ओबीसी आरक्षण बिल के विरोध में है भाजपा- संजय सिंह

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Sanjay Singh

नई दिल्ली, 27 जुलाई (The News Air): आम आदमी पार्टी ने ओबीसी आरक्षण बिल को लेकर पीएम मोदी और भाजपा की नीयत पर प्रश्न खड़ा किया है। ‘‘आप’’ के सांसद संजय सिंह ने कहा कि भाजपा ओबीसी आरक्षण बिल की विरोधी है। सदन में मैंने इस बिल का समर्थन किया तो भाजपा ने मुझे जेल भेजने की धमकी दी, लेकिन मैं इनकी जेल से डरने वाला नहीं हूं। उन्होंने चुनौती दी कि अगर मोदी जी और भाजपा पिछड़ों के हितैषी हैं और इनकी नियत साफ है तो ओबीसी आरक्षण बिल पास कराएं। ये बिल पिछड़े समाज के हित में है। उन्होंने भाजपा को दलितों, पिछड़ों, अल्पसंख्यकों, युवाओं और महिलाओं का विरोधी बताते हुए कहा कि सपा सांसद द्वारा ओबीसी आरक्षण बिल रखते ही भजपाई बौखला गए और केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल के नेतृत्व में विपक्ष के साथ बदसलूकी व दादागिरी करने लगे। उन्होंने साफ किया कि जब भी दलितों, पिछड़ों, आदिवासियों के हक की बात होगी, आम आदमी पार्टी उनकी आवाज उठाएगी। इस दौरान उन्होंने देश के हाईकोर्ट नियुक्त जजों व केंद्रीय विश्वविद्यालयों में एससी, एसटी, ओबीसी और दिव्यांगों के खाली पदों के आंकड़े भी रखे।

आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सदस्य संजय सिंह ने पार्टी कार्यालय में प्रेसवार्ता कर कहा कि देश के सर्वाच्च सदन में मंत्री पीयूष गोयल के नेतृत्व में भाजपा के सांसदों ने जो किया, वो अत्यंत शर्मनाक और दुर्भाग्यपूर्ण है। यह सत्तापक्ष की दबंगई को प्रदर्शित करता है। इस दबंगई और बदसलूकी की वजह बताते हुए संजय सिंह ने कहा कि समाजवादी पार्टी के सांसद जावेद अली खान एक प्राइवेट मेंबर बिल लेकर आए कि ओबीसी का आरक्षण उनकी जनसंख्या के आधार पर दिया जाए। इस बिल के आते ही भाजपा आग बबूला हो गई, उसका खून खौल उठा। भाजपा को लगता कि इस देश के सदन में कैसे ओबीसी का आरक्षण उनकी संख्या के आधार पर दिए जाए पर चर्चा हो सकती है।

संजय सिंह ने कहा कि शुक्रवार को राज्यसभा के सदन में मंत्री पीयूष गोयल के नेतृत्व में भाजपा के सांसदों ने जैसी बदसलूकी और दबंगई की, उस वक्त कांग्रेस के सांसद नीरज डांगी बोल रहे थे। दलित समाज से आने वाले नीरज डांगी के साथ भाजपा सांसदों ने जो कुछ किया, वह भाजपा के दलित, आदिवासी और पिछड़ा विरोधी चेहरे को पूरे देश के सामने उजागर करता है। उस दौरान अगर सभापति हस्तक्षेप नहीं करते तो शायद सदन में भाजपा के सांसद मारपीट भी करते। क्योंकि पीयूष गोयल और भाजपा के सांसद इतने उत्तेजित हो चुके थे। सभापति के हस्तक्षेप के बाद स्थिति नियंत्रित हो पाई।

