चंडीगढ़, 07 जनवरी (The News Air) चंडीगढ़ (Chandigarh) में प्रशासनिक ढांचे में ऐतिहासिक बदलाव करते हुए केंद्र सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। अब शहर में एडवाइजर (Advisor) का पद समाप्त कर दिया गया है और मुख्य सचिव (Chief Secretary) की भूमिका को प्रमुख बना दिया गया है। इसके साथ ही, आईएएस (IAS) अधिकारियों की संख्या में वृद्धि की गई है, जिससे प्रशासनिक कार्यक्षमता में और सुधार होगा।
नए प्रशासनिक ढांचे की रूपरेखा : नए ढांचे के तहत, चंडीगढ़ प्रशासन के अंतर्गत कुल 11 प्रमुख पद होंगे। ये पद निम्नलिखित हैं:
- मुख्य सचिव (Chief Secretary)
- सचिव (गृह) – Home Secretary
- सचिव (वित्त) – Finance Secretary
- सचिव, नगर नियोजन (Smart City)
- उपायुक्त (Deputy Commissioner)
- संयुक्त सचिव (वित्त) – Joint Secretary (Finance)
- आबकारी आयुक्त – Excise Commissioner
- सचिव – Secretary
- अपर सचिव – Additional Secretary
- अपर उपायुक्त – Additional Deputy Commissioner
प्रशासनिक बदलावों का उद्देश्य : इन बदलावों का मुख्य उद्देश्य प्रशासन को अधिक प्रभावी और जवाबदेह बनाना है। चंडीगढ़ में चल रहे स्मार्ट सिटी (Smart City) परियोजनाओं और अन्य विकासात्मक कार्यों में तेजी लाने के लिए यह कदम उठाया गया है।
मुख्य सचिव अब शहर के प्रशासनिक निर्णयों के लिए प्रमुख प्राधिकरण होंगे। स्मार्ट सिटी और गृह विभाग जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में सचिव स्तर के अधिकारियों को तैनात किया जाएगा।
IAS अधिकारियों की संख्या में इजाफा : नई संरचना में आईएएस अधिकारियों की संख्या बढ़ाकर प्रशासन को और सशक्त बनाया गया है। इससे न केवल प्रशासनिक प्रक्रियाएं तेज होंगी, बल्कि फैसलों की पारदर्शिता और गुणवत्ता में भी सुधार होगा।
चंडीगढ़ की जनता के लिए क्या होगा फायदा?
- बेहतर गवर्नेंस (Better Governance): मुख्य सचिव के नेतृत्व में प्रशासन अधिक संगठित और उत्तरदायी होगा।
- स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट्स में तेजी (Smart City Projects): सचिव स्तर के अधिकारियों की नियुक्ति से नगर नियोजन और बुनियादी ढांचे में सुधार होगा।
- तेज और प्रभावी निर्णय (Efficient Decision Making): अधिकारियों की बढ़ती संख्या प्रशासनिक कामकाज को तेज बनाएगी।
विशेषज्ञों की राय : प्रशासनिक विशेषज्ञों का मानना है कि यह बदलाव चंडीगढ़ के लिए एक बड़ा कदम है। एडवाइजर का पद समाप्त करना और मुख्य सचिव की भूमिका को मजबूत करना न केवल प्रशासन को अधिक उत्तरदायी बनाएगा, बल्कि शहर के विकास में नई दिशा देगा।
नए बदलावों पर राजनीति गरमाई : इन बदलावों को लेकर राजनीतिक दलों के बीच बहस छिड़ गई है। कुछ दल इसे केंद्र सरकार का चंडीगढ़ के प्रशासन पर नियंत्रण मजबूत करने का प्रयास मान रहे हैं, जबकि अन्य इसे प्रशासनिक सुधार की दिशा में सकारात्मक कदम बता रहे हैं।