SIR Row – बिहार में मतदाता विशेष गहन पुनरीक्षण (Special Intensive Revision – SIR) को लेकर संसद से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक गर्मागर्मी जारी है। लोकसभा में नेता विपक्ष राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि SIR के जरिए “वोट चोरी” हो रही है और बीजेपी-चुनाव आयोग की मिलीभगत है।
इसी बीच, बीजेपी ने कांग्रेस और गांधी परिवार पर पलटवार करते हुए एक पुराना मामला सामने लाया है। बीजेपी आईटी सेल प्रमुख अमित मालवीय का दावा है कि कांग्रेस नेता सोनिया गांधी भारत की नागरिक बनने से पहले ही यहां की मतदाता बन गई थीं।
अमित मालवीय के आरोप
मालवीय ने सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म X पर पोस्ट करते हुए कहा – “सोनिया गांधी का नाम पहली बार 1980 में मतदाता सूची में जोड़ा गया था, जबकि वे तब तक भारतीय नागरिक नहीं थीं और उनके पास इतालवी नागरिकता थी। यह चुनावी कानून का उल्लंघन था।”
उन्होंने आगे लिखा कि सोनिया गांधी का नाम दो बार नागरिकता मिलने से पहले मतदाता सूची में दर्ज हुआ – पहली बार 1980 में और फिर 1983 में, जबकि उन्हें 30 अप्रैल 1983 को ही भारतीय नागरिकता मिली थी।
Sonia Gandhi’s tryst with India’s voters’ list is riddled with glaring violations of electoral law. This perhaps explains Rahul Gandhi’s fondness for regularising ineligible and illegal voters, and his opposition to the Special Intensive Revision (SIR).
Her name first appeared… pic.twitter.com/upl1LM8Xhl
— Amit Malviya (@amitmalviya) August 13, 2025
वोटर लिस्ट में दो बार नाम
मालवीय के अनुसार, 1980 में मतदाता सूची संशोधन के दौरान 1, सफदरजंग रोड, जो उस समय प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी का आधिकारिक निवास था, के मतदान केंद्र संख्या 145 में सोनिया गांधी का नाम दर्ज हुआ।
1982 में विरोध के बाद उनका नाम हटाया गया, लेकिन 1983 में फिर से मतदाता सूची में शामिल कर लिया गया – जबकि कानूनी तौर पर भारतीय नागरिकता लेने से पहले यह संभव नहीं था।
राहुल गांधी का पलटवार
SIR को लेकर राहुल गांधी पहले ही मोर्चा खोले हुए हैं। उन्होंने दावा किया कि वोट चोरी पांच तरीकों से हो रही है – डुप्लीकेट मतदाता, फर्जी पते, थोक पंजीकरण, अमान्य फोटो और फॉर्म-6 का दुरुपयोग। राहुल का आरोप है कि SIR की वजह से खासकर अल्पसंख्यक और कमजोर तबके के लोग आवश्यक दस्तावेज न होने के कारण मताधिकार से वंचित हो जाएंगे। उन्होंने इसे “संस्थागत चोरी” करार दिया।
पृष्ठभूमि
मतदाता सूची में पंजीकरण के लिए भारतीय नागरिक होना अनिवार्य है। अगर कोई गैर-नागरिक मतदाता सूची में दर्ज होता है तो यह न सिर्फ कानूनी उल्लंघन है, बल्कि चुनावी प्रक्रिया की पारदर्शिता पर भी सवाल खड़ा करता है।
SIR का उद्देश्य मतदाता सूची को अद्यतन और सटीक बनाना है, लेकिन विपक्ष का आरोप है कि इसे राजनीतिक लाभ के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है। सोनिया गांधी के नागरिक बनने से पहले वोटर बनने का यह पुराना विवाद मौजूदा बहस को और गरमा रहा है।