संजय सिंह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से पूछा कि आप देश के पिछड़ों से इतनी नफरत क्यों करते हैं? जाति जनगणना क्यों नहीं होनी चाहिए? पिछड़े वर्ग के लोगों की जितनी जनसंख्या है, उसके अनुपात में उनको आरक्षण क्यों नहीं मिलना चाहिए। अगर इस पर चर्चा हो रही है तो भाजपा के सांसद बदसलूकी करेंगे और उनको बोलने नहीं देंगे, आखिर प्रधानमंत्री कैसे सदन की कार्यवाही चलाना चाहते हैं? संजय सिंह ने ओबीसी बिल पर बोल रहे कांग्रेस सांसद नीरज डांगी का वीडियो दिखाते हुए कहा कि सभापति लगातार भाजपा सांसदों को बोलने से रोक रही हैं। दलित समाज से आने वाले कांग्र्रेस सांसद नीरज डांगी को पूरी भाजपा बोलने नहीं दी। मजबूर सभापति को एक घंटे के लिए सदन को स्थगित करना पड़ा।

इस दौरान संजय सिंह ने सदन में मंत्री पीयूष गोयल द्वारा की गई गलत बयानबाजी का वीडियो दिखाते हुए कहा कि पीयूष गोयल कह रहे कि विपक्ष के लोगों ने हंगामा किया। जबकि वीडियो में साफ दिख रहा है कि जब कांग्र्रेस के सांसद नीरज डांगी बोल रहे थे, तब पूरी भाजपा खड़ी होकर विरोध कर रही थी। मैंने इसे लेकर ट्वीट किया कि राज्यसभा में मोदी सरकार का पिछड़ा वर्ग विरोधी चरित्र सामने दिखा। सपा सांसद जावेद अली खान के पिछड़ों की संख्या के आधार पर आरक्षण दिए जाने के प्राइवेट मेंबर बिल पर भाजपा ने खूब हंगामा किया और सदन को स्थगित करा दिया। भाजपा पिछड़ों, दलितों और आदिवासियों के खिलाफ हमेशा थी और हमेशा रहेगी। यह ट्वीट इसलिए किया क्योंकि दलित समाज से कांग्रेस के सांसद नीरज डांगी को ओबीसी बिल पर भाजपा सांसदों ने बोलने नहीं दिया। उस दौरान आदिवासी समाज से आने वाली उपसभापति चेयर पर बैठी हुई हैं और वो भाजपा के लोगों को बार-बार रोक रही हैं। लेकिन भाजपा के सांसदों ने उनकी बात नहीं सुनी और उपसभापति को अपमानित होना पड़ा। आखिर में एक घंटे के लिए सदन को स्थगित करना पड़ा। मंत्री पीयूष गोयल मेरे उपर एक झूठा आरोप लगा रहे हैं कि मैंने गलत ट्वीट किया है। इसके बाद पूरी भाजपा खड़ी होकर चिल्लाने लगी और मेरे उपर टूट पड़ी। अगर उपसभापति वहां नहीं होतीं तो भाजपा के सांसद सदन में ही मेरे साथ मारपीट करने आ जाते। इस दौरान भाजपा के एक सांसद चिल्लाते हुए कहे कि संजय सिंह को जेल भेजना है।

संजय सिंह ने भाजपा सांसदों से कहा कि जेल, लाठी और मुकदमें का डर किसी और को दिखाना। अपने आकाओं को भी बता देना कि हम लोग जेल, लाठी और मुकदमों से डरने वाले लोग नहीं हैं। पिछड़ों, दलितों, आदिवासियों, अल्पसंख्यकों और वंचितों के हक की जहां बात होगी, वहां आम आदमी पार्टी हमेशा बोलेगी। समाज के कमजोर वर्गों की आवाज उठाने के लिए ही आम आदमी पार्टी बनी है। संजय सिंह ने ओबीसी आरक्षण पर हुए विवाद के मुद्दे पर सदन में दिए गए अपने भाषण की वीडियो दिखाते हुए कहा कि भाजपा दलितों, पिछड़ों, आदिवासियों, अल्पसंख्यकों, मुसलमानों और इसाइयों की विरोधी है। भाजपा वाले किसी के सगे नहीं हैं। अगर ओबीसी के आरक्षण का बिल आया है और भाजपा की नीयत साफ है तो बिल को पास करे। अगर भाजपा की नीयत ठीक है तो ओबीसी के आरक्षण बिल का क्यों विरोध कर रही है। भाजपा मुझे जेल भेजना चाहती है, फांसी पर चढ़ाना चाहती है या मेरे उपर लाठी चलाना चाहती है, जरूरत चलाए। लेकिन यह बिल देश के पिछड़े वर्ग के लोगों के हित में है। आम आदमी पार्टी इस बिल का समर्थन हजार बार करेगी। जब तक मैं सदन में हूं, भाजपा वाले मेरे किसी भी विपक्षी सांसद को रोक-टोक करेंगे तो उसके खिलाफ आवाज उठाउंगा।

