Chandrashekhar On SIR Process: नगीना से सांसद और भीम आर्मी प्रमुख चंद्रशेखर आजाद ने ‘एसआईआर’ (SIR – स्पेशल इंटेंसिव रिविजन) की प्रक्रिया को लेकर मोदी सरकार पर अब तक का सबसे तीखा हमला बोला है। उन्होंने इसे ‘संविधान पर हमला’ करार देते हुए आरोप लगाया कि यह एक सोची-समझी साजिश है, जिसके तहत उन जगहों पर वोटरों को निशाना बनाया जा रहा है जहां भारतीय जनता पार्टी (BJP) को हार का सामना करना पड़ा है। आजाद ने सरकार को खुली चुनौती देते हुए कहा कि अगर इसे नहीं रोका गया तो सड़क से संसद तक बड़ा विरोध प्रदर्शन किया जाएगा।
‘हार का बदला’ ले रही बीजेपी?
सांसद चंद्रशेखर ने आरोप लगाया कि एसआईआर प्रक्रिया को जानबूझकर जटिल और तेज बनाया गया है, ताकि लोगों को परेशान किया जा सके। उन्होंने अपने संसदीय क्षेत्र नगीना का हवाला देते हुए कहा, “मेरे यहां नगीना लोकसभा में लगभग 47,000 वोट रिजेक्ट किए गए हैं। यह एक सोचा-समझा प्रयास लग रहा है। जहां बीजेपी हारी है, वहां अपने जीतने के मार्जिन को खत्म करने या हार के अंतर को कम करने का प्रयास हो रहा है।”
शिक्षामित्रों और आंगनबाड़ी कर्मियों की जान की कीमत
चंद्रशेखर आजाद ने एसआईआर के काम में लगे शिक्षामित्रों, आंगनबाड़ी और आशा बहुओं की मौत पर भी सरकार को घेरा। उन्होंने कहा कि इस प्रक्रिया के दबाव में जिन कर्मचारियों की जान जा रही है, उन्हें कोई हेल्थ प्रोटेक्शन या सपोर्ट सिस्टम नहीं मिल रहा है। उन्होंने सवाल उठाया, “अगर उनकी जान चली जाएगी तो उनके परिवार और बच्चों का क्या होगा? वे तो संविदा पर हैं, उन्हें कोई क्लेम भी नहीं मिलेगा।” उन्होंने शिक्षा प्रणाली के डिस्टर्ब होने पर भी चिंता जताई।
‘बाबा साहब का संविधान नहीं मिटने देंगे’
आजाद ने इतिहास का जिक्र करते हुए कहा कि बाबा साहब अंबेडकर ने 1929 के गोलमेज सम्मेलन में वोटिंग के लिए लगाई गई पाबंदियों (संपत्ति, शिक्षा, जमींदारी) का कड़ा विरोध किया था। उन्होंने कहा, “बाबा साहब ने तमाम विरोधों के बाद प्रत्येक बालिग व्यक्ति को मताधिकार दिलाया है। यह बाबा साहब के संघर्षों और जीवन भर के त्याग का नतीजा है। एसआईआर को संविधान पर एक तरह का हमला माना जा रहा है, इसे हम बर्दाश्त नहीं करेंगे। प्रोटेस्ट भी होगा, विरोध भी होगा।”
डेटा सिक्योरिटी पर भी उठाए सवाल
आजाद ने एसआईआर के अलावा नए ‘संचार ऐप’ (Sanchar App) को लेकर भी डेटा सिक्योरिटी पर गंभीर सवाल खड़े किए। उन्होंने कहा, “जब एसआईआर के जरिए वोट ही सुरक्षित नहीं है, तो इस बात की क्या गारंटी है कि नए संचार ऐप से लोगों की पर्सनल जानकारी लीक नहीं होगी?” उन्होंने मांग की कि एसआईआर की प्रक्रिया के लिए कम से कम तीन महीने का समय और बढ़ाया जाना चाहिए।
मुख्य बातें (Key Points)
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चंद्रशेखर आजाद ने एसआईआर को बीजेपी की हार का बदला लेने की साजिश बताया।
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नगीना लोकसभा में 47,000 वोट रिजेक्ट होने का दावा किया।
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एसआईआर के दबाव में शिक्षामित्रों और आंगनबाड़ी कर्मियों की मौत पर सरकार को घेरा।
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इसे ‘संविधान पर हमला’ बताते हुए सड़क से संसद तक विरोध की चेतावनी दी।
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डेटा सिक्योरिटी और प्रक्रिया के लिए और समय देने की मांग की।






