नई दिल्ली (New Delhi), 24 जनवरी (The News Air): केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) 1 फरवरी 2025 को आम बजट पेश करने जा रही हैं। इस बार का बजट मध्यम वर्ग, MSME (Micro, Small and Medium Enterprises), और इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर के लिए खास हो सकता है। सूत्रों के अनुसार, सरकार 10 से 15 लाख रुपये सालाना कमाने वाले नागरिकों को टैक्स में राहत देकर उनकी खर्च करने की क्षमता बढ़ाने की तैयारी कर रही है।
इसके साथ ही आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (Artificial Intelligence) के बढ़ते प्रभाव से प्रभावित होने वाले कर्मचारियों के लिए भी विशेष योजनाओं की घोषणा हो सकती है।
मध्यम वर्ग को मिल सकती है टैक्स में बड़ी राहत
सरकार का लक्ष्य इस बार मध्यम वर्ग को राहत देने का है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, 10 से 15 लाख रुपये सालाना इनकम वाले लोगों को टैक्स में छूट मिल सकती है। यह कदम मध्यम वर्ग की खर्च करने की क्षमता को बढ़ाने के लिए उठाया जाएगा।
टैक्स छूट के फायदे:
- मध्यम वर्ग की आर्थिक स्थिति में सुधार।
- उपभोक्ता खर्च (consumer spending) बढ़ेगा।
- अर्थव्यवस्था को मिलेगा प्रोत्साहन।
वित्त मंत्रालय का मानना है कि यह कदम देश की अर्थव्यवस्था को मजबूती देने के लिए बेहद अहम साबित होगा।
इन्फ्रास्ट्रक्चर और MSME सेक्टर पर रहेगा फोकस
सूत्रों के अनुसार, इस बार के बजट में इन्फ्रास्ट्रक्चर सेक्टर जैसे रेलवे (railways), सड़क निर्माण (road development), शहरी विकास (urban development), और बिजली (electricity) जैसे क्षेत्रों में भारी निवेश किया जाएगा।
इसके अलावा, MSME सेक्टर के विकास के लिए विशेष योजनाओं की घोषणा की जा सकती है।
प्रमुख घोषणाएं:
- होटल, निर्माण, और रियल एस्टेट (real estate) जैसे उद्योगों को टैक्स में छूट।
- MSMEs के लिए सस्ते कर्ज (low-interest loans) की सुविधा।
- ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार सृजन (employment generation)।
इन प्रयासों से न केवल रोजगार के अवसर बढ़ेंगे, बल्कि छोटे उद्योगों को भी स्थिरता मिलेगी।
AI से नौकरियों पर असर: सरकार की तैयारी
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के बढ़ते उपयोग ने कई क्षेत्रों में नौकरियों को प्रभावित किया है। इस चुनौती को देखते हुए सरकार AI के कारण नौकरी गंवाने वाले कर्मचारियों के लिए राहत पैकेज (relief package) ला सकती है।
संभावित घोषणाएं:
- AI से प्रभावित कर्मचारियों के लिए विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम (reskilling programs)।
- भारतीय कंपनियों को वैश्विक प्रतिस्पर्धा (global competitiveness) में सक्षम बनाने के लिए नई योजनाएं।
- टेक्नोलॉजी सेक्टर में निवेश बढ़ाने की घोषणा।
AI की वजह से होने वाले बदलावों को ध्यान में रखते हुए यह बजट तकनीकी क्षेत्र में बड़ी राहत प्रदान कर सकता है।
यूपीए और एनडीए की तुलना में विकास की रफ्तार
सरकारी आंकड़ों के अनुसार, पिछले कुछ वर्षों में ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों की प्रति व्यक्ति आय में भारी वृद्धि हुई है।
- 2011-12: ग्रामीण क्षेत्रों में औसत मासिक खर्च 1,430 रुपये था।
- 2023-24: यह बढ़कर 4,122 रुपये हो गया।
- शहरी क्षेत्रों में: यह 2,630 रुपये से बढ़कर 6,996 रुपये हो गया।
बजट 2025: इस वृद्धि को और तेज करने के लिए डेवलपमेंट पर खास फोकस रखा जाएगा।
दिल्ली चुनाव से पहले का महत्वपूर्ण बजट
बजट 2025, दिल्ली चुनाव से ठीक पहले पेश किया जाएगा, जिससे यह राजनीतिक दृष्टि से भी काफी महत्वपूर्ण हो जाता है। सरकार की कोशिश होगी कि यह बजट हर वर्ग को खुश कर सके।
बजट 2025 से हर वर्ग को उम्मीदें हैं। मध्यम वर्ग को टैक्स में राहत, MSMEs को प्रोत्साहन, और इन्फ्रास्ट्रक्चर विकास से देश की अर्थव्यवस्था को नई रफ्तार मिलने की संभावना है। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के प्रभाव से निपटने और भारतीय कंपनियों को वैश्विक प्रतिस्पर्धा में आगे बढ़ाने के लिए भी सरकार बड़े कदम उठा सकती है।
क्या बजट 2025 उम्मीदों पर खरा उतरेगा? यह 1 फरवरी को पता चलेगा।