चुनाव से पहले केजरीवाल का सनातन कार्ड: पुजारियों को 18 हज़ार वेतन और ‘सनातन सेवा समिति’ का ऐलान!

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नई दिल्ली (New Delhi) 08 जनवरी (The News Air): दिल्ली विधानसभा चुनावों से पहले आम आदमी पार्टी (AAP) ने बड़ा राजनीतिक दांव खेला है। पार्टी ने ‘सनातन सेवा समिति’ (Sanatan Seva Samiti) के गठन का ऐलान किया है, जिसे भाजपा (BJP) के ‘मंदिर प्रकोष्ठ’ (Temple Cell) का जवाब माना जा रहा है। इस पहल के तहत पुजारियों और ग्रंथियों को ₹18,000 मासिक सम्मान राशि देने की योजना बनाई गई है।

संतों की मौजूदगी में ऐलान : आम आदमी पार्टी के कार्यालय में आयोजित एक भव्य कार्यक्रम में अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) ने संतों और पुजारियों की उपस्थिति में इस नई पहल की घोषणा की।

इस कार्यक्रम में जगतगुरु रामानुजाचार्य (Jagatguru Ramanujacharya), स्वामी योगेश्वर महाराज (Swami Yogeshwar Maharaj), स्वामी अवधेश महाराज (Swami Avadhesh Maharaj), और कथावाचक आचार्य श्री मधुर दास जी महाराज (Acharya Shri Madhur Das Ji Maharaj) सहित कई प्रमुख संत उपस्थित थे।

केजरीवाल ने संतों का स्वागत करते हुए उन्हें भगवा अंगवस्त्र प्रदान किया। संतों ने इस पहल की सराहना की और कहा कि यह कदम सनातन धर्म की सेवा में मील का पत्थर साबित होगा।

‘ऊपर वाले ने हमें चुना’ – केजरीवाल : अरविंद केजरीवाल ने कहा: “भगवान ने हमें शिक्षा, स्वास्थ्य और बिजली सुधार जैसे कार्यों के लिए चुना। अब सनातन धर्म की सेवा करने का अवसर मिला है। पुजारी और संत 24 घंटे लोगों और भगवान के बीच सेतु का काम करते हैं। उनके लिए काम करना हमारा सौभाग्य है।”

‘रघुकुल रीत सदा चली आई’ का भरोसा : केजरीवाल ने अपने वादे को निभाने का भरोसा देते हुए कहा: “हमने जो कहा है, उसे पूरा करेंगे। भाजपा ने मंदिर प्रकोष्ठ तो बनाया लेकिन संतों और पुजारियों के लिए कुछ नहीं किया। आम आदमी पार्टी जो वादा करती है, उसे निभाती है। चुनाव बाद इसे लागू करेंगे।”

भाजपा को दिया जवाब : अब तक आप सरकार द्वारा केवल इमामों को मासिक वेतन दिया जाता था, जिसे लेकर भाजपा लगातार निशाना साध रही थी।

इस नई घोषणा के जरिए केजरीवाल ने भाजपा को करारा जवाब देते हुए कहा कि उनकी सरकार पुजारियों और ग्रंथियों को भी सम्मान राशि देगी।

सनातन सेवा समिति: क्या है उद्देश्य?

  1. सनातन धर्म के प्रचार-प्रसार के लिए काम करना।
  2. संतों और पुजारियों को आर्थिक सहायता प्रदान करना।
  3. धार्मिक कार्यों और मंदिर प्रबंधन में मदद करना।
  4. सनातन धर्म के प्रति समाज में जागरूकता फैलाना।

भाजपा और ‘आप’ के बीच बढ़ा टकराव: आप की इस घोषणा को भाजपा के ‘हिंदुत्व एजेंडा’ के खिलाफ बड़ा कदम माना जा रहा है।

भाजपा नेताओं ने कहा कि यह “राजनीतिक पाखंड” है, जबकि ‘आप’ ने इसे सनातन धर्म की सच्ची सेवा करार दिया।

आम आदमी पार्टी का यह कदम केवल चुनावी रणनीति है या सनातन धर्म की सच्ची सेवा, यह तो वक्त बताएगा। लेकिन इतना साफ है कि केजरीवाल की यह घोषणा चुनावी माहौल में बड़ा असर डाल सकती है। अब देखना यह है कि इस पर जनता और भाजपा की प्रतिक्रिया क्या होगी।

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