नई दिल्ली (New Delhi) 20 जनवरी (The News Air) : भारतीय रिजर्व बैंक (Reserve Bank of India – RBI) ने डिजिटल लेनदेन और मोबाइल फ्रॉड की बढ़ती घटनाओं को ध्यान में रखते हुए नए दिशा-निर्देश जारी किए हैं। इन नियमों के तहत सभी बैंकों, गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (Non-Banking Financial Companies – NBFCs), और पेमेंट एग्रीगेटर्स को कॉल और SMS के लिए स्पेशल नंबर का इस्तेमाल करना अनिवार्य होगा।
RBI ने यह स्पष्ट कर दिया है कि इन नियमों को 31 मार्च 2025 तक लागू करना होगा। इस कदम का उद्देश्य डिजिटल फ्रॉड की घटनाओं को रोकना और उपभोक्ताओं को एक सुरक्षित डिजिटल अनुभव प्रदान करना है।
मोबाइल नंबर रिवोकेशन लिस्ट (MNRL): क्या है और क्यों है जरूरी? : इन नए दिशा-निर्देशों के तहत मोबाइल नंबर रिवोकेशन लिस्ट (Mobile Number Revocation List – MNRL) का उपयोग अनिवार्य किया गया है।
- क्या है MNRL?
यह टेलिकॉम विभाग (Department of Telecommunications – DoT) द्वारा तैयार की गई एक सूची है, जिसमें रद्द किए गए या निष्क्रिय मोबाइल नंबरों का डेटा होता है। - उद्देश्य:
- रद्द किए गए नंबरों से जुड़े खातों की सुरक्षा सुनिश्चित करना।
- धोखाधड़ी और साइबर अपराधों में कमी लाना।
नए नियमों का असर: खातों की निगरानी और कस्टमर केयर में पारदर्शिता
- खातों की निगरानी:
RBI ने निर्देश दिया है कि रद्द किए गए मोबाइल नंबरों से जुड़े खातों की कड़ी निगरानी की जाए।- इन खातों का दुरुपयोग मनी म्यूल्स (Money Mules) और साइबर फ्रॉड में रोका जा सकेगा।
- TRAI (Telecom Regulatory Authority of India) के नंबरिंग प्रोटोकॉल को अपनाकर ट्रांजेक्शन और प्रमोशनल कॉल्स को अलग-अलग पहचानने में आसानी होगी।
- कस्टमर केयर नंबर रजिस्ट्रेशन:
- सभी संस्थाओं को अपने कस्टमर केयर नंबर DoT के टेलिकॉम साथी पोर्टल (Telecom Samvad Portal) पर पंजीकृत करना होगा।
- यह कदम ग्राहकों को फर्जी कॉल्स और SMS से बचाने में मदद करेगा।
अनचाही कॉल्स और मैसेज रोकने के उपाय
- डिस्ट्रीब्यूटेड लेजर टेक्नोलॉजी (DLT):
- सभी REs को DLT प्लेटफॉर्म पर पंजीकरण कराना होगा।
- प्रमोशनल SMS और कॉल्स के लिए प्री-अप्रूव्ड टेम्पलेट का इस्तेमाल अनिवार्य होगा।
- डिजिटल सहमति (Digital Consent):
- प्रमोशनल मैसेज के लिए ग्राहकों से डिजिटल सहमति लेना जरूरी होगा।
इन उपायों से न केवल अवांछित टेलीमार्केटर्स पर लगाम लगेगी, बल्कि धोखाधड़ी के मामलों की जांच और ट्रेसिंग भी आसान होगी।
ग्राहक जागरूकता और डेटा सुरक्षा : RBI ने सभी संस्थाओं को निर्देश दिया है कि वे ग्राहकों को इन नए नियमों के बारे में पूरी जानकारी प्रदान करें।
- जानकारी कैसे दी जाएगी?
- SMS, ईमेल, और स्थानीय भाषाओं के माध्यम से।
- ग्राहकों को फर्जी कॉल्स और मैसेज से बचने के उपाय भी बताए जाएंगे।
डेटा सुरक्षा के लिए विशेष कदम उठाए जा रहे हैं:
- डेटा गोपनीयता सुनिश्चित करना।
- किसी भी उल्लंघन की स्थिति में तुरंत रिपोर्ट करना।
RBI के नियम: डिजिटल फ्रॉड पर लगेगी लगाम : RBI और TRAI के नए नियम भारत के डिजिटल इकोसिस्टम को और सुरक्षित बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम हैं। इनका उद्देश्य ग्राहकों को फ्रॉड से बचाना, टेलिकॉम ट्रैफिक को विनियमित करना और डिजिटल लेनदेन में पारदर्शिता बढ़ाना है।
RBI के इन नए दिशा-निर्देशों से बैंकों और ग्राहकों के बीच पारदर्शिता बढ़ेगी और डिजिटल फ्रॉड पर लगाम लगेगी। यह पहल भारत के डिजिटल फाइनेंस इकोसिस्टम को मजबूत करने और ग्राहकों को सुरक्षित डिजिटल अनुभव प्रदान करने की दिशा में एक बड़ा कदम है। सभी संस्थाओं को 31 मार्च 2025 तक इन नियमों का पालन सुनिश्चित करना होगा।