नई दिल्ली (New Delhi), 5 जनवरी (The News Air) सिडनी क्रिकेट ग्राउंड (Sydney Cricket Ground) पर भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच खेली गई बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी (Border-Gavaskar Trophy) 2025 में ऑस्ट्रेलिया ने भारत को 6 विकेट से हराकर 3-1 से सीरीज अपने नाम कर ली। कंगारूओं ने यह प्रतिष्ठित ट्रॉफी 2014/15 के बाद पहली बार जीती है। यह सीरीज न केवल यादगार रही, बल्कि कई ऐतिहासिक रिकॉर्ड्स से भी भरपूर थी।
बुमराह का ऐतिहासिक प्रदर्शन : भारतीय तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह (Jasprit Bumrah) ने इस सीरीज में कुल 32 विकेट लेकर ‘प्लेयर ऑफ द सीरीज’ का खिताब अपने नाम किया। यह प्रदर्शन भारतीय क्रिकेट के इतिहास में एक बड़ी उपलब्धि है। इससे पहले कपिल देव (Kapil Dev) ने 1979/80 में पाकिस्तान के खिलाफ 32 विकेट लिए थे। बुमराह ने यह कारनामा केवल 13.06 की औसत से किया, जो किसी भारतीय तेज गेंदबाज के लिए अब तक की सर्वश्रेष्ठ औसत है।
सिडनी टेस्ट: बोलैंड का कमाल : ऑस्ट्रेलियाई तेज गेंदबाज स्कॉट बोलैंड (Scott Boland) ने सिडनी टेस्ट में 76 रन देकर 10 विकेट झटके। साल 1900 के बाद से वह सिडनी क्रिकेट ग्राउंड पर 10 विकेट लेने वाले सिर्फ दूसरे ऑस्ट्रेलियाई तेज गेंदबाज बन गए हैं। उनका प्रदर्शन इतना प्रभावशाली रहा कि उन्होंने सीरीज में 21 विकेट 13.19 की औसत से लिए।
पिच की चुनौती और भारत का संघर्ष : सिडनी क्रिकेट ग्राउंड पर खेले गए इस टेस्ट में 1141 गेंदों के भीतर मैच खत्म हो गया। यह 1896 के बाद से सबसे कम गेंदों वाला टेस्ट मैच था। भारतीय टीम इस सीरीज में दो मैचों की दोनों पारियों में 200 रनों से कम पर आउट हो गई, जो बल्लेबाजी में संघर्ष को दर्शाता है। यह 2000 के बाद केवल तीसरी बार हुआ है।
ऑस्ट्रेलिया की ऐतिहासिक वापसी : सीरीज की शुरुआत भारत के धमाकेदार प्रदर्शन से हुई थी, जब पर्थ (Perth) टेस्ट में भारत ने 295 रनों से जीत दर्ज की। लेकिन इसके बाद ऑस्ट्रेलिया ने अगले चार में से तीन मैच जीतकर शानदार वापसी की। इस तरह ऑस्ट्रेलिया ने पिछली बार 1997 में इंग्लैंड (England) के खिलाफ ऐसी वापसी की थी।
ऐतिहासिक रिकॉर्ड्स की झड़ी
- बुमराह का 32 विकेट लेना उन्हें कपिल देव और हरभजन सिंह (Harbhajan Singh) के समानांतर खड़ा करता है।
- सिडनी टेस्ट में स्कॉट बोलैंड का प्रदर्शन 1900 के बाद का सबसे शानदार प्रदर्शन रहा।
- भारत की बल्लेबाजी ने चिंता बढ़ाई, क्योंकि पिछले 5 सीरीज में भारत ने 3 टेस्ट में हार का सामना किया।
आगे की चुनौतियां : भारतीय टीम के लिए यह सीरीज एक सबक है। सीनियर खिलाड़ियों की फॉर्म और टीम मैनेजमेंट पर सवाल उठ रहे हैं। 2024/25 में यह दूसरी बार है जब टीम इंडिया ने तीन टेस्ट गंवाए। आगामी सीरीज में भारतीय क्रिकेट को सुधार की जरूरत है।