Budget 2023: 27 जनवरी को बीता हफ्ता बाजार के बहुत खराब रहा। इस हफ्ते BSE में लिस्टेड कंपनियों के मार्केट कैप में सिर्फ 2 दिनों के कारोबार में 11 लाख करोड़ रुपये का नुकसान हो गया। दिग्गज कंपनियों के अच्छे नतीजों के बावजूद बाजार पर अडानी ग्रुप कंपनियों को लेकर आई नेगिटव रिसर्च रिपोर्ट का साया मंडराता नजर आया। 2 कारोबारी सत्रों में हिंडनबर्ग की नेगेटिव टिप्पणी के कारण अडानी ग्रुप की कंपनियों के मार्केट में 4 लाख करोड़ रुपये की गिरावट देखने को मिली। पिछले हफ्ते निफ्टी सेंसेक्स और बैंक निफ्टी का भी अपने अहम सपोर्ट के नीचे फिसलते नजर आए। इसके बावजूद तेजड़ियों को इस बात की उम्मीद नजर आ रही है कि आगामी बजट बाजार के लिए बूस्टर का काम कर सकता है और मंदड़िए एक बार फिर से पिछले पांव पर जाते नजर आ सकते हैं।
दिग्गजों की तरह ही पिछले सप्ताह के दौरान बीएसई स्मॉलकैप, मिडकैप और लार्जकैप सूचकांक क्रमश: 3.5 फीसदी, 2.6 फीसदी और 3 फीसदी गिरे।
कोटक सिक्योरिटीज के श्रीकांत चौहान का कहना है कि बीते हफ्ते बीएसई स्मॉलकैप और बीएसई मिडकैप सूचकांकों की गिरावट सेंसेक्स और निफ्टी जैसे प्रमुख बेंचमार्क इंडेक्स की तुलना में ज्यादा तेज रही। सेक्टोरल इंडेक्सों पर नजर डालें तो कई इंडेक्स में बीते हफ्ते 5 फीसदी से ज्यादा की गिरावट आई है।
Geojit Financial services के विनोद नायर का कहना है कि बजट 2023 और फेड की बैठक से पहले बाजार असहज दिख रहा है। विदेशी संस्थागत निवेशक भी बिकवाली कर रहे थे क्योंकि भारत की तुलाना में दूसरे देशों के सस्ते वैल्यूशन के कारण विदेशी संथागत निवेश भारत से पैसे निकाल कर दूसरे देशों में डाल रहे हैं।
स्वास्तिका इनवेस्टमार्ट के संतोष मीणा का कहना है कि बाजार के लिए 1 फरवरी को आने वाला यूनियन बजट अहम घरेलू ट्रिगर होगा। वहीं ग्लोबल नजरिए से देखें तो 1 फरवरी को ही USFOMC की मीटिंग होने वाली है। इसके फैसलों पर भी बाजार की टिकी हुई है। इसके अलावा जनवरी महीने के ऑटो बिक्री आंकड़े और अमेरिका के मैक्रो इकोनॉमिक आंकड़े भी बाजार के रडार पर बने हुए हैं। अडानी ग्रुप के स्टॉक अगले हफ्ते निवेशकों और बाजार जानकारों के रडार पर रहेंगे। भारतीय बाजार में FII की तरफ से हो रही निकासी भी बाजार के लिए चिंता का विषय है। पिछले हफ्ते FII ने भारतीय बाजारों में 9000 करोड़ रुपये की बिकावाली की है।
उन्होंने आगे कहा कि टेक्निकल नजरिए से देखें तो निफ्टी ने पिछले एक महीने का अपना 18200-17800 का रेंज तोड़ दिया है। जो बाजार के लिए अच्छा संकेत नहीं है। हालांकि निफ्टी के लिए 17425 पर पहला सपोर्ट और उसके बाद 17300 यानी 200 DMA पर अगला सपोर्ट है। वहीं निफ्टी के लिए 18000 तक इसके बाद अगली बाधा 18200 पर नजर आ रही है।
बैंकिंग शेयरों की बात करें तो बैंक निफ्टी ने 100 DMA का स्तर तोड़ दिया है। अब इसके लिए 40000 के स्तर पर पहला सपोर्ट नजर आ रहा है। वहीं किसी तेजी की स्थिति में 200 DMA या 39000 पर इसके लिए बडा सपोर्ट नजर आ रहा है। वहीं ऊपर की तरफ 41500-41700 पर पहला रजिस्टेंस है। वहीं 42750 पर अगला बड़ा रजिस्टेंस है।
इस समय बाजार के डेरिवेटिव आंकड़ें भी काफी ओवरसोल्ड नजर आ रहे हैं। इंडेक्स फ्यूचर में FIIs का शॉर्ट एक्सपोजर बढ़कर 75 फीसदी पर पहुंच गया है। जबकि पुट कॉल रेशियो 0.74 पर नजर आ रहा है।
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