कैप्टन अंशुमान सिंह की विधवा पर अपमानजनक टिप्पणी को लेकर मामला दर्ज

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कैप्टन अंशुमान सिंह

दिल्ली पुलिस ने सोशल मीडिया पर कीर्ति चक्र विजेता कैप्टन अंशुमान सिंह की विधवा स्मृति सिंह के खिलाफ कथित अपमानजनक टिप्पणी के मामले में एफआईआर दर्ज की है।

मामला भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) 2023 की धारा 79 (किसी महिला की गरिमा को ठेस पहुंचाने के लिए शब्द, हाव-भाव या कृत्य) और आईटी अधिनियम की धारा 67 (इलेक्ट्रॉनिक रूप में अश्लील सामग्री प्रकाशित या प्रसारित करने के लिए दंड) के तहत राष्ट्रीय महिला आयोग (एनसीडब्ल्यू) द्वारा दर्ज की गई शिकायत के आधार पर दर्ज किया गया है।

एनसीडब्ल्यू ने फेसबुक प्रोफाइल से स्मृति सिंह की तस्वीर पर अश्लील टिप्पणी किए जाने की शिकायत मिलने के बाद कार्रवाई की। दिल्ली पुलिस को लिखे अपने पत्र में एनसीडब्ल्यू ने व्यक्ति की गिरफ्तारी और तीन दिन के भीतर रिपोर्ट की मांग की है।

कैप्टन सिंह को 5 जुलाई को एक अलंकरण समारोह के दौरान राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा मरणोपरांत भारत के दूसरे सबसे बड़े शांतिकालीन वीरता पुरस्कार कीर्ति चक्र से सम्मानित किया गया। स्मृति और उनकी सास मंजू सिंह ने पुरस्कार स्वीकार किया।

सियाचिन ग्लेशियर क्षेत्र में एक चिकित्सा अधिकारी के रूप में तैनात सैनिक की पिछले साल जुलाई में एक आग दुर्घटना में गंभीर रूप से जलने और घायल होने के बाद मृत्यु हो गई थी।

कैप्टन सिंह ने फाइबरग्लास की झोपड़ी में फंसे साथी सेना अधिकारियों को बचाया, लेकिन आग के एक चिकित्सा जांच आश्रय में फैलने के कारण फंसने के बाद उनकी जान चली गई।

इससे पहले, कैप्टन सिंह के पिता रवि प्रताप सिंह ने इंडिया टुडे टीवी को बताया कि स्मृति वीरता पुरस्कार को अपने साथ पंजाब के गुरदासपुर स्थित अपने घर ले गई हैं, साथ ही उनके फोटो एलबम, कपड़े और अन्य यादें भी ले गई हैं।

पिता ने ‘निकटतम परिजन’ कानून में बदलाव की भी मांग की, जो यह निर्धारित करता है कि अगर कोई सैनिक बिना वसीयत के मर जाता है तो उसकी संपत्ति का उत्तराधिकार किसे मिलेगा और उसे क्या अधिकार मिलेंगे।

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