हरियाणा, 31 अगस्त (The News Air): पिछले एक दशक से हरियाणा में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सरकार सत्ता में है। इस दौरान राज्य ने कई महत्वपूर्ण बदलाव देखे हैं, जिनमें से एक बड़ा परिवर्तन सरकारी नौकरियों के क्षेत्र में हुआ है। पहले हरियाणा में यह धारणा थी कि बिना सिफारिश और रिश्वत के सरकारी नौकरी पाना असंभव था, लेकिन पिछले दस वर्षों में यह सोच पूरी तरह से बदल गई है।
पर्ची-खर्ची से मुक्ति
2014 में भाजपा के सत्ता में आने के बाद, हरियाणा में सरकारी नौकरियों की भर्ती प्रक्रिया में पर्ची-खर्ची का प्रचलन समाप्त कर दिया गया। सरकार ने योग्यता के आधार पर नौकरियां देने की प्रणाली को मजबूत किया, जिससे अब बिना किसी सिफारिश या रिश्वत के योग्य उम्मीदवारों को नौकरियां मिल रही हैं। यह भाजपा सरकार की एक बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है।
1.40 लाख नौकरियों का वितरण
भाजपा के दोनों कार्यकालों में राज्य में 1.40 लाख युवाओं को सरकारी नौकरियां दी गईं, और यह सब योग्यता के आधार पर हुआ। इसके अलावा, 50,000 से ज्यादा नौकरियां पाइपलाइन में हैं, जिनकी भर्ती प्रक्रिया चल रही है। इससे यह साबित होता है कि अब हरियाणा में नौकरी पाने के लिए न तो सिफारिश की जरूरत है और न ही किसी को रिश्वत देनी पड़ती है।
पहले के मुकाबले दोगुनी से ज्यादा भर्तियां
अगर हम भाजपा सरकार के पहले के दशक से तुलना करें, तो एक आंकड़े के अनुसार तब करीब 85 हजार पदों पर ही भर्तियां हो पाई थीं। लेकिन, अब भाजपा सरकार ने पिछले एक दशक में इससे दोगुनी से भी ज्यादा नौकरियों का वितरण किया है। इस बात से स्पष्ट है कि सरकार ने पारदर्शिता और निष्पक्षता के आधार पर नौकरियां देने का प्रयास किया है।
गरीब परिवारों को मिला समान अवसर
अब हरियाणा में गरीब से गरीब परिवार के बच्चों को भी बिना पर्ची-खर्ची के सरकारी नौकरी मिलने लगी है। यह वही हरियाणा है, जहां पहले लोग कहते थे कि बिना रिश्वत दिए सरकारी नौकरी मिलना नामुमकिन है। आज की सच्चाई यह है कि बिना सिफारिश और रिश्वत के गरीब परिवारों के बच्चे भी सरकारी नौकरी पा रहे हैं।
निष्पक्ष और पारदर्शी भर्ती प्रक्रिया
भाजपा सरकार में भर्ती प्रक्रिया में पारदर्शिता को प्राथमिकता दी गई है। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी खुद हरियाणा कौशल रोजगार निगम के तहत नियुक्तियों की निगरानी करते हैं, जिससे योग्य उम्मीदवारों को एसएमएस के माध्यम से नौकरी का ऑफर मिल रहा है। इसके अलावा, सरकार ने 1,20,000 संविदा कर्मचारियों की सेवाओं को भी नियमित किया है, जिससे उन्हें स्थायी सरकारी कर्मचारियों वाली सुविधाएं मिल सकेंगी।
नॉन-स्टॉप भर्ती और पारदर्शिता का सिलसिला
आज हरियाणा के युवाओं को नौकरियां पाने के लिए किसी भी तरह की धांधली का डर नहीं है। वे जानते हैं कि यह सरकार पारदर्शी तरीके से काम करती है और अब उनके भविष्य के साथ कोई खिलवाड़ नहीं कर सकता। आज, हरियाणा में रिक्शा वाले के बेटे के अफसर बनने की खबरें भी आम हो गई हैं, जो पहले की सरकारों में असंभव था।
इस प्रकार, भाजपा सरकार ने पिछले एक दशक में हरियाणा में सरकारी नौकरियों के क्षेत्र में बड़े बदलाव किए हैं, जिससे युवाओं में सरकार के प्रति भरोसा बढ़ा है और राज्य का भविष्य उज्ज्वल हुआ है।