होशियारपुर (Hoshiarpur), 5 जनवरी (The News Air) पंजाब के होशियारपुर जिले के बद्दों गांव (Baddo Village) में एक निजी स्कूल के प्रिंसिपल द्वारा की गई शर्मनाक हरकत ने पूरे राज्य को झकझोर दिया है। सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे एक वीडियो ने इस घटना को उजागर किया, जिसमें प्रिंसिपल एक सिख बच्चे के बाल खींचते और थप्पड़ मारते हुए नजर आ रहा है। यह घटना शिक्षा प्रणाली और बच्चों की सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े करती है।
वीडियो में क्या है? : वायरल वीडियो में प्रिंसिपल को एक छात्र के साथ बेहद हिंसक व्यवहार करते देखा जा सकता है। बच्चा दर्द से रोता है, लेकिन प्रिंसिपल अपनी हरकतें जारी रखती है। यह घटना न केवल एक बच्चे के प्रति अमानवीय बर्ताव है, बल्कि सिख धर्म के प्रतीकों का भी अपमान है। पीड़ित बच्चा लगभग 6 साल का है, और इस घटना ने बच्चों की सुरक्षा के प्रति समाज में गुस्सा और चिंता बढ़ा दी है।
सोशल मीडिया पर आक्रोश : इस घटना का वीडियो वायरल होते ही सोशल मीडिया पर जबरदस्त आक्रोश देखने को मिला। लोगों ने घटना की निंदा करते हुए स्कूल प्रशासन और प्रिंसिपल के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की।
- सिख संगठनों ने इसे सिख धर्म के प्रतीकों और मर्यादाओं का अपमान बताया।
- सामाजिक कार्यकर्ताओं ने इसे बच्चों के अधिकारों का उल्लंघन कहा।
- ट्विटर और फेसबुक पर #JusticeForSikhChild और #SchoolViolence जैसे हैशटैग ट्रेंड करने लगे।
शिक्षा मंत्री का बयान: पंजाब के शिक्षा मंत्री हरजोत सिंह बैंस (Harjot Singh Bains) ने इस घटना पर सख्त रुख अपनाते हुए कहा, “यह घटना निंदनीय है और इसे किसी भी स्थिति में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। मैंने स्थानीय प्रशासन को स्कूल प्रिंसिपल और मालिक के खिलाफ आपराधिक कार्रवाई करने के आदेश दिए हैं।” मंत्री ने यह भी कहा कि बच्चों के प्रति किसी भी प्रकार की हिंसा के लिए जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाई जाएगी।
A video of a teacher beating a student is circulating on social media, falsely claimed to be of a government school.
It is to clarify that the video is from a private school. We’ve directed the district administration to file an FIR against the school owner, principal, and…
— Harjot Singh Bains (@harjotbains) January 5, 2025
प्रिंसिपल और स्कूल प्रशासन पर सवाल: घटना के बाद स्कूल प्रशासन ने अभी तक कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया है। स्थानीय लोग और अभिभावक इस घटना को लेकर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।
क्या कहता है कानून?
- भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 323 (जानबूझकर चोट पहुंचाना) और धारा 504 (जानबूझकर अपमान करना) के तहत मामला दर्ज किया जा सकता है।
- बच्चों के अधिकारों की रक्षा के लिए जुवेनाइल जस्टिस एक्ट 2015 के तहत भी कड़ी सजा का प्रावधान है।
- यह मामला पॉक्सो एक्ट (POCSO Act) के अंतर्गत भी आ सकता है, जो बच्चों के प्रति हिंसा को रोकने के लिए सख्त कानून है।
समाज के लिए संदेश : यह घटना न केवल शिक्षा प्रणाली की खामियों को उजागर करती है, बल्कि यह भी दिखाती है कि बच्चों के साथ हिंसा का सामना करने में हमारी प्रणाली कितनी लापरवाह हो सकती है। बच्चों की सुरक्षा और उनके अधिकारों की रक्षा हर नागरिक की जिम्मेदारी है।