Bihar Election 2025 — बिहार की सियासत में इस बार महिला वोट बैंक (Women Voters) सबसे बड़ा मुद्दा बन गया है। आगामी विधानसभा चुनाव से पहले तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) और नीतीश कुमार (Nitish Kumar) दोनों ही महिलाओं को लुभाने में जुट गए हैं। RJD ने महिलाओं, खासकर ‘जीविका दीदी’ के लिए कई नई घोषणाएं कर दी हैं, जिन्हें बीजेपी-जेडीयू गठबंधन की योजनाओं का जवाब माना जा रहा है।
राष्ट्रीय जनता दल (RJD) ने मंगलवार को महिलाओं के लिए कई कल्याणकारी वादे करते हुए कहा कि जीविका दीदी के रूप में काम करने वाली महिलाओं की नौकरी अब ठेके पर नहीं, बल्कि स्थायी होगी। उनकी मासिक सैलरी ₹30,000 कर दी जाएगी। इसके साथ ही जिन दीदीयों पर कर्ज है, उस पर ब्याज माफी दी जाएगी और 2027 तक ब्याज-मुक्त लोन की सुविधा दी जाएगी।
पार्टी ने वादा किया कि प्रत्येक जीविका दीदी को ₹2,000 का अतिरिक्त भत्ता और ₹5 लाख का बीमा कवर मिलेगा। तेजस्वी यादव ने नीतीश सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि गांवों से लेकर शहरों तक विकास कार्य इन दीदीयों के बिना संभव नहीं है, लेकिन मौजूदा सरकार ने उनके साथ “अन्याय” किया है।
‘जीविका’ नाम का यह कार्यक्रम विश्व बैंक की सहायता से शुरू किया गया था, जिसका उद्देश्य ग्रामीण महिलाओं को आर्थिक और सामाजिक रूप से सशक्त बनाना है। इस योजना के तहत जुड़ी महिलाएं “जीविका दीदी” कहलाती हैं, जो खुद के समूह चलाकर छोटे व्यवसाय करती हैं।
बिहार में 3.5 करोड़ से अधिक महिला मतदाता हैं और 2020 के चुनावों में इनका बड़ा योगदान रहा। जिन सीटों पर महिला मतदाताओं की संख्या ज्यादा थी, वहां BJP-JDU गठबंधन को 60% से अधिक जीत मिली थी। यही कारण है कि इस बार RJD और महागठबंधन महिलाओं के बीच अपनी पकड़ मजबूत करने की कोशिश में है।
सियासी प्रतिक्रिया (Political Reactions):
भले ही BJP-JDU ने अभी तक RJD के महिला वादों पर औपचारिक प्रतिक्रिया नहीं दी है, लेकिन केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने तेजस्वी यादव के “हर परिवार को सरकारी नौकरी” वाले वादे पर तंज कसा है। उन्होंने कहा कि बिहार में करीब 2.8 करोड़ परिवार हैं, जबकि केवल 20 लाख लोग सरकारी नौकरी में हैं। सभी को नौकरी देना वित्तीय रूप से असंभव है, क्योंकि इसके लिए ₹12 लाख करोड़ की आवश्यकता होगी, जो बिहार के बजट से चार गुना ज्यादा है।
वहीं, NDA सरकार ने भी महिलाओं के लिए कई योजनाओं की घोषणा की है — जैसे “माई बहन मान योजना” के तहत ₹10,000 की आर्थिक मदद, विधवा पेंशन ₹400 से बढ़ाकर ₹1,400, पंचायत और नगर निकायों में 50% आरक्षण, और आशा वर्कर्स व ममता हेल्थ वर्कर्स का मानदेय बढ़ाना। हालांकि विपक्ष ने इस योजना को “वोट के बदले रिश्वत” करार दिया है और दावा किया कि यह पैसा बाद में वसूला जाएगा।
मुख्य बातें (Key Points):
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RJD ने जीविका दीदी की नौकरी स्थायी करने, ₹30,000 सैलरी और ₹5 लाख बीमा का वादा किया।
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2027 तक ब्याज-मुक्त लोन और ₹2,000 अतिरिक्त भत्ते की घोषणा भी की गई।
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BJP-JDU ने “माई बहन मान योजना” के तहत ₹10,000 और अन्य महिला कल्याण योजनाएं शुरू कीं।
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अमित शाह ने तेजस्वी के “हर परिवार को नौकरी” वाले वादे को असंभव बताया।
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बिहार में 3.5 करोड़ महिला मतदाता, 2025 चुनाव में बनेंगी सियासत का निर्णायक वर्ग।






