- राघव चड्ढा एक बार फिर आप के भ्रष्ट विधायक को बचा रहे हैं
चंडीगढ़ 18 फरवरी (The News Air) कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पंजाब में विपक्ष के नेता प्रताप सिंह बाजवा ने शनिवार को बठिंडा (ग्रामीण) से आम आदमी पार्टी (आप) के विधायक अमित रतन कोटफत्ता के खिलाफ सख्त कार्रवाई नहीं करने के लिए भगवंत मान सरकार की आलोचना की।
बाजवा ने कहा कि वह यह जानकर हैरान हैं कि पंजाब विजिलेंस ब्यूरो ने केवल कोटफट्टे के पीए रिशम गर्ग को पकड़ा है जबकि कोटफत्ता को खुला छोड़ दिया गया है। क्या दिल्ली और पंजाब दोनों में शीर्ष संवैधानिक पदों पर काबिज भगवंत मान और अरविंद केजरीवाल जैसे आप नेता अपनी ही पार्टी में भ्रष्टाचार से निपटना नहीं चाहते हैं? क्या वे दोनों भ्रष्टाचार के प्रति जीरो टॉलरेंस के अपने वादे को भूल गए हैं या उन्होंने केवल सत्ता में रहने के लिए हार मान ली है।
बाजवा ने कहा कि घुद्धा गांव की सरपंच सीमा रानी और उनके पति पृथपाल कुमार ने कोटफत्ता के खिलाफ सतर्कता ब्यूरो से संपर्क किया था, इस उम्मीद के साथ कि जांच एजेंसी विधायक के खिलाफ सख्त कार्रवाई करेगी। शिकायत में पृथपाल कुमार ने स्पष्ट रूप से कहा कि ग्रांट जारी करने के लिए कमीशन या रिश्वत के रूप में पांच लाख मांग रहा था। उन्होंने कहा कि घुड्डा गांव के विकास के लिए जो 25 लाख का अनुदान आया था।
वास्तव में विजिलेंस ब्यूरो द्वारा विधायक पर भ्रष्टाचार का मामला दर्ज करने में विफल रहने के बाद पृथपाल कुमार को सोशल मीडिया पर वह ऑडियो क्लिप वायरल करना पड़ा जिसमें अनुदान जारी करने के लिए 5 लाख कोटफत्ता को मांगते हुए स्पष्ट रूप से सुना जा सकता है।
बाजवा ने कहा कि यह लोगों के बीच सामान्य ज्ञान था कि कोटफत्ता की रक्षा कोई और नहीं बल्कि पंजाब के राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा कर रहे हैं। राघव चड्ढा ने एक मध्यस्थ की समान भूमिका निभाई जब आप के पूर्व कैबिनेट मंत्री फौजा सिंह सारारी को अपने विधायक तरसेम लाल कपूर से ठेकेदारों से पैसे निकालने की योजना बनाते हुए ऑडियो टेप पर पकड़ा गया था।
बाजवा ने कहा कि विपक्ष का नेता होने के नाते उनके लगातार दबाव के बाद ही आखिरकार भगवंत मान को झुकना पड़ा और सारारी को मंत्रिमंडल से हटाना पड़ा।
बाजवा ने कहा, इस बार भी भगवंत मान को तुरंत अपने विधायक के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए, अन्यथा कांग्रेस पार्टी इस मुद्दे को पंजाब के लोगों तक ले जाने के लिए मजबूर होगी।”