नई दिल्ली, 19 जनवरी (The News Air): भारतीय जनता पार्टी (BJP) जल्द ही अपने नए राष्ट्रीय अध्यक्ष की नियुक्ति करेगी। पार्टी सूत्रों के मुताबिक, अध्यक्ष का चुनाव 10 फरवरी से 20 फरवरी के बीच किया जा सकता है। मौजूदा अध्यक्ष जेपी नड्डा (JP Nadda) का कार्यकाल जनवरी 2024 में खत्म हो चुका है। हालांकि, लोकसभा चुनावों को ध्यान में रखते हुए उनका कार्यकाल एक साल के लिए बढ़ा दिया गया था।
पार्टी के संविधान के अनुसार, राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव से पहले राज्यों की कम से कम 50% इकाइयों को अपने संगठनात्मक चुनाव पूरे करने होंगे। अब तक केवल चार राज्यों ने यह प्रक्रिया पूरी की है।
कौन बनेगा BJP का नया राष्ट्रीय अध्यक्ष? : BJP के अगले राष्ट्रीय अध्यक्ष का चयन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) और RSS प्रमुख मोहन भागवत (Mohan Bhagwat) की सहमति से होगा। इस रेस में कई बड़े नाम चर्चा में हैं:
- धर्मेंद्र प्रधान (Dharmendra Pradhan) – केंद्रीय मंत्री और ओडिशा से।
- भूपेंद्र यादव (Bhupender Yadav) – राजस्थान से आने वाले वरिष्ठ नेता।
- विनोद तावड़े (Vinod Tawde) – महाराष्ट्र के कद्दावर नेता।
- शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chouhan) – मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री।
- मनोहर लाल खट्टर (Manohar Lal Khattar) – हरियाणा के मुख्यमंत्री।
- राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) – पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष और रक्षा मंत्री।
हालांकि, पार्टी की तरफ से अभी तक कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है।
BJP के राष्ट्रीय अध्यक्ष के लिए पात्रता : पार्टी के संविधान के अनुसार, राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने के लिए कम से कम 15 साल तक BJP का सदस्य होना अनिवार्य है।
- 2010-2013: नितिन गडकरी (Nitin Gadkari)
- 2005-2009 और 2013-2014: राजनाथ सिंह (Rajnath Singh)
- 2014-2020: अमित शाह (Amit Shah)
- 2020-2024: जेपी नड्डा (JP Nadda)
चुनाव की प्रक्रिया और संगठनात्मक चुनौतियां : BJP के संगठनात्मक चुनाव पहले से निर्धारित समय पर हो रहे हैं।
- राष्ट्रीय परिषद (National Council) और राज्य परिषद (State Council) के सदस्य चुने जा रहे हैं।
- चार राज्यों ने अभी तक अपने संगठनात्मक चुनाव पूरे किए हैं।
क्या कहते हैं राजनीतिक विशेषज्ञ? : राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि नए अध्यक्ष का चयन 2024 लोकसभा चुनावों को ध्यान में रखते हुए होगा। नया नेतृत्व BJP की चुनावी रणनीतियों को और मजबूती देगा।
BJP के अगले राष्ट्रीय अध्यक्ष की नियुक्ति न केवल पार्टी के लिए महत्वपूर्ण है बल्कि आगामी लोकसभा चुनावों के लिए भी निर्णायक साबित हो सकती है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि पार्टी किस नेता को यह बड़ी जिम्मेदारी सौंपती है।