केरल सरकार ने डाइंग इन हार्नेस योजना (Dying in Harness scheme) के तहत काम कर रहे कर्मचारियों को आश्रितों की देखभाल नहीं करने पर सख्त कार्रवाई करने का फैसला किया है। मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन की अध्यक्षता में हुई राज्य कैबिनेट की बैठक में यह फैसला लिया गया। कैबिनेट ने कहा कि इस योजना के तहत नौकरी पाने वाले कर्मचारी मृतक के अन्य आश्रितों की सुरक्षा और जरूरतों के लिए जिम्मेदार हैं।
कैबिनेट बैठक में निर्णय लिया गया कि यदि ऐसे कर्मचारी अन्य आश्रितों को सुरक्षा प्रदान नहीं करते हैं, तो उनके बेसिक सैलरी में से मूल वेतन से 25 प्रतिशत की कटौती की जानी चाहिए और यह राशि अन्य पात्र आश्रितों को दी जानी चाहिए।
पैसा आश्रितों के बैंक खाते में किया जाएगा जमा
यदि किसी व्यक्ति को मृतक आश्रित योजना के तहत नौकरी मिलती है और वह अन्य आश्रितों को भोजन, आश्रय, इलाज और देखभाल से संबंधित सुविधाएं प्रदान नहीं करता है, तो ऐसे कर्मचारी के खिलाफ नियुक्ति प्राधिकारी में शिकायत दर्ज की जा सकती है। अगर कर्मचारी के खिलाफ दर्ज शिकायत सही पाई गई तो उसके बेसिक वेतन से 25 फीसदी पैसा काटकर अन्य आश्रितों के बैंक खातों में जमा कर दिया जाएगा।
तहसीलदार से कराई जाएगी
कर्मचारी तहसीलदार की जांच से अगर असंतुष्ट होते हैं तो जिला कलेक्टर के पास अपील कर सकते हैं और जिला कलेक्टर का लिया गया फैसला अंतिम होगा। हालांकि, इसमें कहा गया है कि यदि आश्रित पारिवारिक पेंशन के हकदार हैं, तो वे सुरक्षा के हकदार नहीं हैं।