Cabbage Tapeworm Death News: उत्तर प्रदेश के अमरोहा से एक दिल दहला देने वाला मामला सामने आया है, जिसने फास्ट फूड और स्ट्रीट फूड के शौकीनों को सकते में डाल दिया है। यहां एक 17 वर्षीय छात्रा की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई है। डॉक्टरों का आरोप है कि फास्ट फूड में इस्तेमाल होने वाली ‘संक्रमित पत्ता गोभी’ (Infected Cabbage) खाने से उसके दिमाग में कीड़े (Tapeworm) पहुंच गए थे। छात्रा के सिर में एक-दो नहीं, बल्कि 25 के करीब गांठें (Cysts) पाई गईं। यह खबर हर उस व्यक्ति के लिए एक गंभीर चेतावनी है जो सड़क किनारे मिलने वाले मोमोज, बर्गर या चाउमीन का दीवाना है।
आम बुखार से शुरू हुई कहानी, मौत पर खत्म
मृतक छात्रा का नाम इलमा था, जो अमरोहा के चुचेला कला गांव की रहने वाली थी। पढ़ाई में होनहार और भविष्य में डॉक्टर बनने का सपना देखने वाली इलमा की जिंदगी एक मामूली बुखार ने छीन ली। परिजनों के मुताबिक, करीब एक महीने पहले उसे तेज बुखार आया था, जिसे टाइफाइड समझकर इलाज कराया गया। लेकिन दवाइयों का कोई असर नहीं हुआ और उसकी हालत बिगड़ती चली गई। सिरदर्द और कमजोरी के साथ उसे दौरे भी पड़ने लगे।
नोएडा में खुली बीमारी की परतें: दिमाग में मिला ‘कीड़ों का घर’
जब स्थानीय इलाज से फायदा नहीं हुआ, तो पिता उसे नोएडा लेकर गए। वहां सीटी स्कैन (CT Scan) और एमआरआई (MRI) रिपोर्ट देखकर डॉक्टर भी दंग रह गए। इलमा के दिमाग में कई गांठें दिखाई दीं। शुरुआत में इनकी संख्या 7-8 बताई गई, लेकिन कुछ ही दिनों में यह बढ़कर 20 से 25 तक पहुंच गई। डॉक्टरों ने इसे ‘न्यूरोसिस्टीसर्कोसिस’ (Neurocysticercosis) का गंभीर मामला बताया, जो अक्सर अधपके भोजन या संक्रमित सब्जियों से होता है।
ऑपरेशन के बाद भी नहीं बची जान
स्थिति की गंभीरता को देखते हुए 22 दिसंबर को उसे दिल्ली के डॉ. राम मनोहर लोहिया अस्पताल (RML) रेफर किया गया। वहां डॉक्टरों ने दिमाग का बड़ा ऑपरेशन किया, लेकिन संक्रमण इतना फैल चुका था कि तमाम कोशिशों के बावजूद इलमा ने दम तोड़ दिया।
डॉक्टरों की चेतावनी: कैसे जानलेवा बनी पत्ता गोभी?
अमरोहा के वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. शराफत अली ने बताया कि पत्ता गोभी जैसी हरी सब्जियों में ‘टेपवर्म’ (Tapeworm) नाम का कीड़ा या उसके अंडे पाए जा सकते हैं। ये मिट्टी या गंदे पानी के जरिए सब्जी पर चिपक जाते हैं। अगर ऐसी सब्जी को बिना ठीक से धोए या अधपका (जैसा अक्सर फास्ट फूड में होता है) खाया जाए, तो ये कीड़े पेट से होते हुए खून के रास्ते दिमाग तक पहुंच जाते हैं। वहां ये अंडे देते हैं और गांठें बना लेते हैं, जो जानलेवा साबित होती हैं।
संपादकीय विश्लेषण: स्वाद के चक्कर में सेहत से खिलवाड़
एक वरिष्ठ संपादक के नजरिए से देखें तो यह घटना सिर्फ एक मेडिकल केस नहीं, बल्कि हमारे बदलते खान-पान और गिरते हाइजीन स्टैंडर्ड का परिणाम है। शहरों और कस्बों में मशरूम की तरह उग आए फास्ट फूड स्टॉल पर सब्जियों की धुलाई और पकाई का कोई मानक नहीं है। कच्ची पत्ता गोभी का सलाद या अधपके मोमोज में भरा गया मिश्रण स्वाद तो देता है, लेकिन यह ‘साइलेंट किलर’ बन सकता है। यह घटना प्रशासन के लिए फूड सेफ्टी मानकों को सख्ती से लागू करने की चेतावनी है।
आम आदमी पर असर
यह खबर हर उस अभिभावक के लिए चिंता का विषय है जिनके बच्चे बाहर का खाना पसंद करते हैं। इस घटना ने लोगों के मन में हरी सब्जियों, खास तौर पर पत्ता गोभी को लेकर डर पैदा कर दिया है। इसका सीधा असर स्ट्रीट फूड वेंडर्स की बिक्री पर भी पड़ सकता है, लेकिन स्वास्थ्य सुरक्षा सबसे ऊपर है।
जानें पूरा मामला
क्या है पृष्ठभूमि: अमरोहा में इससे पहले भी एक छात्रा की मौत को लेकर फास्ट फूड को जिम्मेदार ठहराया गया था, हालांकि बाद में उसे आंत की टीबी (Intestinal TB) की पुष्टि हुई थी। लेकिन इलमा के मामले में डॉक्टरों का शुरूआती निदान ‘ब्रेन इंफेक्शन ड्यू टू टेपवर्म’ की ओर इशारा कर रहा है, जो अधपकी सब्जियों से सीधे जुड़ा है।
‘मुख्य बातें (Key Points)’
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Infected Cabbage खाने से अमरोहा की 17 वर्षीय छात्रा की मौत का आरोप।
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छात्रा के दिमाग में सीटी स्कैन के दौरान 20-25 गांठें (Cysts) मिलीं।
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डॉक्टरों के मुताबिक, Tapeworm खून के रास्ते दिमाग तक पहुंचकर जानलेवा बना।
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नोएडा और दिल्ली के RML अस्पताल में इलाज के बावजूद नहीं बची जान।
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डॉक्टर की सलाह: हरी सब्जियों को गर्म पानी से धोएं और पूरी तरह पकाकर ही खाएं।