संजय सिंह ने कहा कि अगर प्रधानमंत्री और भाजपा की नीयत साफ है तो ओबीसी के बिल को पास करेंगे। जनसंख्या के आधार पर ओबीसी का आरक्षण होना चाहिए। प्रधानमंत्री देश के अंदर जातीय जनगणना कराकर पता करें कि देश में कितने ओबीसी समाज की आबादी है और उसके आधार पर आरक्षण पास करेंगे। ओबीसी बिल का विरोध कर भाजपा ने अपने काले चेहरे को पूरे देश के सामने बेनकाब किया है। भाजपा ने यह दिखाया कि वो इतने शानदार बिल का विरोध करने पर आमादा हैं, जो पिछड़े समाज के हक में है। पिछड़े समाज के हक की आवाज बाबा साहब डॉ. अंबेडकर और डॉ. लोहिया समेत तमाम समाजवादी नेता उठाते रहे हैं। 1931 के बाद जातीय जनगणना नहीं कराई गई है। ऐसे में कैसे पता चलेगा कि किस वर्ग की कितनी जनसंख्या है और उसकी कितनी हिस्सेदारी होनी चाहिए। सदन के अंदर ओबीसी बिल का विरोध करके भाजपा बेनकाब हो गई है।

संजय सिंह ने भारत सरकार के कुछ आंकड़े बताते हुए कहा कि वर्ष 2018 से नियुक्त हाईकोर्ट के 661 जजों में 21 अनुसूचित जाति, 12 अनुसूचित जन जाति, 78 पिछड़ा वर्ग और 550 समान्य वर्ग के जज हैं। इसीलिए भाजपाई ओबीसी के आरक्षण बिल का विरोध कर रहे हैं। मैंने संबंधित मंत्री से पूछा कि क्या न्यायपालिका में आरक्षण लागू करने की कोई व्यवस्था है? इस पर मंत्री ने जवाब देते हुए कहा कि नहीं है। दिल्ली और देश भर के केंद्रीय विश्वविद्यालयों में वर्ष 2020 तक अनुसूचित जाति के प्रोफेसरों की स्वीकृत पद 297 है, लेकिन वर्तमान में कार्यरत सिर्फ 51 हैं और 246 पद खाल हैं। यानि पूरे देश भर के कंेद्रीय विश्वविद्यालयों में अनुसूचित जाति के 82.82 फीसद पद खाली पड़े हुए हैं। इसी तरह, अनुसूचित जन जाति के स्वीकृत पद 135 है, कार्यरत 8 हैं और 125 पद खाली है। यानि 93 फीसद पद खाली पड़े है। ओबीसी का स्वीकृत पद 269, मौजूदा कार्यरत 9 हैं और 260 खाली पद हैं। यानि 96 फीसद पद खाली हैं। इसीलिए भाजपा वाले ओबीसी बिल का विरोध कर रहे हैं। पीडब्ल्यूडी कटेगरी के स्वीकृत पद 70 हैं, मौजूदा कार्यरत 10 हैं और 60 पद खाली है। दिव्यांगों का 85.71 फीसद पद खाली पड़ा है।

