंगा यूनिवर्सिटी (Darbhanga University) के बीच हुए मुकाबले में फाउल अटैक के बाद विवाद खड़ा हो गया। खिलाड़ियों ने रेफरी के फैसले को लेकर अपील की, लेकिन बात इतनी बढ़ गई कि एक रेफरी ने मदर टेरेसा यूनिवर्सिटी की एक खिलाड़ी पर कथित तौर पर हमला कर दिया।
इसके बाद माहौल पूरी तरह से बिगड़ गया। वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि कैसे लोग एक-दूसरे पर कुर्सियां फेंक रहे हैं और मारपीट कर रहे हैं।
वीडियो वायरल: क्या खिलाड़ी, क्या अधिकारी?
इस घटना से जुड़ा वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो चुका है। वीडियो में यह साफ नहीं हो पा रहा है कि लड़ाई में शामिल लोग खिलाड़ी थे, अधिकारी थे, या दर्शक। लेकिन यह बात साफ है कि इस मारपीट में किसी भी तरह का अनुशासन नहीं दिखा।
जमकर फेंकी गईं कुर्सियां: वीडियो में दिख रहा है कि दोनों पक्षों ने एक-दूसरे पर कुर्सियां फेंकीं। लोग मैदान में ही लात-घूसे मारते हुए नजर आए।
तमिलनाडु डिप्टी सीएम का बयान
घटना के बाद तमिलनाडु के उपमुख्यमंत्री उदयनिधि स्टालिन (Udhayanidhi Stalin) ने बड़ा बयान दिया। उन्होंने कहा, “तमिलनाडु की सभी महिला खिलाड़ी सुरक्षित हैं। उन्हें जल्द ही वापस लाया जाएगा। इस घटना की जांच हो रही है।”
उदयनिधि स्टालिन के इस बयान के बाद खिलाड़ियों के परिवार और प्रशंसकों ने थोड़ी राहत की सांस ली है।
रेफरी का फैसला बना विवाद का कारण
यह घटना उस समय शुरू हुई, जब एक खिलाड़ी ने फाउल की अपील की, लेकिन रेफरी ने इसे खारिज कर दिया। इसके बाद खिलाड़ियों और रेफरी के बीच बहस शुरू हो गई, जो जल्दी ही मारपीट में बदल गई।
पुलिस और प्रशासन का क्या है कहना?
बठिंडा पुलिस ने कहा है कि मामले की जांच की जा रही है। यह पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि इस झगड़े की शुरुआत कैसे हुई और इसमें शामिल लोग कौन थे।
खेल से निकली लड़ाई: क्या यह नई चुनौती है?
यह घटना भारतीय खेलों के लिए एक काले धब्बे की तरह है। खेल के मैदान पर इस तरह की हिंसा से न केवल खिलाड़ियों का मनोबल गिरता है, बल्कि इससे भारत की खेल संस्कृति पर भी सवाल उठता है।
खेल को खेल की भावना से खेला जाना चाहिए। इस तरह की घटनाएं न केवल खिलाड़ियों की सुरक्षा के लिए खतरनाक हैं, बल्कि खेल के प्रति दर्शकों और समाज के विश्वास को भी हिला देती हैं। उम्मीद है कि प्रशासन इस मामले को गंभीरता से लेगा और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए उचित कदम उठाएगा।