Congress Plan Bihar Election 2025: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के नतीजों ने भले ही कांग्रेस को निराशाजनक स्थिति में ला खड़ा किया हो, लेकिन पार्टी ने अभी हथियार नहीं डाले हैं। हार की समीक्षा के बीच राहुल गांधी ने बिहार कांग्रेस के नेताओं को एक ‘खुफिया ब्लूप्रिंट’ सौंपा है। इस योजना का मकसद केवल हार के कारणों को जानना नहीं, बल्कि चुनावी प्रक्रिया के आंकड़ों की बारीकी से पड़ताल कर नई एनडीए सरकार की नींव को हिलाना है।
हार के बाद राहुल गांधी का ‘सीक्रेट टास्क’
आजादी के बाद बिहार में कभी एकछत्र राज करने वाली कांग्रेस, 2020 के चुनाव में 19 सीटों पर थी, लेकिन 2025 के नतीजों में वह महज 6 सीटों पर सिमट गई है। 14 नवंबर को आए चुनाव परिणामों के बाद से पार्टी लगातार मंथन कर रही थी। इसी बीच, राहुल गांधी की ओर से प्रदेश अध्यक्ष और वरिष्ठ नेताओं को एक बड़ा संदेश मिला है। इस संदेश को एक ‘ब्लूप्रिंट’ के तौर पर देखा जा रहा है, जिसकी जानकारी बिहार के सभी 38 जिलों के जिलाधिकारियों और जिला अध्यक्षों को भेजी जा रही है।
क्या है ‘फॉर्म 17-सी’ (Form 17C) की रणनीति?
कांग्रेस के इस नए प्लान के केंद्र में है ‘फॉर्म 17-सी’ (Form 17-G)। पार्टी ने अपने कार्यकर्ताओं और नेताओं को निर्देश दिया है कि वे हर विधानसभा क्षेत्र के प्रत्येक बूथ से फॉर्म 17-सी का डेटा इकट्ठा करें। कांग्रेस की रणनीति यह है कि हर बूथ पर पड़े वोटों की अंतिम संख्या (जो फॉर्म 17-सी में दर्ज होती है) का मिलान चुनाव आयोग द्वारा घोषित परिणामों से किया जाए। पार्टी यह पता लगाना चाहती है कि क्या वोटिंग के दिन ईवीएम में दर्ज आंकड़ों और मतगणना के दिन बताए गए आंकड़ों में कोई अंतर है या नहीं।
फॉर्म 17-सी आखिर क्यों है इतना अहम?
आम जनता के लिए यह जानना जरूरी है कि फॉर्म 17-सी (या 17-ग) चुनाव प्रक्रिया का सबसे विश्वसनीय दस्तावेज होता है। जब मतदान खत्म होता है, तो पीठासीन अधिकारी ईवीएम को सील करने से पहले उसमें दर्ज कुल मतों की संख्या इस फॉर्म में नोट करते हैं। इस पर पोलिंग एजेंट्स के हस्ताक्षर भी होते हैं। इसमें कंट्रोल यूनिट, बैलेट यूनिट और वीवीपैट के सीरियल नंबर भी दर्ज होते हैं। कांग्रेस का मानना है कि यदि इन आंकड़ों में जरा भी हेरफेर मिला, तो इसे आधार बनाकर नतीजों को चुनौती दी जा सकती है।
आंतरिक कलह और बागियों का प्रदर्शन
जहां एक तरफ कांग्रेस नेतृत्व सरकार को घेरने के लिए ‘ब्लूप्रिंट’ पर काम कर रहा है, वहीं दूसरी तरफ पार्टी को अपने ही घर में विरोध का सामना करना पड़ रहा है। टिकट बंटवारे में धांधली का आरोप लगाते हुए बागी नेताओं ने 21 नवंबर को प्रदर्शन का ऐलान किया है। ऐसे में कांग्रेस के सामने दोहरी चुनौती है—एक तरफ चुनावी हार के बाद संगठन को एकजुट रखना और दूसरी तरफ फॉर्म 17-सी के जरिए राजनीतिक लड़ाई को अंजाम तक पहुंचाना। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि राहुल गांधी का यह दांव बिहार की राजनीति में क्या नया मोड़ लाता है।
मुख्य बातें (Key Points)
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राहुल गांधी का प्लान: बिहार चुनाव में हार के बाद राहुल गांधी ने कांग्रेस नेताओं को एक नया ‘ब्लूप्रिंट’ भेजा है।
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फॉर्म 17-सी की जांच: कांग्रेस सभी 38 जिलों में हर बूथ के ‘फॉर्म 17-सी’ (Form 17C) का डेटा जुटाकर चुनाव आयोग के नतीजों से मिलान करेगी।
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सरकार को घेरने की तैयारी: इस डेटा मिलान का मकसद यह देखना है कि ईवीएम में पड़े वोट और गिने गए वोटों में कोई अंतर तो नहीं है।
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भीतरी विरोध: टिकट बंटवारे से नाराज बागी कांग्रेसी नेता 21 नवंबर को प्रदर्शन करने वाले हैं।






