नई दिल्ली, 03 मार्च (The News Air) दिल्ली विधानसभा के सदन में सोमवार को स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर कैग रिपोर्ट पर चर्चा के दौरान आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता और विधायक गोपाल राय ने कहा कि कैग की रिपोर्ट में भी स्वीकारा गया है कि देश भर की राज्य सरकारों के स्वास्थ्य मॉडल के इंडेक्स में दिल्ली की स्वास्थ्य व्यवस्था पहले स्थान पर है। आम आदमी पार्टी की सरकार ने दिल्ली के लोगों को अच्छी स्वास्थ्य सेवाएं देने के लिए शानदार कदम उठाए और देश में पहली बार मोहल्ला क्लीनिक खुले। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने लैंड, पब्लिक ऑर्डर और पुलिस को छोड़कर सारे अधिकार चुनी हुई दिल्ली सरकार को दिए थे, लेकिन भाजपा की केंद्र सरकार ने अध्यादेश लाकर इस फैसले को पलट दिया और कानून बना दिया कि दिल्ली सरकार कोई भर्ती नहीं कर सकती। अस्पतालों में स्टाफ की कमी के लिए भाजपा की केंद्र सरकार जिम्मेदार है।
विधानसभा के सदन में आम आदमी पार्टी के विधायक गोपाल राय ने कहा कि पिछले कई दिनों से सदन सीएजी की रिपोर्ट पर चर्चा कर रहा है। स्वास्थ्य सेवाओं पर सदन पटल रखी गई कैग रिपोर्ट की मुख्यतः तीन हिस्से हैं। कैग रिपोर्ट के पहले हिस्से में एनसीआर में स्थित स्वास्थ्य सेवाओं का दिल्ली के लोगों पर अनुकूल असर है, उस पर चर्चा की गई है। कैग रिपोर्ट के दूसरे हिस्से में इस बात को रखा गया है कि कैसे दिल्ली के लोगों को स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने के लिए अलग-अलग अस्पतालों खाली पदों को भरा नहीं गया। इसलिए लोगों को जो सेवाएं मिलनी चाहिए, उनके अनुपात में सेवाएं नहीं मिल पाईं। तीसरे हिस्से में दिल्ली के अंदर नए अस्पतालों और बेड्स के विस्तार के काम में 2022 तक क्या स्थिति थी, उस पर जिक्र किया गया है।
गोपाल राय ने कहा कि मैं स्वास्थ्य सेवाओं के मामले में दिल्ली की आम आदमी पार्टी की सरकार के काम की तारीफ करता हूं। दिल्ली अकेला राज्य नहीं हैं। देश के अलग-अलग राज्यों में कई सरकारें 5 से लेकर 30 साल से काम कर रही हैं। लेकिन उन सरकारों के स्वास्थ्य मॉडल और इंडेक्स में आज भी दिल्ली के सरकारी अस्पतालों का इंडेक्स पहले स्थान पर आता है। यह बात कैग रिपोर्ट के पहले ही पार्ट में लिखा हुआ है। कैग रिपोर्ट के दूसरे हिस्से पर गोपाल राय ने कहा कि दिल्ली के लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं देने के लिए आम आदमी पार्टी की सरकार ने पूरी जिम्मेदारी के साथ कदम उठाया। इसी सोच का परिणाम था कि भारत के अंदर पहली बार दिल्ली में मोहल्ला क्लीनिक स्थापित हुआ। किस तरह से अस्पतालों में काउंटर पर कर्मचारी कम हुए, किस तरह से एक-एक डाटा एंट्री ऑपरेटर की भर्ती के लिए आम आदमी पार्टी की सरकार को संघर्ष करना पड़ा।
गोपाल राय ने कहा कि अस्पतालों में कर्मचारियों की भर्ती को लेकर जब हमारी बात उपराज्यपाल से नहीं बनी तो हम सुप्रीम कोर्ट गए। पूरी दिल्ली को पता है कि सुप्रीम कोर्ट में इस मुद्दे को लेकर दो साल तक सुनवाई चली कि दिल्ली की चुनी हुई सरकार को कर्मचारियों को भर्ती करने का अधिकार होना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट पांच सदस्यीय संविधान पीठ का गठन किया और संविधान पीठ ने यह फैसला दिया कि लैंड, पब्लिक ऑर्डर और पुलिस को छोड़कर बाकी विषयों पर दिल्ली की सरकार को निर्णय लेने का अधिकार होना चाहिए। संविधान पीठ के फैसले के बावजूद भाजपा की केंद्र सरकार ने दिल्ली के साथ सौतेला व्यवहार किया। भाजपा ने अध्यादेश लाकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले को पलट दिया। भारत के इतिहास में पहले कभी ऐसा नहीं हुआ कि संविधान पीठ फैसला करे और सरकार अध्यादेश लाकर उसको खत्म कर दे। नया कानून बना दिया गया कि दिल्ली की चुनी हुई सरकार भर्ती नहीं कर सकती है।
