Israel Hamas Conflict Update : गाजा पट्टी में शांति की उम्मीदों को एक बार फिर बड़ा झटका लगा है। पिछले महीने लागू हुए युद्धविराम के बीच बुधवार को इजरायल ने हमास नियंत्रित क्षेत्रों में भीषण हवाई हमले किए, जिससे पूरा इलाका एक बार फिर जंग के मैदान में तब्दील हो गया। इन हमलों में कम से कम 22 फिलिस्तीनी नागरिकों की जान चली गई है, जो युद्धविराम लागू होने के बाद अब तक की सबसे बड़ी और घातक कार्रवाई मानी जा रही है।
शांति समझौते के एक महीने के भीतर ही हिंसा का यह नया दौर शुरू होने से क्षेत्र में तनाव चरम पर पहुंच गया है। इजरायली सेना (IDF) का कहना है कि उनके सैनिक दक्षिणी गाजा में मौजूद थे, तभी वहां छिपे आतंकवादियों ने उन पर अचानक गोलीबारी शुरू कर दी। इसे युद्धविराम का सीधा उल्लंघन मानते हुए इजरायली सेना ने जवाबी कार्रवाई की और हमास के ठिकानों पर बमबारी कर दी।
आम नागरिकों पर टूटा कहर
हमास की नागरिक सुरक्षा एजेंसी ने पुष्टि की है कि इजरायली हमलों ने गाजा शहर और दक्षिणी खान यूनिस इलाके में भारी तबाही मचाई है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, गाजा शहर में 12 लोग मारे गए हैं, जबकि खान यूनिस में 10 नागरिकों की मौत हुई है। यह हमला उस वक्त हुआ है जब लोग यह उम्मीद कर रहे थे कि अमेरिकी मध्यस्थता के बाद हालात सामान्य हो जाएंगे।
इस हिंसा का सबसे दर्दनाक पहलू यह है कि 10 अक्टूबर को लागू हुए युद्धविराम के बावजूद दोनों पक्षों के बीच झड़पें नहीं रुक रही हैं। गाजा के स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़े बताते हैं कि युद्धविराम के बाद से इजरायली हमलों में अब तक 280 से ज्यादा फिलिस्तीनी अपनी जान गंवा चुके हैं। बुधवार का यह हमला इस पूरी अवधि का सबसे भयावह दिन साबित हुआ।
लेबनान तक फैली आग
इजरायल की कार्रवाई की आंच सिर्फ गाजा तक सीमित नहीं रही, बल्कि पड़ोसी देश लेबनान के सिडॉन शहर तक भी जा पहुंची। इजरायली वायुसेना ने सिडॉन के पास स्थित एक फिलिस्तीनी शरणार्थी शिविर को निशाना बनाया। लेबनान के स्वास्थ्य मंत्रालय का कहना है कि इस हमले में 13 लोगों की मौत हुई है और कई अन्य घायल हुए हैं।
इजरायल का दावा है कि उसने शरणार्थी शिविर में मौजूद आतंकवादियों के एक प्रशिक्षण केंद्र को नष्ट किया है। वहीं, हमास ने इस दावे को खारिज करते हुए कहा है कि जिस जगह हमला हुआ, वह एक सामान्य खेल परिसर था, जिसका इस्तेमाल आम नागरिक करते थे और वहां कोई भी सैन्य गतिविधि नहीं हो रही थी। इसके अलावा, दक्षिणी लेबनान में भी हवाई हमले हुए, जिसमें एक व्यक्ति की जान गई और 11 लोग घायल हो गए।
ट्रम्प की शांति योजना पर संकट
यह पूरा घटनाक्रम अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की 20-सूत्रीय गाजा शांति योजना के लिए एक बड़ी चुनौती बन गया है। इसी योजना के तहत युद्धविराम लागू किया गया था, जिसमें 48 इजरायली बंधकों की सुरक्षित वापसी की शर्त शामिल थी। राहत की बात यह रही है कि इनमें से अधिकांश बंधक जिंदा लौट आए हैं, जबकि केवल तीन के शव मिले हैं।
हालांकि, शांति योजना के दूसरे चरण को लेकर अभी भी पेंच फंसा हुआ है। इस चरण में गाजा का नियंत्रण हमास से लेकर एक ट्रांजिशनल अथॉरिटी को सौंपना, हमास का निशस्त्रीकरण करना और एक अंतरराष्ट्रीय बल की तैनाती शामिल है। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने भले ही ट्रम्प की योजना का समर्थन किया हो, लेकिन जिस तरह से हिंसा भड़की है, उसे देखते हुए विशेषज्ञों का मानना है कि क्षेत्र में नए सिरे से युद्ध छिड़ने की आशंका बढ़ गई है।
जानें पूरा मामला
यह संघर्ष 10 अक्टूबर को अमेरिकी मध्यस्थता में इजरायल और हमास के बीच हुए एक अहम युद्धविराम समझौते के बाद भी जारी है। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प द्वारा पेश की गई शांति योजना का उद्देश्य क्षेत्र में स्थाई शांति लाना और बंधकों की रिहाई सुनिश्चित करना था। लेकिन गाजा और लेबनान सीमा पर लगातार हो रही झड़पों और ताजा हवाई हमलों ने इस समझौते की नींव हिला दी है। इजरायली सेना ने सुरक्षा का हवाला देते हुए हिजबुल्लाह के ठिकानों के पास स्थित दो गांवों को खाली करने का आदेश भी दिया है, जो संकेत देता है कि आने वाले दिनों में संघर्ष और तेज हो सकता है।
मुख्य बातें (Key Points)
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इजरायल ने युद्धविराम के बीच गाजा पर हवाई हमले किए, जिसमें 22 फिलिस्तीनी मारे गए।
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लेबनान के सिडॉन शहर में भी इजरायली स्ट्राइक हुई, जिसमें 13 लोगों की मौत हुई।
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राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की 20-सूत्रीय शांति योजना के तहत यह युद्धविराम लागू हुआ था।
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युद्धविराम के बाद से अब तक 280 से ज्यादा फिलिस्तीनियों की जान जा चुकी है।






