तेलुगु देशम पार्टी के प्रमुख एन चंद्रबाबू नायडू ने आज आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली। उन्होंने आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री के तौर पर अपना चौथा कार्यकाल तो शुरू कर दिया है लेकिन उनके सामने चुनौतियों का अंबार है। जहां तक शपथ ग्रहण समारोह की बात है तो आपको बता दें कि चंद्रबाबू नायडू के अलावा जनसेना प्रमुख और अभिनेता पवन कल्याण ने नायडू मंत्रिमंडल में मंत्री पद की शपथ ली। चंद्रबाबू नायडू के बेटे नारा लोकेश ने भी मंत्री पद की शपथ ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, उनके मंत्रिमंडल के सहयोगी अमित शाह, नितिन गडकरी, जेपी नड्डा और कई अन्य नेता एवं प्रमुख हस्तियां शपथ ग्रहण समारोह में उपस्थित थीं। पूर्व उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू, भारत के पूर्व प्रधान न्यायाधीश एनवी रमण और अभिनेता रजनीकांत तथा चिरंजीवी भी इस मौके पर मौजूद थे। आंध्र प्रदेश के राज्यपाल एस अब्दुल नजीर ने मुख्यमंत्री और मंत्रियों को शपथ दिलाई।
हम आपको बता दें कि नायडू ने एक दिन पहले राजग विधायकों की बैठक में खुद को विधायक दल का नेता चुने जाने के बाद कहा था कि उन्होंने दक्षिणी राज्य के लिए केंद्र सरकार से सहयोग मांगा है और इसके लिए ‘आश्वासन’ दिया गया है। वैसे उनकी मांगें दिल्ली को पूरी करनी ही होंगी क्योंकि टीडीपी के समर्थन के बलबूते ही प्रधानमंत्री मोदी अपनी सरकार चला रहे हैं। इसके अलावा, चंद्रबाबू संकल्प जता चुके हैं कि अमरावती आंध्र प्रदेश की एकमात्र राजधानी होगी और पोलावरम परियोजना को पूरा किया जाएगा। इसके अलावा उन्होंने कहा कि बंदरगाह शहर विशाखापत्तनम को आर्थिक राजधानी और एक उन्नत विशेष शहर के रूप में विकसित किया जाएगा। नायडू के अनुसार, उन्होंने पहले भी कई चुनावों की समीक्षा की है, लेकिन 2024 के चुनावों ने उन्हें सबसे अधिक संतुष्टि दी है। हम आपको बता दें कि तेदेपा, भाजपा और जनसेना वाले राजग ने आंध्र प्रदेश में हाल ही में संपन्न हुए विधानसभा चुनावों में 164 सीटों और लोकसभा चुनाव में 21 सीट हासिल की है।
वादे कैसे पूरे होंगे?
बहरहाल, एन. चंद्रबाबू नायडू के सामने राज्य के खाली खजाने के बीच उनकी पार्टी द्वारा किए गए “सुपर सिक्स” वादों को पूरा करने की बड़ी चुनौती होगी। वित्तीय चुनौतियों की शुरुआत के तहत नायडू को एक जुलाई तक लगभग 65 लाख लाभार्थियों को सामाजिक पेंशन वितरित करने के लिए 4,500 करोड़ रुपये से अधिक की आवश्यकता है। अपने “सुपर सिक्स” के हिस्से के रूप में नायडू ने मासिक पेंशन को मौजूदा 3,000 रुपये से बढ़ाकर 4,000 रुपये करने का वादा किया, साथ ही जुलाई से 3,000 रुपये (अप्रैल, मई और जून के लिए एक-एक हजार रुपये) का बकाया भुगतान करने का वादा भी किया है। कुल मिलाकर जुलाई में राजकोष पर 4,500 करोड़ रुपये का बोझ पड़ेगा, इसके अलावा कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को वेतन देने से 6,000 करोड़ रुपये का बोझ पड़ेगा। बताया जा रहा है कि राज्य सरकार ने वेतन, पेंशन, कर्ज चुकाने और ब्याज की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए प्रतिवर्ष लगभग 1.30 लाख करोड़ रुपये का व्यय करने का वचन दिया है। इस बीच, रिजर्व बैंक की वेबसाइट के अनुसार, आंध्र सरकार ने 11 जून को नीलामी के जरिए 2,000 करोड़ रुपये मूल्य की प्रतिभूतियां बेचने की पेशकश की है। देखा जाये तो राज्य को अकेले सामाजिक पेंशन के लिए हर महीने 2,600 करोड़ रुपये की जरूरत है।
इसी प्रकार, घोषणापत्र के तहत तेलुगु देशम पार्टी (तेदेपा) ने सरकारी बसों में महिलाओं को मुफ्त यात्रा का वादा किया है। आंध्र प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम के एक अधिकारी ने कहा कि एपीएसआरटीसी को टिकट राजस्व के माध्यम से मासिक 450 से 500 करोड़ रुपये की कमाई होती है और महिला यात्रियों की संख्या 35-40 प्रतिशत होने की उम्मीद है। मुफ्त यात्रा योजना के लिए नयी सरकार को एपीएसआरटीसी को सालाना लगभग 2,000 करोड़ रुपये का भुगतान करना होगा। इसके अलावा “सुपर सिक्स” के तहत तेदेपा ने स्कूल जाने वाले प्रत्येक बच्चे को प्रति वर्ष 15,000 रुपये देने का भी वादा किया है। हम आपको बता दें कि पिछली वाईआरएस कांग्रेस पार्टी सरकार ने “अम्मा वोडी” नामक इसी प्रकार की योजना के लिए 6,500 करोड़ रुपये निर्धारित किए थे। नायडू ने लाभार्थियों की सीमा हटा दी है जिससे खर्च में भी वृद्धि होने की उम्मीद है। इसके अलावा नायडू की पार्टी ने हर परिवार को प्रतिवर्ष तीन मुफ्त रसोई गैस सिलेंडर देने और हर किसान को 20,000 रुपये की वार्षिक वित्तीय सहायता देने का भी वादा किया है। सरकारी बजट दस्तावेज 2023-24 के अनुसार, राज्य पर 4.83 लाख करोड़ रुपये का सार्वजनिक ऋण (राज्य के सकल घरेलू उत्पाद का 33.3 प्रतिशत) है, इसके अलावा 1.39 लाख करोड़ रुपये की सरकारी गारंटी और केंद्र से लिया गया 26,296 करोड़ रुपये का ऋण है। देखना होगा कि नायडू अपने वादे कैसे पूरे कर पाते हैं।