कोलकाता, 26 दिसंबर (The News Air): पश्चिम बंगाल के चर्चित “कैश फॉर जॉब” घोटाले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा दायर आरोपपत्र में चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं। कोलकाता की विशेष पीएमएलए (धन शोधन निवारण अधिनियम) अदालत ने इस मामले पर अवकाश के बावजूद गुरुवार को सुनवाई तय की है।
ईडी की जांच और आरोपियों की भूमिका : ईडी ने दावा किया है कि इस घोटाले में कुल 151.26 करोड़ रुपये का वित्तीय लाभ अर्जित किया गया, जिसमें पूर्व शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी और उनकी सहयोगी अर्पिता मुखर्जी की हिस्सेदारी 103.78 करोड़ रुपये है। आरोपपत्र में चटर्जी और मुखर्जी की संपत्तियों में नकद, सोना, और अचल संपत्ति शामिल हैं।
दस्तावेज़ विवाद और अदालत की कार्रवाई : ईडी ने आरोपियों को डिजिटल माध्यम से दस्तावेज़ सौंपे, जिससे उनकी शिकायतें सामने आईं। अदालत ने आदेश दिया कि सभी आरोपियों को हार्ड कॉपी दस्तावेज़ उपलब्ध कराए जाएं ताकि आरोप तय करने की प्रक्रिया जल्द शुरू हो सके।
राजनीतिक प्रतिक्रियाएं और घोटाले की गंभीरता : इस मामले ने राज्य की राजनीति में हलचल मचा दी है। विपक्षी दलों ने इसे तृणमूल कांग्रेस के शासन पर सवाल उठाने का मौका बताया है। वहीं, तृणमूल ने जांच एजेंसियों पर राजनीतिक षड्यंत्र का आरोप लगाया।
क्या है अगला कदम? : विशेष अदालत अब आरोपियों पर दस्तावेज़ीय प्रक्रिया की समीक्षा करेगी, जिसके बाद आरोप तय होंगे और मामले की सुनवाई शुरू होगी। यह मामला बंगाल की राजनीति और प्रशासन के लिए एक बड़ी चुनौती बन गया है।