The News Air- (चंडीगढ़) पंजाब लोक कांग्रेस का ऑफ़िस खोलते ही पूर्व CM कैप्टन अमरिंदर सिंह ने सियासी सरगर्मियां तेज़ कर दी हैं। मंगलवार को वह भाजपा के पंजाब प्रभारी केंद्रीय मंत्री गजेंद्र शेखावत से मिलेंगे। जिसमें सीट शेयरिंग को लेकर चर्चा होगी। शेखावत चुनावी तैयारियों को लेकर लगातार चंडीगढ़ का दौरा कर रहे हैं। इसके बाद अमरिंदर राष्ट्रीय प्रधान जेपी नड्डा से मुलाक़ात करेंगे। उनकी मुलाक़ात केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से भी होनी है। हालांकि शाह अभी व्यस्त हैं, इसलिए अमरिंदर का दिल्ली दौरा टल रहा है।
गठजोड़ नहीं सीट शेयरिंग का फॉर्मूला
पंजाब में 117 विधानसभा सीटें हैं। जहां कैप्टन भाजपा और शिअद (संयुक्त) के साथ मिलकर चुनावी रण में होंगे। हालांकि इन पार्टियों के बीच पारंपरिक गठबंधन नहीं होगा। पहले ही सीटों का कोटा तय कर दिया जाता है। इसमें सीट शेयरिंग होगी। जिस सीट पर तीनों में से जिसके पास मज़बूत कैंडिडेट होगा, उसकी पार्टी को टिकट मिलेगा। बाकी दोनों जीत में उनकी मदद करेंगे। हर सीट पर यही फॉर्मूला लागू होगा।
कांग्रेस को सत्ता से बाहर करने पर अडिग कैप्टन
कैप्टन अमरिंदर सिंह का पूरा ज़ोर कांग्रेस को पंजाब की सत्ता से बाहर करना है। वह पंजाब में सियासी दबदबा दिखाने से ज़्यादा कांग्रेस हाईकमान को ग़लत साबित करना चाहते हैं। जिन्होंने अचानक नवजोत सिद्धू को पंजाब कांग्रेस प्रधान बनाकर कैप्टन को सीएम की कुर्सी से हटा दिया। सियासी माहिर भी मानते हैं कि कैप्टन और उनके कैंडिडेट्स की हार-जीत से अधिक इसका कांग्रेस को नुक्सान होना तय है। कैप्टन जितने मज़बूत होंगे, कांग्रेस उतना ही पिछड़ती जाएगी।