Delhi High Court on Batla House Demolition—दिल्ली (Delhi) के बाटला हाउस (Batla House) क्षेत्र में स्थित 7 संपत्तियों पर अब फिलहाल बुलडोजर नहीं चलेगा। दिल्ली हाई कोर्ट (Delhi High Court) ने इन संपत्तियों को तोड़ने पर अंतरिम रोक लगा दी है, जिससे वहां के निवासियों को बड़ी राहत मिली है। कोर्ट ने मामले को अन्य संबंधित याचिकाओं के साथ 10 जुलाई को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया है। कोर्ट के इस आदेश के बाद संबंधित संपत्ति मालिकों ने राहत की सांस ली है।*
इससे पहले 16 जून को भी बाटला हाउस पर बुलडोजर कार्रवाई को लेकर सुनवाई हुई थी। उस समय न्यायमूर्ति तेजस कार्या (Justice Tejas Karya) ने दिल्ली विकास प्राधिकरण (DDA) और अन्य संबंधित पक्षों को चार सप्ताह में जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया था। याचिकाकर्ताओं में से एक ने कोर्ट में यह तर्क दिया था कि उसकी संपत्ति खसरा नंबर 279 (Khasra No. 279) में आती है और PM-UDAY योजना (PM-UDAY Scheme) के तहत पात्र है, इसके बावजूद तोड़फोड़ का नोटिस भेजा गया।
गौरतलब है कि इससे पहले 11 जून को हाई कोर्ट ने आप (AAP) विधायक अमानतुल्ला खान (Amanatullah Khan) द्वारा दाखिल एक जनहित याचिका (PIL) को खारिज कर दिया था, जिसमें DDA की तोड़फोड़ की कार्रवाई को चुनौती दी गई थी। कोर्ट ने उस समय कहा था कि ऐसी जनहित याचिकाओं में सामान्य सुरक्षा आदेश जारी करने से व्यक्तिगत मामलों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है।
इससे पहले 7 मई को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने DDA को बाटला हाउस स्थित खसरा नंबर 279 की 2.8 बीघा या 0.702 हेक्टेयर जमीन पर बने अवैध ढांचों को गिराने का आदेश दिया था। यह जमीन ओखला गांव (Okhla Village) के मुरादी रोड (Muradi Road) के किनारे स्थित है। यह मामला काफी समय से चर्चा में बना हुआ है, क्योंकि इस क्षेत्र में कई निर्माण कार्य विवादों के घेरे में आ चुके हैं।
हाई कोर्ट के ताजा आदेश ने उन निवासियों को राहत दी है, जिनकी संपत्तियां इस कार्रवाई की जद में थीं। अब सभी की नजर 10 जुलाई को होने वाली अगली सुनवाई पर है, जहां इस मामले में आगे की कार्रवाई तय होगी।