MNS के दो फीसदी वोटों के लिए उत्तर भारतीयों की नाराजगी मोल लेगी BJP?

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राज ठाकरे न्यूज,MNS के दो फीसदी वोटों के लिए उत्तर भारतीयों की नाराजगी मोल लेगी BJP? महाराष्ट्र की सियासत में क्या चल रहा है - raj thackeray will bjp face resentment of north indians for 2 percent votes of mns in maharashtra politics

मुंबई, 19 मार्च (The News Air): 2024 लोकसभा चुनावों से पहले महाराष्ट्र में बड़ी सियासी हलचल सामने आई है। बीजेपी के अगुवाई वाले महायुति में महाराष्ट्र नव निर्माण सेना (मनसे) के प्रमुख राज ठाकरे की एंट्री तय मानी जा रही है। दावा किया जा रहा है कि जल्द ही महायुति के चौथे पार्टनर के तौर पर मनसे का नाम घोषित हो सकता है। महाराष्ट्र में राज ठाकरे को साथ लेने के पीछे कहा जा रहा है कि इससे बीजेपी उद्धव ठाकरे फैक्टर को काटकर महाविकास अघाड़ी को और कमजोर कर सकेगी, लेकिन इसी के साथ सवाल खड़ा हो रहा है कि पूर्व में उत्तर भारतीयों के नजर में खलनायक रहे राज ठाकरे को साथ लेकर बीजेपी यूपी-बिहार जैसे हिंदी पट्‌टी वाले राज्य में सियासी नुकसान उठाना चाहेगी। राज ठाकरे पूर्व में हिंदी भाषा को लेकर भी सवाल खड़े करते आए हैं। उन्होंने दिसंबर, 2018 में कहा था कि हिंदी राष्ट्रीय भाषा नहीं है।

मनसे ने ही खोला था मोर्चा : राज ठाकरे ने 2006 में महाराष्ट्र नव निर्माण सेना (मनसे) की स्थापना की थी। पार्टी को शुरुआत के सालों में उत्तर भारतीयों को मुंबई में निशाना बनाए जाने के कारण प्रसिद्धि भी हासिल हुई थी। पार्टी को 2009 के विधानसभा चुनावों में 13 सीटों पर जीत मिली थी। इसके बाद के सालों में पार्टी ने बीएमसी में सीटें जीती थी, लेकिन 2019 के विधानसभा चुनावों में पार्टी कोई भी सीट नहीं जीत पाई थी और पार्टी का वोट 2.25% रह गया था। ऐसे में सवाल है कि क्या बीजेपी राज ठाकरे को शामिल करके उत्तर भारतीयों को साथ की नाराजगी मोल लेना चाहेगी? आशंका जताई जा रही है कि अगर एनडीए में राज ठाकरे की एंट्री होती है तो बिहार में I.N.D.I.A अलायंस की पार्टियों इसे मुद्दा बना सकती है, हालांकि झारखंड के जमशेदपुर में बिहारियों और हिंदी भाषियों के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी का मामला पिछले साल खत्म हो चुका है। राज ठाकरे ने माफी मांगी थी इसके बाद कोर्ट में मामला खत्म हुआ था। यह मामला 9 मार्च 2007 का है। मुंबई के सायन मुखानंद सभागार में मनसे के स्थापना दिवस पर राज ठाकरे ने कहा था कि महाराष्ट्र में मराठियों का सम्मान करो वरना थप्पड़ के लिए तैयार रहो। नहीं तो कान पकड़कर खदेड़ दिए जाएंगे। मनसे ने 2014 और 2019 का चुनाव नहीं लड़ा था।

मनसे के पास कितनी ताकत?

चुनाववोट प्रतिशतसीटें
2009 विधानसभा चुनाव5.71%13
2014 विधानसभा चुनाव3.15%1
2019 विधानसभा चुनाव2.25%

शिंदे सेना को कैसे संभालेगी पार्टी? : उत्तर भारतीयों के साथ अगर राज ठाकरे महायुति में आते हैं तो बीजेपी सहयोगियों को कैसे संभालेगी। इसको लेकर भी सवाल खड़े हो रहे हैं। अगर मनसे महायुति का हिस्सा बनती है तो वह शिवसेना के प्रभाव वाली सीटों को ही मांगेगी। उदाहरण के तौर पर मनसे की तरफ से मुंबई दक्षिण और शिरडी की सीट मांगे जाने की बात सामने आई है। इन दोनों सीटों को 2019 में अविभाजित शिवसेना के उम्मीदवारों ने जीत हासिल की थी। ऐसे में बीजेपी शिंदे की अगुवाई वाली शिवसेना से कैसे तालमेल बैठाएगी। इसकाे लेकर राजनीतिक हलकों में चर्चा तेज हो गई है।

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