इसी तरह, देश भर के 40 कंेद्रीय विश्वविद्यालयों में जातिवार स्वीकृत असिस्टेंट प्रोफेसर और एसोसिएट प्रोफसर के आंकड़े रखते हुए संजय सिंह ने कहा कि असिस्ट प्रोफेसर में एससी के 1352 हैं, कार्यरत 975 हैं और खाली 377 है। यानि 27.92 फीसद पद खाली है। एसटी के स्वीकृत पद 696 हैं, कार्यरत 463 और 233 पद खाली हैं। यानि 33.4 फीसद पद खाली है। ओबीसी का स्वीकृत पद 2178, कार्यरत 1267 हैं और 911 पद खाली है। यानि 41.82 पद खाली है। दिव्यांग लोगों के लिए स्वीकृत 308, कार्यरत 151 और खाली पद 157 है। यानि 50 फीसद पद खाली है। इसी तरह, एसोसिएट प्रोफेसर में एससी के स्वीकृत पद 602, 141 कार्यरत, 661 पद खाली है। यानि 76 फीसद पद खाली है। एसटी में 286 स्वीकृत है, 40 कार्यरत हैं और 246 पद खाली है। 86.01 फीसद पद खाली है। ओबीसी में 544 स्वीकृत, 31 कार्यरत और 513 पद खाली हैं। यानि 94 फीसद पद खाली है। दिव्यांगों के लिए 132 स्वीकृत, 13 कार्यरत और 119 पद खाली है। यानि 90 फीसद पद खाली है। इसीलिए मैं कहता हूं कि भाजपा दलितों, पिछड़ों, आदिवासियों और दिव्यांगों की विरोधी है। भाजपा ने सबका हक मारा है। जनसंख्या के आधार पर आरक्षण देने की मांग वाले ओबीसी बिल का विरोध करके भाजपा पूरे देश के सामने बेनकाब हुई है।

देश के 40 केंद्रीय विश्वविद्यालयों में प्रोफेसरों के जातिवार स्वीकृत पदों की स्थिति

कटेगरी       स्वीकृत        कार्यरत       खाली         फीसद
एससी        297               51             246         82.82
एसटी        135              08             125           93
ओबीसी      269             09              260          96
दिव्यांग       70               10               60          85.71

देश के 40 केंद्रीय विश्वविद्यालयों में असिस्टेंट प्रोफेसरों की जातिवार स्थिति

कटेगरी       स्वीकृत       कार्यरत       खाली       फीसद
एससी          1352         975          377        27.92
एसटी           696           463          233        33.4
ओबीसी         2178       1267         911       41.82
दिव्यांग         308          151          157       50

देश के 40 केंद्रीय विश्वविद्यालयों में एसोसिएट प्रोफेसरों की जातिवार स्थिति

कटेगरी          स्वीकृत         कार्यरत         खाली       फीसद
एससी             602            141             661          76
एसटी              286            40             246          86.01
ओबीसी         544              31             513           94
दिव्यांग          132             13             119           90

केजरीवाल की रिहाई की मांग को लेकर 30 जुलाई को इंडिया करेगा धरना- संजय सिंह

संजय सिंह ने कहा कि 30 जुलाई को अरविंद केजरीवाल की रिहाई की मांग और उनकी बीमारी के सवाल को लेकर इंडिया गठबंधन का दिल्ली के जंतर मंतर पर धरना होगा। अरविंद केजरीवाल को जेल में प्रताड़ित किया जा रहा है। उनका शुगर लेवल कई बार 50 से नीचे या 50 के आसपास पहुंच चुकी है, जो बेहद खतरनाक स्थिति है। अगर शुगर लेवल 80-70 से नीचे ही जाता है तो वो खतरनाक स्थिति होती है। अरविंद केजरीवाल का शुगर लेवल तो कई बार 50 से नीचे जा चुकी है। 30 जुलाई को जंतर मंतर पर होने वाले धरने में इंडिया गठबंधन के सभी घटक दलों के नेता शामिल होंगे।

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