Centre vs State Fight : पूर्व शिक्षा मंत्री और विधायक परगट सिंह ने मनरेगा को लेकर बुलाए गए स्पेशल सेशन को लेकर पंजाब सरकार को आड़े हाथों लिया। उन्होंने कहा कि सिर्फ निंदा प्रस्ताव डालना काफी नहीं है। आम आदमी पार्टी की सरकार और मुख्यमंत्री भगवंत मान को दिल्ली जाकर केंद्र सरकार को घेरने की जरूरत है। ताकि पंजाब का नुकसान होने से रोका जा सके। उन्होंने साथ ही आप सरकार से स्पेशल सेशन की बजाए रेगुलर सेशन बुलाने की मांग रखी।
परगट सिंह ने कहा कि 12 करोड़ मजदूरों की रोजी रोटी वाली मनरेगा स्कीम कांग्रेस की देन है। पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह सभी वर्ग के गरीबों को इसका फायदा दिलाना चाहते थे। पहले यह स्कीम पूरी तरह केंद्र सरकार की तरफ से स्पांसर्ड थी। अब केंद्र में भाजपा सरकार ने इस स्कीम का नाम बदलकर 60-40 की रेशों में बांट दिया है। राज्य सरकारें इस स्कीम को चलाने के लिए अपने पास से 40 फीसदी हिस्सा डालने में समक्ष नहीं है। इससे राज्य सरकारों पर 30 से 50 हजार करोड़ रुपए का अतिरिक्त बोझ पड़ जाएगा।
पहले ही कुछ राज्य सरकारें इस 100 दिन की गांरटी वाली स्कीम को 70 दिन ही अचीव कर पा रही हैं। वहीं पंजाब में आप सरकार चार सालों में 38 दिन और इस साल दिसंबर तक 26 दिन का रोजगार मनरेगा के तहत दे पाई है।
उन्होंने कहा कि कोविड के दौरान 7 करोड़ लोग शहरों से गांवों घर गए और वापस ही नहीं लौटे। जिससे कारोपेरेट घरानों को लेबर मिलना ही बंद हो गई। अब केंद्र सरकार सिर्फ कारपोरेट सैक्टर को खुश करने के लिए मनरेगा को खत्म करने पर तुली है। ताकि कारपोरेट घरानों को सस्ते मजदूर मिल सकें। इतना ही नहीं पंजाब में मनरेगा मजदूरों को देहाड़ी भी कम दे रही है। हम मनरेगा के तहत मजदूर को 346 रुपए देहाड़ी दे रहे हैं, जबकि हरियाणा में यही देहाड़ी 400 रुपए मिल रही है। पंजाब सरकार को इस तरह गौर करना चाहिए।
पद्मश्री परगट सिंह ने कहा कि आप सरकार रेगुलर सेशन बुलाने की बंद कर रही है। सिर्फ स्पेशल सेशन के नाम पर एक दिन का सेशन बुलाना गलत है। पहले सरकार कहती थी कि आपको खुला टाइम बोलने के लिए दिया जाएगा, बाद में स्पीकर ऐसा कुछ नहीं करते। एक दो लोगों को पार्टी की तरफ से बुलाने का समय देते हैं।
उन्होंने कहा कि आनंदपुर साहिब विधानसभा सेशन में भी मैंने कहा था कि केंद्र सरकार संसद में 5 बिल लाने जा रही है। जिसमें एजुकेशन बिल भी आ रहा है और हायर एजुकेशन बिल भी आ रहा है। लेकिन आप सरकार ने कोई विरोध नहीं किया। बीबीएमबी के मामले में भी आप सरकार का रवैया ढीला रहा। सिर्फ प्रस्ताव पारित करके और फोटो खींचाकर काम नहीं चलते। हमें इस मामले में लीगल कार्रवाई को आगे बढ़ाना चाहिए था।
परगट सिंह ने सीएम मान से कहा कि इस मामले में दिल्ली जाकर अपनी बात रखने और विरोध करने की जरूरत है। सीएम मान सभी विधायकों को दिल्ली लेकर चलें, सभी राजनीतिक पार्टियां उनके साथ खड़ी होंगी। सरकार को पंजाब का नुकसान नहीं करवाना चाहिए। हमें चार साहिबजादों की शहादत की स्पीरिट को खत्म न होने देना चाहिए। आप को भाजपा की बी टीम बनकर नहीं पंजाब के हितों के लिए काम करना चाहिए। भाजपा को लगता है कि 2014 से पहले देश ही नहीं था। यह तो उन्होंने ही बनाया है।
उन्होंने कहा कि आप ने समाज को सब कास्टों में बांट दिया है। हमारा समाज जो झेल रहा है, उसके लिए हमारे नेता भी जिम्मेदार हैं। सिर्फ अपनी पीठ थपथपाने की बजाए बीते समय से सीखने और चल रहे समय में समाज को संभालने की जरूरत है। समय कम रह गया है, सिस्टम को ठीक तरफ चलाना चाहिए। हमारे गुरुओं के बाद हमारे महाराज रणजीत सिंह ने ही पंजाब की स्पीरिट को संभाला था, जो धीरे-धीरे खत्म हो रही है। खहबर दर्रे से लेकर लाहौल स्फीति तक होना वाला पंजाब आज छोटा से राज्य बनकर रह गया है।






