चंडीगढ़ (The News Air)चंडीगढ़ स्थित पोस्ट-ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल एजुकेशन एंड रिसर्च(PGIMER) पर पॉल्यूशन कंट्रोल कमेटी(CPCC) सख्त हो गई है। जानकारी के मुताबिक PGI यदि तय समय में सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट(STP) और एफ्ल्यूएंट ट्रीटमेंट प्लांट(ETP) इंस्टॉल नहीं करता तो इसे एनवायरमेंटल हर्जाना भरना पड़ सकता है।
PGI पर नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल(NGT) के नॉर्म्स की उल्लंघना करने के आरोप हैं। यह नार्म्स वेस्टवाटर डिस्चार्ज से जुड़े हैं। जानकारी के मुताबिक PGI शहर में सबसे ज्यादा पॉल्यूशन फैला रहा है। यह लगभग 3.5 MGD लिक्विड वेस्ट निगम के सीवरेज सिस्टम में रिलीज कर रहा है।
वहीं कमेटी के मुताबिक PGI को वाटर (प्रिवेंशन एंड कंट्रोल ऑफ पॉल्यूशन) एक्ट, 1974 की भी पालना करनी है क्योंकि यह इंडस्ट्रियल श्रेणी में आता है। बता दें कि PGI में कई उत्तर-पूर्वी राज्यों से बड़ी संख्या में मरीज इलाज करवाने के लिए आते हैं।
कई सालों से करता आ रहा उल्लंघना
कमेटी ने जांच में पाया है कि PGI चंडीगढ़ नगर निगम के सीवरेज सिस्टम में कई सालों से अनट्रीटेड वेस्टवाटर को रिलीज करता आ रहा है। इसे लेकर कमेटी ने PGI को लगभग 6 महीने पहले कारण बताओ नोटिस जारी करते हुए जवाब देने को कहा था। वहीं पूछा गया था कि सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट(STP) और एफ्ल्यूएंट ट्रीटमेंट प्लांट(ETP) क्यों नहीं लगाया गया है।
एडवाइजर के समक्ष भी उठा मुद्दा
PGI द्वारा मामले में जवाब पेश न किए जाने पर कमेटी ने फिर से इसे कारण बताओ नोटिस जारी किया मगर कोई जवाब नहीं मिला। इसके बाद कमेटी ने मामला UT एडवाइजर धर्म पाल के समक्ष रखा जिसके बाद PGI के सीनियर अफसरों के साथ मीटिंग की गई थी। जानकारी के मुताबिक PGI को जल्द STP और ETP लगाने को कहा गया था।
इन्हें लग चुकी है पेनल्टी
हाल ही में कमेटी ने चंडीगढ़ रेलवे स्टेशन को 2.89 करोड़ और CRPF कैंपस, हल्लो माजरा को 1.74 करोड़ रुपए की पेनल्टी लगाई थी। इन पर NGT के नॉर्म्स की उल्लंघना कर एनवायरनमेंट को नुकसान पहुंचाने के आरोप थे। जानकारी के मुताबिक रेलवे स्टेशन निगम के सीवरेज सिस्टम की बजाय खड्डों में वेस्टवाटर रिलीज कर रहा था। वहीं रेलवे द्वारा STP और ETP इन्स्टॉल नहीं किए गए थे। इसके अलावा CRPF कैंपस भी वेस्टवाटर को स्टॉर्म वाटर ड्रेनेज में रिलीज कर रहा था जो अंत में सुखना चो में जाकर खुलते हैं।