Black Salt Benefits for Men को लेकर आयुर्वेद में कई चौंकाने वाले तथ्य बताए गए हैं। क्या आप जानते हैं कि आपकी थकान, कमजोरी और यहां तक कि नपुंसकता का एक बड़ा कारण आपके घर में इस्तेमाल होने वाला सफेद नमक हो सकता है?
आधुनिक जीवनशैली में पुरुषों की घटती ताकत और हार्मोनल असंतुलन का एक बड़ा कारण आयोडीन मिला रिफाइंड नमक और शरीर में प्राकृतिक खनिजों की कमी है। आयुर्वेद के अनुसार, शरीर की ऊर्जा, हार्मोन और पौरुष शक्ति सीधे तौर पर पाचन और खनिज संतुलन पर निर्भर करती है। जब हम प्राकृतिक नमक को छोड़कर केमिकलयुक्त नमक खाते हैं, तो इसका सीधा असर हमारी प्रजनन क्षमता पर पड़ता है।
आयोडीन वाला नमक: फायदे कम, नुकसान ज्यादा
बाजार में मिलने वाला आयोडीन युक्त नमक (Sea Salt) समुद्र के पानी से बनता है, जिसमें प्राकृतिक रूप से केवल 3-4 माइक्रोन्यूट्रिएंट्स होते हैं। इसके विपरीत, सेंधा नमक (Rock Salt) या काला नमक, जिसे ‘पाकिस्तानी नमक’ या ‘लाहौरी नमक’ भी कहा जाता है, में 90 से 94 माइक्रोन्यूट्रिएंट्स पाए जाते हैं।
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हार्मोनल असंतुलन: शरीर में जरूरत से ज्यादा आयोडीन (Surplus Iodine) नपुंसकता (Impotency) का कारण बन सकता है। यह पुरुषों में स्पर्म काउंट कम करता है और महिलाओं में ओवुलेशन की प्रक्रिया को बाधित करता है।
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ब्लड प्रेशर का खतरा: समुद्री नमक ब्लड प्रेशर बढ़ाने वाला मुख्य कारक है, जो आज हर दूसरे व्यक्ति की समस्या बन चुका है।
नपुंसकता और आयोडीन का कनेक्शन
विशेषज्ञ ने बताया कि उनके पास ऐसे हजारों मरीज आते हैं जिनकी शादी को 10-12 साल हो चुके हैं, लेकिन कोई संतान नहीं है। जब उनकी रिपोर्ट जांची जाती है, तो कोई मेडिकल कॉम्प्लिकेशन नहीं मिलता, लेकिन उनके खून में आयोडीन की मात्रा सामान्य से ज्यादा पाई जाती है। जैसे ही वे आयोडीन वाला नमक बंद करके सेंधा नमक शुरू करते हैं, एक-डेढ़ साल में परिणाम सकारात्मक मिलते हैं। यह कोई चमत्कार नहीं, बल्कि शरीर में खनिजों का संतुलन है।
‘एक्स्ट्रा फ्री फ्लो’ का काला सच
बाजार में मिलने वाले नमक को ‘एक्स्ट्रा फ्री फ्लो’ (Extra Free Flow) बनाने के लिए उसमें ‘एलुमिनियम सिलिकेट’ (Aluminium Silicate) जैसा खतरनाक केमिकल मिलाया जाता है। नमक का स्वभाव नमी सोखना है, लेकिन यह केमिकल उसे सूखा रखता है।
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विदेशी नकल: यूरोप और अमेरिका में लोग बनी-बनाई सब्जी या सलाद पर ऊपर से नमक छिड़कते हैं, इसलिए उन्हें फ्री फ्लो नमक चाहिए।
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भारतीय तरीका: हम सब्जी पकाते समय नमक डालते हैं, इसलिए हमें फ्री फ्लो नमक की कोई जरूरत नहीं है। एलुमिनियम सिलिकेट हमारे फेफड़ों को नुकसान पहुंचाता है और दमा, अस्थमा जैसी बीमारियों का कारण बनता है।
विश्लेषण: 70 साल पहले तक हम स्वस्थ थे (Analysis)
इस मुद्दे की गहराई में जाएं, तो यह स्पष्ट होता है कि नमक का बाजारीकरण हमारे स्वास्थ्य पर भारी पड़ रहा है। 70 साल पहले तक भारत में समुद्री नमक नहीं खाया जाता था, हम सब सेंधा नमक ही खाते थे। दाल और सब्जियों में प्राकृतिक रूप से पर्याप्त आयोडीन होता है, इसलिए हमें अलग से आयोडीन युक्त नमक की जरूरत नहीं है। सरकार और कंपनियों के विज्ञापनों ने हमारे मन में आयोडीन की कमी का डर बिठा दिया है, जबकि हकीकत यह है कि हम ‘ओवरडोज’ के शिकार हो रहे हैं। सेंधा नमक न केवल पौरुष शक्ति बढ़ाता है, बल्कि यह शरीर को ठंडा रखता है और पाचन को दुरुस्त करता है।
दूध और नमक: एक खतरनाक संयोग
आयुर्वेद का एक और महत्वपूर्ण नियम है—दूध और नमक का संयोग (Viruddha Ahaar)। दूध के साथ या दूध पीने के तुरंत बाद नमक वाली चीजें नहीं खानी चाहिए। यह शरीर में विषाक्तता (Toxicity) पैदा करता है और कई त्वचा रोगों का कारण बनता है। अगर खीर खानी है, तो उसे मीठी पूरी या रोटी के साथ खाएं, सब्जी के साथ नहीं।
जानें पूरा मामला
यह जानकारी एक स्वास्थ्य विशेषज्ञ के वीडियो पर आधारित है, जिसमें उन्होंने नपुंसकता और अन्य जीवनशैली से जुड़ी बीमारियों के लिए रिफाइंड आयोडीन नमक को जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने सलाह दी है कि स्वस्थ जीवन, बेहतर पौरुष शक्ति और बीमारियों से बचने के लिए आज ही अपने किचन से सफेद नमक हटाकर सेंधा या काला नमक अपनाएं।
मुख्य बातें (Key Points)
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Black Salt और सेंधा नमक में 94 माइक्रोन्यूट्रिएंट्स होते हैं, जबकि सफेद नमक में सिर्फ 3-4।
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ज्यादा आयोडीन पुरुषों में स्पर्म काउंट कम करता है और नपुंसकता लाता है।
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रिफाइंड नमक में मिला ‘एलुमिनियम सिलिकेट’ फेफड़ों और पाचन के लिए हानिकारक है।
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दूध और नमक का सेवन एक साथ कभी नहीं करना चाहिए।
डिस्क्लेमर: यह लेख सिर्फ सामान्य जानकारी के लिए है। किसी भी तरह से किसी दवा या इलाज का विकल्प नहीं हो सकता। ज्यादा जानकारी के लिए हमेशा अपने डॉक्टर से संपर्क करें।






