BREAKING: कोलकाता डॉक्टर रेपकांड में बड़ा अपडेट,

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BREAKING: कोलकाता डॉक्टर रेप कांड में कोर्ट ने आरोपी संजय राय के पॉलीग्राफी टेस्ट को मंजूरी दे दी है। कोर्ट की मंजूरी के बाद आरोपी संजय राय का पॉलीग्राफी टेस्ट होगा, मामले में सच जांच एजेंसी के सामने आएगा।

अब लोगों के दिमाग से ये सवाल उठ रहे हैं कि आखिर सीबीआई का पॉलीग्राफी टेस्ट क्या होता है? दरअसल इस टेस्ट को साइकोलॉजीकल ऑटोप्सी कहते हैं जिसका मतलब होता है कि अपराधी के दिमाग का साइकोलॉजीकल पोस्टमार्टम। इस तरह के टेस्ट में सीबीआई के 5 डॉक्टरों की टीम सीएफएसएल टीम ये टेस्ट करती है। इस मामले में भी सीबीआई की CFSL टीम टेस्ट करने कोलकाता पहुंची है। सीबीआई की सीएफएसएल की टीम संजय राय से इस हत्याकांड के बारे में कुछ सवाल करेगी। इन सवालों के लिए सीबीआई सवालों की एक लिस्ट तैयार कर रही है।

संजय राय से सीबीआई पूछेगी ये सवाल
  • तुम्हारा नाम क्या और तुम क्या करते हो?

  • तुम्हारे परिवार में कौन-कौन है?

  • तुम्हारे पास कितने मोबाइल फोन हैं, उनके नंबर बताओ? और अपने दोस्तों के नाम बताओ?

  • कोई तुम्हारा दुश्मन है अगर है तो उसका भी नाम बताओ?

  • घटना वाले दिन कहां-कहां गए थे? किससे मुलाकात की और क्या-क्या किया था?

  • जिस रात वारदात हुथी तब क्या तुमने शराब पी रखी थी और क्या तुम शराब पीने के आदी हो?

  • वारदात की रात तुम सेमीनार हॉल में क्यों गए थे? उस दिन तुम किस-किस मिले थे और तुमने अस्पताल में क्या किया?

  • वारदात से पहले तुमने पीड़िता को कहां देखा था? क्या पीड़िता से तुम्हारी बात हुई थी?

  • पीड़ित लड़की की जब तुम हत्या कर रहे थे तो तुम्हें किसी बात का डर नहीं लग रहा था? हत्या करने के बाद तुम कहां गए थे?

  • हत्या के बाद तुमने किस- किस को फोन किया था? तुमने हत्या करने के बाद क्या किसी को इसके बारे में बताया भी था?

  • तुम्हारे मोबाइल में पोर्न वीडियो मिले हैं क्या तुम्हें पोर्न वीडियो देखने की आदत है? अगर है तो कब से है?

इस टेस्ट में होगा आरोपी के दिमाग का पोस्टमॉर्टम!
आमतौर पर ऐसे टेस्ट में आरोपी के दिमाग में वारदात से पहले वारदात को अंजाम देते समय और मौजूदा समय क्या कुछ चल रहा था इसके बारे में अध्ययन किया जाता है। हम इसे ऐसे भी कह सकते हैं आरोपी के दिमाग का पोस्टमॉर्टम इस टेस्ट के जरिए किया जाता है। ऐसे टेस्ट के लिए CBI को किसी से यहां तक कि कोर्ट से भी इजाजत लेने की जरूरत नहीं होती है।

इस टेस्ट से हम इसके नतीजों के बाद आवश्यकता के मुताबिक आरोपी का कोर्ट की इजाजत से ब्रेन मैपिंग लाई डिटेक्टर नॉर्को टेस्ट करवाया जा सकता है। इस टेस्ट में सीबीआई लेयर्ड वॉयस विश्लेषण यानि कि झूठ पकड़ने वाली मशीन में संजय की आवाज को डाल सकती है। जिससे पता चलेगा कि वो सच बोल रहा है या झूठ।

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