The News Air- (चंडीगढ़) पंजाब कांग्रेस कैप्टन अमरिंदर सिंह की सियासत में फंस गई है। कैप्टन की पत्नी परनीत कौर ख़ुद कांग्रेस छोड़ती तो फिर दलबदल क़ानून के तहत सांसद पद भी छोड़ना पड़ता है। अगर पार्टी उन्हें ख़ुद निकाल दे तो फिर वह सांसद बनी रहेंगी। यह मंशा अब पूरी होती नज़र आ रही है क्योंकि कांग्रेस ने परनीत कौर को शो-कॉज नोटिस जारी कर दिया है।
ख़ुद कांग्रेस न छोड़नी पड़े, इसलिए परनीत कौर पति कैप्टन अमरिंदर के साथ नज़र जरुर आई लेकिन पार्टी विरोधी बयानबाज़ी नहीं की है। उन्होंने अब तक सिर्फ़ यही कहा कि वह परिवार के तौर पर कैप्टन के साथ हैं। सियासत को लेकर उन्होंने कभी कोई पत्ते नहीं खोले थे।
पार्टी पर बनता गया दबाव
ऐसे में पार्टी पर दबाव बनता गया और पंजाब कांग्रेस इंचार्ज हरीश चौधरी ने उन्हें नोटिस जारी कर दिया। जिसके लिए उन्हें 7 दिन का समय दिया गया है। जिसमें उनसे पूछा गया है कि वह पति कैप्टन अमरिंदर सिंह की पंजाब लोक कांग्रेस पार्टी के साथ में हैं या कांग्रेस के, इसमें परनीत कौर को पार्टी विरोधी गतिविधियों के लिए ज़िम्मेदार ठहराते हुए जवाब मांगा गया है।
कांग्रेस की मज़बूरी की 2 वजहें
पहला कैप्टन अमरिंदर सिंह के कांग्रेस छोड़ने के बाद पटियाला के कांग्रेसियों में घमासान चल रहा है। पटियाला से कैप्टन MLA हैं और उनकी पत्नी परनीत कौर सांसद। वहाँ अहम पदों पर कैप्टन समर्थक ही बैठे हैं। ख़ास तौर पर पटियाला के मेयर संजीव शर्मा बिट्टू को लेकर सियासी ज़ंग छिड़ी हुई है। वीरवार को ही मेयर को बहुमत साबित करना है। इसलिए कैप्टन या परनीत के समर्थकों पर दबाव बनाने के लिए यह क़दम उठाया गया।
दूसरा, कैप्टन अमरिंदर सिंह पटियाला से ही अगला विस चुनाव लड़ने का ऐलान कर चुके हैं। ऐसे में अगर परनीत कांग्रेस में ही रहती हैं तो पति के लिए उनके दबदबे से समर्थन जुटाना आसान है। ख़ासकर, सरकार से भी काम करवाने का रास्ता खुला रहे। इसीलिए कांग्रेस कैप्टन परिवार को पूरी तरह अलग-थलग करना चाहती है।
कांग्रेस ने भी छोड़ा बीच का रास्ता
कांग्रेस ने भी इसमें बीच का रास्ता छोड़ा है। अमूमन एक सांसद को कांग्रेस की अनुशासनिक कमेटी नोटिस जारी करती है। यहां पंजाब कांग्रेस इंचार्ज ने नोटिस जारी किया है। कल को यह दांव फेल न हो, इसलिए कांग्रेस ने भी अपने बचाव के लिए एक उपाय बचा रखा है।