मोहाली (The News Air) पंजाब के मोहाली में औद्योगिक जमीन धोखाधड़ी से रियल एस्टेट कंपनी को ट्रांसफर करने के मामले में गिरफ्तार आरोपियों की अग्रिम जमानत याचिका कोर्ट ने खारिज कर दी है। मामले से जुड़े सभी आरोपियों ने अपने-अपने वकील के जरिए एडिशनल सेशन जज परमिंदर सिंह ग्रेवाल की कोर्ट में याचिका लगाई थी।
जिसमें सरकार वकील ने कहा कि जमानत मिलने के बाद आरोपी जांच को प्रभावित कर सकते हैं। जिसके बाद कोर्ट ने उनकी अग्रिम जमानत याचिका को खारिज कर दिया। इस मामले में PSIEC के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर एसपी सिंह, ATP आशिमा अग्रवाल, एक्सईएन परमिंदर सिंह, DA रजत थामन, SDE संदीप सिंह व CJM फाइनेंस (PSIEC) सुखदीप सिंह के कोर्ट द्वारा याचिका लगाई गई थी।
पूर्व मंत्री सुंदर शाम अरोड़ा व पूर्व IAS शामिल
बता दें कि आरोपियों को रियल एस्टेट कंपनी को टाउनशिप बनाने के लिए औद्योगिक प्लाट देने और तय संख्या से कई गुना प्लाटों की मंजूरी देने के मामले में विजिलेंस ब्यूरो ने पूर्व उद्योग मंत्री सुंदर शाम अरोड़ा व पंजाब स्टेट इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन की पूर्व MD व IAS अधिकारी नीलिमा सहित 10 अधिकारियों पर धोखाधड़ी का केस दर्ज किया था।
इंडस्ट्रियल प्लाटों को काटकर टाउनशिप बनाई
1987 की डीड के अनुसार, इस प्लाट का इस्तेमाल सिर्फ औद्योगिक उद्देश्य के लिए किया जाना था। रियल एस्टेट कंपनी गुलमोहर टाउनशिप के पूर्व मंत्री व अधिकारियों के साथ मिलीभगत कर इंडस्ट्रियल प्लाटों को काटकर मोहाली में टाउनशिप बना दी थी। इसमें IAS व बिजनेसमैन ने प्लाट खरीदे थे। फोरेंसिक जांच में खुलासा होने के बाद सभी पर विजिलेंस थाने में भ्रष्टाचार अधिनियम की धारा 13 (1) ए, 13 (2) के तहत मामला दर्ज हुआ था।