मुंबई, 19 मार्च (The News Air): 2024 लोकसभा चुनावों से पहले महाराष्ट्र में बड़ी सियासी हलचल सामने आई है। बीजेपी के अगुवाई वाले महायुति में महाराष्ट्र नव निर्माण सेना (मनसे) के प्रमुख राज ठाकरे की एंट्री तय मानी जा रही है। दावा किया जा रहा है कि जल्द ही महायुति के चौथे पार्टनर के तौर पर मनसे का नाम घोषित हो सकता है। महाराष्ट्र में राज ठाकरे को साथ लेने के पीछे कहा जा रहा है कि इससे बीजेपी उद्धव ठाकरे फैक्टर को काटकर महाविकास अघाड़ी को और कमजोर कर सकेगी, लेकिन इसी के साथ सवाल खड़ा हो रहा है कि पूर्व में उत्तर भारतीयों के नजर में खलनायक रहे राज ठाकरे को साथ लेकर बीजेपी यूपी-बिहार जैसे हिंदी पट्टी वाले राज्य में सियासी नुकसान उठाना चाहेगी। राज ठाकरे पूर्व में हिंदी भाषा को लेकर भी सवाल खड़े करते आए हैं। उन्होंने दिसंबर, 2018 में कहा था कि हिंदी राष्ट्रीय भाषा नहीं है।
मनसे के पास कितनी ताकत?
चुनाव | वोट प्रतिशत | सीटें |
2009 विधानसभा चुनाव | 5.71% | 13 |
2014 विधानसभा चुनाव | 3.15% | 1 |
2019 विधानसभा चुनाव | 2.25% | – |
शिंदे सेना को कैसे संभालेगी पार्टी? : उत्तर भारतीयों के साथ अगर राज ठाकरे महायुति में आते हैं तो बीजेपी सहयोगियों को कैसे संभालेगी। इसको लेकर भी सवाल खड़े हो रहे हैं। अगर मनसे महायुति का हिस्सा बनती है तो वह शिवसेना के प्रभाव वाली सीटों को ही मांगेगी। उदाहरण के तौर पर मनसे की तरफ से मुंबई दक्षिण और शिरडी की सीट मांगे जाने की बात सामने आई है। इन दोनों सीटों को 2019 में अविभाजित शिवसेना के उम्मीदवारों ने जीत हासिल की थी। ऐसे में बीजेपी शिंदे की अगुवाई वाली शिवसेना से कैसे तालमेल बैठाएगी। इसकाे लेकर राजनीतिक हलकों में चर्चा तेज हो गई है।