Majithia Drug Case – पंजाब में शिरोमणि अकाली दल (Shiromani Akali Dal – SAD) के वरिष्ठ नेता बिक्रम सिंह मजीठिया (Bikram Singh Majithia) के खिलाफ ड्रग तस्करी मामले में एक बड़ा मोड़ आ गया है। मामले की जांच कर रही SIT (Special Investigation Team) ने मोहाली (Mohali) कोर्ट में याचिका दायर कर सर्च वारंट की मांग की है।
SIT की इस याचिका की जानकारी मिलते ही मजीठिया के वकीलों ने भी कोर्ट में आवेदन दायर कर SIT द्वारा दाखिल याचिका की कॉपी मांगी। इसके साथ ही, उन्होंने कोर्ट से पूछा कि किन स्थानों की तलाशी ली जानी है, इस पर स्पष्टता दी जाए। हालांकि, पंजाब सरकार की ओर से पेश वकीलों ने इस मांग को गलत और अनावश्यक बताया। अब इस मामले की अगली सुनवाई 5 अप्रैल को होगी, जिसमें बहस होगी कि SIT को सर्च वारंट मिलेगा या नहीं।
पहले से दर्ज है मामला, मजीठिया ने जताई थी आशंका
फेज-4 स्टेट क्राइम ब्रांच (State Crime Branch) में मजीठिया के खिलाफ पहले से मामला दर्ज है। बिक्रम सिंह मजीठिया पहले ही एक वीडियो जारी कर कह चुके हैं कि पंजाब सरकार उनके खिलाफ नया केस दर्ज करने की तैयारी में है। उनका दावा है कि सरकार उनके घरों की तलाशी के लिए सर्च वारंट ले सकती है।
मजीठिया के खिलाफ पहले भी दर्ज हो चुका है केस
SIT ने NDPS (Narcotic Drugs and Psychotropic Substances) Act के तहत दर्ज FIR को ही इस जांच का आधार बनाया है। 2022 में जब यह केस दर्ज हुआ था, तब कांग्रेस सरकार थी। उस समय SIT ने दावा किया था कि भोला ड्रग्स मामले (Bhola Drugs Case) में 6 से 10 FIR दर्ज की गई थीं, जिन पर कोर्ट पहले ही फैसला सुना चुका है।
इन मामलों में पहले ही निर्णय आ चुका था, इसलिए मजीठिया को नामजद नहीं किया गया था। हालांकि, कांग्रेस सरकार ने 2022 में नए सिरे से मामला दर्ज किया, जिसके चलते मजीठिया को जेल भी जाना पड़ा था।
पंजाब सरकार ने 5वीं बार बदली SIT टीम
बिक्रम मजीठिया से जुड़े इस हाई-प्रोफाइल मामले की जांच कर रही SIT में लगातार बदलाव हो रहे हैं। हाल ही में पंजाब सरकार ने SIT प्रमुख को फिर से बदल दिया।
SIT के नए सदस्य:
AIG वरुण शर्मा (Varun Sharma) को SIT का नया प्रमुख बनाया गया है।
इससे पहले DIG एचएस भुल्लर (HS Bhullar) इस जांच की अगुवाई कर रहे थे।
तरनतारन (Tarn Taran) के SSP अभिमन्यु राणा (Abhimanyu Rana) को SIT में शामिल किया गया है।
एसपी (NRI), पटियाला (Patiala) गुरबंस सिंह बैंस (Gurbans Singh Bains) को भी इस टीम में जोड़ा गया है।
यह 5वीं बार है जब इस SIT को बदला गया है। इससे पहले SIT का नेतृत्व हमेशा DIG या उससे वरिष्ठ अधिकारी करते थे, लेकिन इस बार पहली बार AIG रैंक के अधिकारी को SIT की कमान सौंपी गई है।
क्या होगा अगला कदम?
SIT की यह याचिका अदालत में कितनी मजबूत साबित होती है, यह 5 अप्रैल की सुनवाई में तय होगा। अगर कोर्ट SIT को सर्च वारंट जारी कर देता है, तो मजीठिया के ठिकानों पर छापेमारी हो सकती है।
वहीं, मजीठिया के वकील पूरी कोशिश कर रहे हैं कि यह सर्च वारंट जारी न हो। इस मामले का सीधा असर पंजाब की राजनीति पर भी पड़ सकता है, क्योंकि अकाली दल इस मुद्दे पर लगातार सरकार पर निशाना साध रहा है।
अब देखना होगा कि क्या पंजाब सरकार इस केस को और आगे ले जाएगी या फिर मजीठिया को इस बार भी राहत मिलेगी।