‘आप’ सांसद संजय सिंह का समर्थन करने संसद पहुंचे भगवंत मान

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bhagwant mann and sajnay singh

नई दिल्ली, 27 जुलाई (The News Air)आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता और पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान गुरुवार को संसद परिसर में प्रदर्शन कर रहे आप के राज्यसभा सदस्य संजय सिंह के समर्थन में संसद भवन पहुंचे। संजय सिंह को पूरे मानसून सत्र के लिए सदन से निलंबित कर दिया गया है।

मान ने कहा कि सदन में विपक्षी आवाजों को दबाना कोई नई बात नहीं है लेकिन अगर वे (भाजपा सरकार) लोकतंत्र के मंदिर को जिस तरह चला रहे हैं, इसमें कोई शक नहीं कि आज देश (मणिपुर) इस इसी कारण इस स्थिति में है। उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी हमेशा कहती है कि नफरत की राजनीति से कुछ भी अच्छा नहीं होता। आज मणिपुर में जो हो रहा है वह भी ध्रुवीकरण की उसी घटिया राजनीति का परिणाम है।

संजय सिंह के निलंबन पर मान ने कहा कि यह लोकतंत्र और संविधान के खिलाफ है। यही वजह है कि आज सभी विपक्षी सदस्य संजय सिंह के साथ खड़े हैं। उन्होंने कहा कि वह आठ साल तक संसद के सदस्य रहे और जब किसी ज्वलंत मुद्दों पर विपक्षी नेता की आवाज नहीं सुनी जाती है तभी वह अपनी सीट छोड़कर सभापति के चेयर के पास जाते हैं।

राज्यपालों के दुरुपयोग पर भाजपा से सवाल करते हुए मान ने कहा कि पंजाब जैसे राज्यों में जहां गैर-भाजपा सरकार है वहां राज्यपाल सरकार के कामकाज में अनावश्यक हस्तक्षेप करते हैं, लेकिन मणिपुर तीन महीने से जल रहा है, वहां का राज्यपाल कहां हैं? मान ने कहा कि मणिपुर में तत्काल प्रभाव से राष्ट्रपति शासन लगाया जाना चाहिए।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला बोलते हुए मान ने कहा कि प्रधानमंत्री को सिर्फ मणिपुर का जिक्र करने में 78 दिन लग गए। जब भारत का अभिन्न अंग मणिपुर जल रहा था, तब मोदी अमेरिका, फ्रांस और यूएई के दौरे में व्यस्त थे।

उन्होंने कहा कि मणिपुर में इंटरनेट पर प्रतिबंध है इसलिए अभी तक केवल एक वीडियो सामने आया है जिसने पूरे देश को भयभीत कर दिया है। इसलिए कोई कल्पना भी नहीं कर सकता कि राज्य में किस पैमाने पर हिंसा और क्रूरता हो रही है। मान ने कहा कि देश हमारी बेटियों के साथ इस तरह के दुर्व्यवहार को कभी बर्दाश्त नहीं करेगा और यह सब करवाने वाले को सबक सिखाएगा।

मान ने कहा कि सत्ता के नशे में चूर भाजपा किसी की नहीं सुन रही है। वह सुप्रीम कोर्ट के फैसलों का भी पालन नहीं कर रहे हैं। वे दिल्ली पर अध्यादेश ला रहे हैं, जबकि सुप्रीम कोर्ट ने सर्वसम्मति से इसके खिलाफ फैसला सुनाया। उन्होंने कहा कि आप हर महीने ‘मन की बात’ करते हैं, लेकिन एक बार भारत के लोगों के ‘मन की बात’ भी सुनिए। वही 140 करोड़ लोग अगली सरकार और प्रधानमंत्री तय करेंगे।

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