फरीदकोट (The News Air) पंजाब के फरीदकोट स्थित बाबा फरीद यूनिवर्सिटी ऑफ हेल्थ साइंस फरीदकोट का डॉ. गुरप्रीत वंडर को प्रबंधन बोर्ड का अध्यक्ष बनाया गया है। डॉ. वंडर DMC लुधियाना में कार्डियोलॉजिस्ट विभाग के हेड हैं। डॉ. वंडर यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर बनने से वंचित रह गए थे। यह जानकारी मुख्यमंत्री भगवंत मान ने ट्वीट कर दी है।
बोर्ड के अन्य सदस्यों में चीफ सेक्रेटरी सहित सेक्रेटरी फाइनेंस और मेडिकल एजुकेशन सेक्रेटरी, मोगा की विधायक अमनदीप कौर और फरीदकोट के विधायक गुरुदित सेखों, डॉक्टर बिशव मोहन, डॉ. राजेंद्र बंसल, कोटकपूरा के डॉ. पीएस बराड़, पटियाला के डॉ. केके अग्रवाल और डॉ. विशाल चोपड़ा हैं।
पहले भी CM ने वंडर के VC बनने की दी थी जानकारी
मुख्यमंत्री द्वारा अपनी पोस्ट में कहा गया है कि प्रसिद्ध डॉ. गुरप्रीत सिंह वंडर को बाबा फरीद विश्वविद्यालय के प्रबंधन बोर्ड का अध्यक्ष बनने के लिए बहुत बहुत बधाई। मंडल के सभी सदस्यों को भी बधाई। उम्मीद है कि नया प्रबंधन विश्वविद्यालय को नई ऊंचाइयों पर ले जाएगा। इसके पहले भी 30 सितंबर 2022 को डॉ. गुरप्रीत वंडर को बाबा फरीद यूनिवर्सिटी का वाइस चांसलर बनाए जाने की जानकारी CM द्वारा दी गई थी।
फाइल वापस भेजने पर सरकार-राज्यपाल के बीच हुई खटास
परंतु, प्रदेश के राज्यपाल द्वारा औपचारिक कार्रवाई न पूरी होने के कारण डॉ. गुरप्रीत वंडर के नाम की फाइल वापस भेज दी गई थी। जिसके बाद प्रदेश सरकार और राज्यपाल के मध्य खटास पैदा हो गई थी।हालांकि अब नए वाइस चांसलर के रूप में डॉ. राजीव सूद की नियुक्ति एक महीने पहले हो चुकी है, परंतु वह केंद्र सरकार के प्रतिष्ठान में कार्यरत होने के कारण अब तक पदभार नहीं संभाल सके हैं।
12 दिन बाद CM डॉ. बहादुर का इस्तीफा किया था मंजूर
गौर हो कि 29 जुलाई 2022 को बाबा फरीद यूनिवर्सिटी के तत्कालीन वाइस चांसलर डॉ. राज बहादुर द्वारा अपने पद से यह कहते हुए इस्तीफा दे दिया गया था कि अब यहां पर काम करने का माहौल नहीं है। डॉ. राज बहादुर को अपना इस्तीफा वापस लेने के लिए मुख्यमंत्री से लेकर दूसरे लोगों द्वारा प्रयास किए गए, परंतु डॉ. राज बहादुर इस्तीफे पर अड़े रहे। 12 दिन बाद CM द्वारा उनका इस्तीफा मंजूर कर लिया गया था।