The News Air (नई दिल्ली)- चाइल्ड पॉर्नोग्राफी को लेकर मंगलवार को देश के 14 राज्यों के 77 शहरों में CBI की छापेमारी के बाद 20 से ज़्यादा आरोपियों को हिरासत में लिया गया है। बाकी कुछ से भी पूछताछ की जा रही है। CBI को रेड में बड़ी संख्या में पॉर्नोग्राफी से जुड़े गैजेट्स, पेनड्राइव व लैपटॉप मिले हैं। मंगलवार रात तक 10 लोगों को हिरासत में ले लिया गया था, बुधवार की सुबह तक यह संख्या 20 तक पहुंच गई है।
पुष्ट सूत्रों के मुताबिक़, आरोपियों से पूछताछ की जा रही है, उनमें से कुछ की गिरफ़्तारी भी हो सकती है। इन सबूतों, शुरुआती पूछताछ व जांच में यह सामने आया है कि भारत से यह चाइल्ड पॉर्नोग्राफी का नेटवर्क 100 देशों तक फैला हुआ है। इस नेटवर्क में शामिल कुछ अन्य देशों के लोगों के नाम भी सामने आए हैं।
सबसे ज़्यादा केस तमिलनाडु और बिहार में दर्ज़
14 नवंबर को इस मामले में 83 आरोपियों के ख़िलाफ़ 23 नामज़द मुक़दमे दर्ज़ किए गए थे। CBI ने मंगलवार को 33 आरोपियों के ख़िलाफ़ केस दर्ज़ किया, जिसमें तमिलनाडु के 6, बिहार के 5, UP के 4 , राजस्थान- महाराष्ट्र-हरियाणा के 3, ओडिशा-पंजाब के 2 ,आंध्रप्रदेश-छत्तीसगढ़- दिल्ली- MP और हिमाचल प्रदेश से 1 शख़्स शामिल है।
मौजूदा क़ानून पॉर्नोग्राफी रोकने में फेल
सुप्रीम कोर्ट के सीनियर एडवोकेट और साइबर लॉ एक्सपर्ट पवन दुग्गल ने बताया कि 2000 में जब सूचना प्रौद्योगिकी एक्ट बना, उस समय एक्ट में चाइल्ड पॉर्नोग्राफी को शामिल ही नहीं किया गया था। 2008 में संशोधन कर इसे जोड़ा गया। इसके निर्माण, पब्लिकेशन व ट्रांसमिशन को लेकर क़ानून बनाए गए, जिसमें 5 साल की सज़ा और 10 लाख रुपए का जुर्माने का प्रावधान है, जिसकी धाराएं गैर ज़मानती हैं। सच्चाई यह है कि देश में चाइल्ड पॉर्नोग्राफी बहुत ही डिमांडिंग मार्केट हो गया है। इसे मौजूदा क़ानून के साथ रोकना असंभव है। इसमें बदलाव कर सख़्ती लानी होगी।
देश में अमेरिका और कुछ दूसरे देशों में लागू चिल्ड्रेंस ऑनलाइन प्राइवेसी प्रोटेक्शन एक्ट (COPPA) जैसे क़ानून की ज़रूरत है। जिसमें सख़्ती के साथ बच्चों के अधिकार, संरक्षण, लीगल और वेलफेयर से जुड़े बेनिफिट्स शामिल है। कोविड काल के बाद से चाइल्ड पॉर्नोग्राफी कंटेंट बढ़े हैं। बच्चों के ख़िलाफ़ यौन शोषण के मामलों में इज़ाफा हो रहा है। CBI की कार्रवाई पॉर्नोग्राफी रोकने की दिशा में बड़ा प्रयास है।
ओडिशा में CBI टीम को पुलिस ने बचाया
ओडिशा के ढेनकनाल ज़िले के एक गांव में छापा मारने गई CBI टीम पर स्थानीय लोगों ने हमला कर दिया। CBI टीम पर यह हमला तब किया गया, जब ऑनलाइन चाइल्ड सेक्शुअल अब्यूज मैटीरियल से जुड़े मामले में टीम ने एक आदमी के घर में तलाशी लेने की कोशिश की। CBI टीम से मारपीट की सूचना पर पहुँची स्थानीय पुलिस ने उन्हें किसी तरह भीड़ से बचाया।