Delhi Pollution Health Impact : दिल्ली-एनसीआर में अब लोगों का दम घुटने लगा है और सांस लेना किसी ‘लग्जरी’ से कम नहीं रह गया है। राजधानी में बढ़ते प्रदूषण ने हालात इतने खराब कर दिए हैं कि यहां रहने वाले 80 फीसदी लोग बीमार हो चुके हैं। कंज्यूमर रिसर्च फर्म ‘सिम्टम प्लस एआई’ (Symptom Plus AI) की एक ताजा स्टडी ने दिल्ली, गुरुग्राम, नोएडा, गाजियाबाद और फरीदाबाद के 4000 लोगों पर सर्वे कर डरावनी हकीकत बयां की है।
घरों में कैद हुई जिंदगी
इस रिपोर्ट के मुताबिक, जहरीला स्मोक लोगों की सेहत, जेब और भविष्य तीनों को निगल रहा है। सर्वे में शामिल 80% से ज्यादा लोगों ने बताया कि उन्हें लगातार स्वास्थ्य समस्याएं हो रही हैं, जिनमें पुरानी खांसी, बहुत ज्यादा थकान और सांस लेने में जलन शामिल है। हालात ऐसे हैं कि 76.4% लोगों ने घर से बाहर निकलना कम कर दिया है। प्रदूषण के डर से परिवार घरों के अंदर दुबके हुए हैं, जिससे उनके घर अब ‘वर्चुअल जेल’ बन गए हैं।
शहर छोड़ने की तैयारी
प्रदूषण का खौफ इतना ज्यादा है कि लोग अब दिल्ली-एनसीआर छोड़ने का मन बना रहे हैं। सर्वे के अनुसार, 79.8% लोग या तो शिफ्ट होने का सोच रहे हैं या शिफ्ट हो चुके हैं। इनमें से 15.2% लोग पहले ही शहर छोड़ चुके हैं, जबकि 33.6% सीरियसली शिफ्ट होने का प्लान बना रहे हैं। लोग अब पहाड़ी इलाकों या कम फैक्ट्रियों वाले छोटे शहरों में प्रॉपर्टी तलाश रहे हैं, जहां उन्हें सांस लेने के लिए किसी ऐप या मशीन की जरूरत न पड़े।
जेब पर पड़ा भारी असर
प्रदूषण ने सिर्फ सेहत ही नहीं, बल्कि मिडिल क्लास परिवारों की जेब पर भी डाका डाला है। 85.3% लोगों ने माना कि प्रदूषण की वजह से उनके घर के खर्च बढ़ गए हैं। दवाइयों, एयर प्यूरीफायर और डॉक्टरों के चक्कर ने 41.6% लोगों को भारी आर्थिक संकट में डाल दिया है। विशेषज्ञों का कहना है कि यह अब सिर्फ पर्यावरण का मुद्दा नहीं है, बल्कि यह लोगों के जीवन जीने के तरीके (Lifestyle) को पूरी तरह बदल रहा है।
‘मुख्य बातें (Key Points)’
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दिल्ली-एनसीआर के 80% लोग प्रदूषण की वजह से बीमार हो चुके हैं।
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पिछले साल 68.3% लोगों को मेडिकल मदद लेनी पड़ी।
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76.4% लोगों ने घर से बाहर निकलना बंद कर दिया है, घर ‘वर्चुअल जेल’ बने।
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15% से ज्यादा लोग प्रदूषण के कारण दिल्ली छोड़कर जा चुके हैं।
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लोग पहाड़ों और छोटे शहरों में बसने की योजना बना रहे हैं।
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85.3% परिवारों पर प्रदूषण की वजह से आर्थिक बोझ बढ़ा है।






