महाराष्ट्र, 24 जनवरी (The News Air) महाराष्ट्र के जलगांव (Jalgaon) में एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है। बुधवार को पुष्पक एक्सप्रेस (Lucknow-Mumbai Pushpak Express) में आग लगने की अफवाह के बाद ट्रेन के यात्रियों में भगदड़ मच गई। दहशत के मारे कई यात्री ट्रेन से कूद गए और पास से गुजर रही कर्नाटक एक्सप्रेस (Bangalore-Delhi Karnataka Express) की चपेट में आ गए। इस भयावह हादसे में 13 लोगों की जान चली गई, जबकि 10 अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए।
अफवाह कैसे बनी मौत की वजह?
महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजीत पवार (Ajit Pawar) ने पुणे (Pune) में इस हादसे पर बड़ा खुलासा करते हुए कहा कि पुष्पक एक्सप्रेस की पेंट्री कार (Pantry Car) में एक चायवाले ने ट्रेन में आग लगने की झूठी अफवाह फैलाई। इस अफवाह को उत्तर प्रदेश के श्रावस्ती (Shravasti, UP) जिले के रहने वाले दो यात्रियों ने पूरे कोच में फैला दिया। इन दोनों यात्रियों की पहचान उदल कुमार (Udal Kumar) और उनके बहनोई विजय कुमार (Vijay Kumar) के रूप में हुई है।
घटना का पूरा विवरण
यह दर्दनाक घटना मंगलवार शाम 4 बजे जलगांव जिले के माहेजी (Maheji) और परधाडे (Pardhade) स्टेशनों के बीच हुई। चायवाले की अफवाह के बाद कोच में बैठे यात्रियों में दहशत फैल गई। कुछ यात्रियों ने ट्रेन को रुकवाने के लिए चेन पुलिंग कर दी, और ट्रेन के रुकते ही यात्री जान बचाने के लिए नीचे उतरने लगे।
कुछ यात्री गलती से दूसरी ओर से आ रही कर्नाटक एक्सप्रेस के ट्रैक पर चले गए और ट्रेन की चपेट में आ गए। इस हादसे में मौके पर ही 13 लोगों की मौत हो गई। इनमें से 10 की पहचान हो चुकी है, जबकि बाकी तीन शवों की पहचान की जा रही है।
डिप्टी सीएम अजीत पवार का बयान
अजीत पवार ने हादसे पर गहरा दुख व्यक्त करते हुए कहा, “एक छोटी सी अफवाह ने इतनी बड़ी त्रासदी को जन्म दिया। घायलों का इलाज सरकार की तरफ से कराया जाएगा।” उन्होंने यह भी बताया कि अफवाह फैलाने वाले दोनों यात्री भी हादसे में घायल हो गए हैं और अस्पताल में उनका इलाज चल रहा है।
प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया आंखों देखा हाल
घटना के प्रत्यक्षदर्शी बाबादीप शोभाराम पासवान ने इस हादसे के बारे में बताया, “एक चायवाले ने कोच में यह चिल्लाना शुरू कर दिया कि ट्रेन में आग लग गई है। उसने चेन खींचकर ट्रेन को रुकवा दिया। जब ट्रेन रुकी, तो यात्री घबराकर चलती ट्रेन से कूदने लगे। दुर्भाग्य से, कुछ लोग पास से गुजर रही कर्नाटक एक्सप्रेस के ट्रैक पर कूद गए और उनकी जान चली गई।”
उन्होंने यह भी कहा, “जिन यात्रियों ने विपरीत दिशा में छलांग लगाई, वे बच गए क्योंकि वहां कोई ट्रेन नहीं थी। अगर और लोग गलत दिशा में कूदते, तो मृतकों की संख्या कहीं ज्यादा हो सकती थी।”
सरकार की मदद और जांच जारी
इस दुखद घटना के बाद राज्य सरकार ने मृतकों के परिवारों को मुआवजा देने और घायलों के इलाज का पूरा खर्च वहन करने का ऐलान किया है। रेलवे और स्थानीय प्रशासन ने इस मामले की जांच शुरू कर दी है।
अफवाहों से कैसे बचें?
इस हादसे ने यह साबित कर दिया कि अफवाहें जानलेवा साबित हो सकती हैं। यात्रियों और रेलवे कर्मचारियों को सतर्क रहने और अफवाहों पर भरोसा न करने की जरूरत है। रेलवे सुरक्षा को मजबूत करने और जागरूकता फैलाने की दिशा में कदम उठा रहा है। उम्मीद है कि ऐसी घटनाएं दोबारा न हों।