गोपाल राय ने कहा कि कैग रिपोर्ट में अस्पतालों में कर्मचारियों की कमी का जो जिक्र किया गया है, उसके लिए सीधे तौर पर भाजपा की केंद्र सरकार का वह कानून जिम्मेदार है। मैं सदन के जरिए यह पूछना चाहता हूं कि चुनी हुई सरकार से यह अधिकार क्यों छीना गया। इसका जवाब केंद्र सरकार को देना पड़ेगा। पटल पर कैग की 2022 की रिपोर्ट है। जिसमें नए अस्पातलों का जिक्र है। 2022 के बाद से नए अस्पातलों को बढ़ाने में सरकार ने लगातार काम किया।
विधायक संजीव झा ने कहा कि गुजरात मॉडल पर भाजपा को पूरे देश में वोट मिला। मैंने गुजरात में ही यह मॉडल देखा कि लगातार चार साल सीएजी की रिपोर्ट नहीं पेश की गई। अगर सीएजी की रिपोर्ट टेबल नहीं करना अपराध है तो यह अपराध गुजरात में भी हुआ है। सीएजी की रिपोर्ट ही यह पोल खोल रही है कि दिल्ली का स्वास्थ्य मॉडल पूरे देश में सबसे बेहतर है। क्योंकि दिल्ली के स्वास्थ्य मॉडल की तुलना बाकी राज्यों से की जाएगी। ऐसा नहीं हो सकता है कि भाजपा हमें कटघरे में खड़ा कर देगी और बाकी जगहों पर क्या चल रहा है, उसे नहीं देखेगी। हमने 21 राज्यो की सीएजी रिपोर्ट पढ़ा और उनका हेल्थ इंडिगेटर्स देखा। इसमें दिल्ली एकमात्र ऐसा राज्य है, जो 24 हेल्थ इंडिगेटर मे ंसे सिर्फ दो इंडिगेटर ऐसे हैं, जो मानक पूरा नहीं करता। पूरे देश में कोई ऐसी सीएजी रिपोर्ट नहीं है, जो 50 फीसद भी हेल्थ इंडिगेटर के मानक को पूरा करता हो। इसलिए मैं कह रहा है कि यह सीएजी की रिपोर्ट अरविंद केजरीवाल सरकार की स्वास्थ्य व्यवस्था अच्छी थी, उसका पुख्ता दस्तावेज है।
संजीव झा ने कहा कि सत्ता पक्ष ने छोटी-छोटी कमियां निकाली। चुनाव के दौरान भाजपा कह रही थी कि मोहल्ला क्लीनिक हैं ही नहीं, वहां पर गाय-भैंसे घूम रही हैं। सीएजी की रिपोर्ट कह रही है कि 552 मोहल्ला क्लीनिक थे। दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार ने प्राइमरी, मोहल्ला क्लीनिक, पॉलीक्लीनिक और सुपर स्पेशियलिटी फोर टायर हेल्थ सर्विसेज बनाए। इन चारों व्यवस्था में रेफरल सिस्टम था। रेफरल सिस्टम के तहत इलाज में कई जगह कुछ कमियां रह गई। दिल्ली तो आधा राज्य है। लेकिन जहां पूरा राज्य है, वहां कहीं भी रेफरल सिस्टम नाम की कोई चीज ही नहीं थी। मध्यप्रदेश के 99 फीसद अस्पतालों में विशेषज्ञ डॉक्टर नहीं है। ऐसे देश के सात राज्य हैं, जहां जिला अस्पतालों में टेस्ट सेंटर नहीं है। इसके बाद भी हम मानते हैं कि हम बहुत बुरे लोग हैं। जनता ने निर्णय दे दिया है। सत्ता पक्ष बताए कि चार दिन से सीएजी रिपोर्ट पर चर्चा हो रही है और हमें गालियां दे रहे हैं। आप इसी मुद्दे पर चुनाव में आए थे और आप जीत गए।
संजीव झा ने कहा कि दिल्ली की जनता को काम करने वाली सरकार चाहिए, गालीबाज सरकार नहीं चाहिए। अब सत्ता पक्ष दिल्ली की जनता को बताए कि अगर अस्पतालों में यह कमियां हैं तो इस कमियों को आप दूर कैसे करेंगे। सीएजी रिपोर्ट की हेल्थ रिपोर्ट पर चर्चा हो रही है, लेकिन सदन में हेल्थ मिनिस्टिर ही मौजूद नहीं है। सीएम बताएं कि सीएजी ने जो कमियां बताई है, उसे छह महीने में पूरा कर देंगी।
विधायक अजय दत्त ने कहा कि बहुत कम लोगों की आदत सच सुनने की होती है। सच यह है कि मोहल्ला क्लीनिक बने, लाखों लोगों का मोहल्ला क्लीनिक में मुफ्त इलाज हुआ। सच यह है कि दिल्ली का स्वास्थ्य सिस्टम अच्छा हुआ, सच यह भी है कि जब इस देश के अंदर कोरोना आया, तब यूपी, हरियाणा समेत जहां भी भाजपा की सरकार थी, वहां लाखों लोगों की मौत हुई। नहरों में लाशों बहती हुई देखी गई। कोरोना वैक्सीन की डोज की गुणवत्ता पर भी बहुत बड़ा प्रश्न चिन्ह है। सच्चाई को झेलना भी बहुत मुश्किल का काम है। आज एक ही काम कर रहे हैं कि मोहल्ला क्लीनिक का नाम बदल दो, विधानसभा का नाम बदल दो। भाजपा यह बताए कि वह करना क्या चाहती है। कैग रिपोर्ट का इंडेक्स बता रहा है कि दिल्ली की स्वास्थ्य व्यवस्था पूरे भारत की स्वास्थ्य व्यवस्था की तुलना में नंबर वन है। भाजपा की केंद्र सरकार ने सर्विसेज को दिल्ली सरकार से छीन लिया। हजारों बार दिल्ली विधानसभा और सचिवालय से कर्मचारियों की भर्ती के लिए फाइल भेजी गई और एक साजिश के तहत आपने मोहल्ला क्लीनिक और अस्पतालों के अंदर डॉक्टरों को नियुक्त नहीं करने दिया। भाजपा ने केंद्र और एलजी के माध्यम से डॉक्टरों की सेवाएं रोकी, ब्लड टेस्ट के पैसे रोके और कंपाउंडर की सैलरी को रोका।